भास्कर संवाददाता | नसरुल्लागंज इस वर्ष का शैक्षणिक सत्र विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए परेशानी
भरा रहा है। सत्र शुरू हुए दो माह बीतने के बाद भी स्कूलों में शिक्षकों का
अभाव बना हुआ है। ऑनलाइन प्रोसेस में अटकी अतिथि शिक्षकों की भर्ती नहीं
होने से भी स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
आगामी कुछ ही दिनों में स्कूलों में तिमाही परीक्षाएं शुरु हो जाएंगी जबकि कोर्स पूरा नहीं पढ़ाया जा सका है। विद्यार्थियों को आधे-अधूरे कोर्स के साथ ही परीक्षा देना पड़ेगी, क्योंकि स्कूलों में शिक्षकों के नहीं होने में तिमाही कोर्स समय सीमा में पूर्ण नहीं हो पाया।
शासकीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी की पूर्ति के लिए रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की भर्ती की जाती है, लेकिन जुलाई और सितंबर माह बीत जाने के बाद भी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाई। शासन द्वारा प्रक्रिया को ऑनलाइन करने से प्रक्रिया जटिल हो गई है। शासन और शिक्षा विभाग की लचर व्यवस्था का खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। इन सब अव्यवस्थाओं के बीच विभागीय अधिकारी शिक्षकों और विद्यार्थियों से बेहतर परीक्षा की अपेक्षा कर रहे हैं।
भर्ती प्रक्रिया से अधिकारी अंजान
अतिथि शिक्षक भर्ती के संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी कोई जानकारी नहीं है जबकि क्षेत्र में कई स्कूल अतिथियों के भरोसे चल रहे हैं। अतिथि शिक्षकों की भर्ती नहीं होने से स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अब तक विभाग को अतिथियों की भर्ती के लिए कोई भी आदेश नहीं मिले हैं। साथ ही अधिकारियों ने बताया कि गणित, विज्ञान और अंग्रेजी जैसी महत्वपूर्ण विषयों की पढ़ाई अतिथियों के भरोसे होती है, क्योंकि क्षेत्र में इन विषयों के शिक्षकों की कमी बनी हुई है।
कोचिंग के भरोसे हो रही पढ़ाई
नगर और ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों ने स्कूलों में शिक्षकों की पर्याप्त व्यवस्था अब तक नहीं हो पाई। शैक्षणिक सत्र को शुरु हुए दो माह का समय बीत चुका है, लेकिन स्कूलों में पदस्थ नहीं होने से विद्यार्थियों को निजी कोचिंग की शरण लेना पड़ रही है। विद्यार्थियों ने बताया कि कोचिंग के भरोसे ही कोर्स पूरा कर रहे हैं।
आगामी कुछ ही दिनों में स्कूलों में तिमाही परीक्षाएं शुरु हो जाएंगी जबकि कोर्स पूरा नहीं पढ़ाया जा सका है। विद्यार्थियों को आधे-अधूरे कोर्स के साथ ही परीक्षा देना पड़ेगी, क्योंकि स्कूलों में शिक्षकों के नहीं होने में तिमाही कोर्स समय सीमा में पूर्ण नहीं हो पाया।
शासकीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी की पूर्ति के लिए रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की भर्ती की जाती है, लेकिन जुलाई और सितंबर माह बीत जाने के बाद भी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाई। शासन द्वारा प्रक्रिया को ऑनलाइन करने से प्रक्रिया जटिल हो गई है। शासन और शिक्षा विभाग की लचर व्यवस्था का खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। इन सब अव्यवस्थाओं के बीच विभागीय अधिकारी शिक्षकों और विद्यार्थियों से बेहतर परीक्षा की अपेक्षा कर रहे हैं।
भर्ती प्रक्रिया से अधिकारी अंजान
अतिथि शिक्षक भर्ती के संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी कोई जानकारी नहीं है जबकि क्षेत्र में कई स्कूल अतिथियों के भरोसे चल रहे हैं। अतिथि शिक्षकों की भर्ती नहीं होने से स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अब तक विभाग को अतिथियों की भर्ती के लिए कोई भी आदेश नहीं मिले हैं। साथ ही अधिकारियों ने बताया कि गणित, विज्ञान और अंग्रेजी जैसी महत्वपूर्ण विषयों की पढ़ाई अतिथियों के भरोसे होती है, क्योंकि क्षेत्र में इन विषयों के शिक्षकों की कमी बनी हुई है।
कोचिंग के भरोसे हो रही पढ़ाई
नगर और ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों ने स्कूलों में शिक्षकों की पर्याप्त व्यवस्था अब तक नहीं हो पाई। शैक्षणिक सत्र को शुरु हुए दो माह का समय बीत चुका है, लेकिन स्कूलों में पदस्थ नहीं होने से विद्यार्थियों को निजी कोचिंग की शरण लेना पड़ रही है। विद्यार्थियों ने बताया कि कोचिंग के भरोसे ही कोर्स पूरा कर रहे हैं।