छह सालों से संविदा शिक्षक बनने का ख्वाब देख रहे उम्मीदवारों के लिए अच्छी
खबर है। आखिरकार अगले साल फरवरी में 32 हजार संविदा शिक्षकों की भर्ती
होगी।
आने वाले तीन महीनों में अतिथि शिक्षकों की आयु सीमा में छूट और 25 फीसदी आरक्षण से जुड़े नियम पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की नियमावली में जुड़ जाएंगे। इसके बाद भर्ती की अधिसूचना जारी होगी। ये परीक्षा प्रदेश के वर्ग-1 के 10905, वर्ग-2 के 11200 और वर्ग-3 के 9540 पदों को भरने के लिए की जाएगी।
संविदा शिक्षक भर्ती में संविदा शिक्षकों को आयु सीमा में नौ साल की छूट और 25 फीसदी आरक्षण पर प्रदेश केबिनेट ने हाल ही में मुहर लगाई है। ये दोनों बिंदु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के नियमों में जुड़ेंगे। पहला ड्राफ्ट प्रकाशन के लिए भेज दिया गया है। प्रकाशन के बाद एक महीना इस पर सुनवाई होगी। उसके बाद अंतिम प्रकाशन होगा। पूरी प्रक्रिया में दो-तीन महीने लगेंगे। अगले साल फरवरी में भर्ती की अधिसूचना जारी हो जाएगी। नियुक्ति प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से होगी। बोर्ड इसके लिए पात्रता परीक्षा आयोजित करेगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने आखिरी बार वर्ष 2011 में भर्ती की थी। तब करीब 40 हजार पद भरे थे। कायदे से भर्ती हर तीन साल में होना थी, लेकिन सरकार ने वर्ष 2011 के बाद से इस ओर ध्यान नहीं दिया। इस बीच कई डीएड-बीएड प्रशिक्षित युवा ओवर-एज हो गए।
आने वाले तीन महीनों में अतिथि शिक्षकों की आयु सीमा में छूट और 25 फीसदी आरक्षण से जुड़े नियम पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की नियमावली में जुड़ जाएंगे। इसके बाद भर्ती की अधिसूचना जारी होगी। ये परीक्षा प्रदेश के वर्ग-1 के 10905, वर्ग-2 के 11200 और वर्ग-3 के 9540 पदों को भरने के लिए की जाएगी।
संविदा शिक्षक भर्ती में संविदा शिक्षकों को आयु सीमा में नौ साल की छूट और 25 फीसदी आरक्षण पर प्रदेश केबिनेट ने हाल ही में मुहर लगाई है। ये दोनों बिंदु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के नियमों में जुड़ेंगे। पहला ड्राफ्ट प्रकाशन के लिए भेज दिया गया है। प्रकाशन के बाद एक महीना इस पर सुनवाई होगी। उसके बाद अंतिम प्रकाशन होगा। पूरी प्रक्रिया में दो-तीन महीने लगेंगे। अगले साल फरवरी में भर्ती की अधिसूचना जारी हो जाएगी। नियुक्ति प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से होगी। बोर्ड इसके लिए पात्रता परीक्षा आयोजित करेगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने आखिरी बार वर्ष 2011 में भर्ती की थी। तब करीब 40 हजार पद भरे थे। कायदे से भर्ती हर तीन साल में होना थी, लेकिन सरकार ने वर्ष 2011 के बाद से इस ओर ध्यान नहीं दिया। इस बीच कई डीएड-बीएड प्रशिक्षित युवा ओवर-एज हो गए।