भोपाल. प्रदेशभर के डेढ़ लाख से अधिक अतिथि शिक्षकों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद कर दी है। मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान की हाल ही में 25 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा के बाद
करीब डेढ़ लाख अतिथि शिक्षक विरोध के मूड में आ गए हैं।
हजारों अतिथि
शिक्षकों ने भोपाल में जुटकर नियमितिकरण, संविदा के तहत नियुक्ति और मानदेय
की मांग की है। अतिथि शिक्षकों ने सरकार के सामने 100 फीसदी आरक्षण की
मांग रखी है।अतिथि शिक्षकों का यह प्रदर्शन शुक्रवार को भी शाहजहांनी पार्क
में जारी रहा।इस दौरान विद्यालयों में रसोइया का काम करने वाली महिलाएं भी शिक्षकों के साथ शामिल रहीं। उनकी मांग थी कि उन्हें भी न्यूनतम मजदूरी के तहत मानदेय प्रदान किया जाए। अभी प्रतिदिन ३० रुपए के हिसाब से भुगतान किया जाता है।
अतिथि शिक्षक संगठन समिति के तत्वावधान में यह दो दिवसीय सत्याग्रह शाहजहांनी मैदानी में आयोजित किया गया है। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष शंभूचरण दुबे ने आरोप लगाया कि सरकार अतिथि शिक्षकों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही है। भर्ती में केवल २५ प्रतिशत आरक्षण का क्या अर्थ है।
सरकार को शतप्रतिशत अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति में आरक्षण देना होगा। इसी के साथ ही उन्होंने रसोइयों का पक्ष रखते हुए कहा कि ये रसोइए वर्षों से मिड डे मील बनाने का काम कर रही हैं। सरकार इन्हें भी अर्धकुशल वर्कर मानते हुए २४७ रुपए प्रतिदिन का भुगतान करे।
भोपाल में जुटेंगे प्रदेशभर के बाबू
वेतन विसंगति सहित अन्य मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे लिपिक वर्ग के कर्मचारी ११ सितंबर को अंबेडकर जयंती मैदान में रैली निकालकर प्रदर्शन करेंगे। रैली में २४००० बाबुओं के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन कर्मचारी कंधों पर लेकर चलेंगे, यह ज्ञापन मंत्रालय पहुंचकर सरकार को सौंपा जाएगा।
कर्मचारियों ने अधिकारी के खिलाफ खोला मोर्चा
भोपाल. मप्र नागरिक आपूर्ति निगम के कर्मचारियों ने विभाग की कार्यपालन संचालक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। निगम के प्रबंध संचालक को ज्ञापन सौंपकर अधिकारी के व्यवहार में बदलाव लाने की मांग की है। यदि संचालक अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं लाती है तो कर्मचारी संगठन आंदोलन कर सकते है।