संविदा शिक्षक वर्ग एक को वरिष्ठ अध्यापक संविदा शिक्षक वर्ग 4 को अध्यापक एवं संविदा शिक्षक वर्ग 5 को सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त किया जाएगा।
जिसके बाद प्रत्येक शिक्षक की वेतन में साढ़े तीन गुना तक का अंतर आ जाएगा। यानि जिस शिक्षक को पांच हजार मिल रहे हैं। उसकी वेतन 18 हजार के लगभग हो जाएगी।
प्रतिमाह हजारों का नुकसान-संविदा शिक्षक महेंद्र सिंह के अनुसार अध्यापक संवर्ग में आने के बाद उनकी वेतन बढ़ेगी जिससे परिवार चलाना संभव होगा क्योंकि अभी महज 5 हजार रुपए माह बार मिलते हैं। इस प्रकार अगर संविलयन और लेट होता है तो लगभग 15 हजार रुपए माह से उनका एक लाख रुपए तक शासन के पास एरियर के रूप में जमा हो जाएगा जिसको प्राप्त करना भी टेड़ी खीर होगी। इसके अलावा वर्तमान में पांच हजार रुपए में परिवार चलाना बड़ी चुनौति होगी।
तीन वर्ष की अवधि पूर्ण, लेकिन खत्म नहीं हुआ इंतजार
भास्कर संवाददाता | सेंवढ़ा
शैक्षणिक सत्र 2013-14 के मध्य प्रदेश में 42 हजार संविदा शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। नियमानुसार एक मार्च को इन सभी शिक्षकों की तीन वर्षीय संविदा अवधि पूर्ण हो गई। इसके बाद इन सभी का अध्यापक संवर्ग में संविलियन होना चाहिए थे। इस बावत एक सप्ताह से एक माह की अवधि का निर्धारण शासन ने किया है। शासन के निर्देशों के पालन में प्रदेश भर में संविदा शिक्षकों का संविलियन हो चुका है पर सेंवढ़ा ब्लाक के आधा सैकड़ा संविदा शिक्षक अभी भी संविलियन आदेश का इंतजार कर रहे हैं।
संविदा शाला शिक्षकों को अध्यापक संवर्ग में शामिल होने के लिए तीन वर्ष की अवधि पूर्ण करना अनिवार्य होता है। संविदा अवधि पूर्ण होने के बाद संकुल स्तर से संविदा शिक्षकों की पात्रता की जांच की जाती है। संविदा अवधि के दौरान उनके कार्य व्यवहार के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को अनुशंसा जाती है। जिला शिक्षा अधिकारी अपने स्तर पर सत्यापन करवाने के बाद फाइल को जिला पंचायत में भेजते हैं। यहां निर्धारित छानबीन समिति जिसके अध्यक्ष स्वयं जिला पंचायत सीईओ होते हैं संविदा शिक्षकों के संविलियन का आदेश जारी करते हैं। समिति में जिला शिक्षा अधिकारी के अलावा संबंधित जनपद सीईओ तथा आदिमजाति कल्याण विभाग के अधिकारी शामिल होते हैं। इस पूरी प्रक्रिया के लिए शासन द्वारा समय सीमा निर्धारित की जाती है।
जिसके मुताबिक संविदा अवधि पूर्ण करने के सप्ताह भर के अंदर संकुल केंद्र से प्रक्रिया पूर्ण कर जिला शिक्षा अधिकारी को प्रकरण भेजा जाए और इसके बाद एक माह के अंदर छानबीन समिति उस पर निर्णय ले। दतिया जिले में सेंवढ़ा ब्लाक के आधा सैकड़ा संविदा शिक्षक एक मार्च 2017 से छानबीन समिति के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। हालत यह है कि जिला पंचायत एवं जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से फाइल एक दूसरे को भेज कर केवल कमियों की पूर्ति के निर्देश ही दिए जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो संविदा शिक्षकों को अध्यापक संवर्ग में पहुंचाने के नाम लेनदेन की चर्चाएं भी जोरों पर हैं। जिनके कारण अंतिम निर्णय को लटकाया जा रहा है।
फाइल आते ही नियुक्ति
मेरे कार्यालय में इक्का दुक्का फाइलें ही आईं हैं। जिनमें संविलियन होना है। शिक्षा विभाग द्वारा एक साथ फाइल लाने पर तत्काल मीटिंग की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा एवं संविदा अवधि के ठीक 3 वर्ष के बाद उन्हें अध्यापक वर्ग में संविलियन का लाभ मिलेगा एवं शासन स्तर से एरियर का भी भुगतान होगा। संदीप माकिन, सीईओ जिला पंचायत दतिया
जिसके बाद प्रत्येक शिक्षक की वेतन में साढ़े तीन गुना तक का अंतर आ जाएगा। यानि जिस शिक्षक को पांच हजार मिल रहे हैं। उसकी वेतन 18 हजार के लगभग हो जाएगी।
प्रतिमाह हजारों का नुकसान-संविदा शिक्षक महेंद्र सिंह के अनुसार अध्यापक संवर्ग में आने के बाद उनकी वेतन बढ़ेगी जिससे परिवार चलाना संभव होगा क्योंकि अभी महज 5 हजार रुपए माह बार मिलते हैं। इस प्रकार अगर संविलयन और लेट होता है तो लगभग 15 हजार रुपए माह से उनका एक लाख रुपए तक शासन के पास एरियर के रूप में जमा हो जाएगा जिसको प्राप्त करना भी टेड़ी खीर होगी। इसके अलावा वर्तमान में पांच हजार रुपए में परिवार चलाना बड़ी चुनौति होगी।
तीन वर्ष की अवधि पूर्ण, लेकिन खत्म नहीं हुआ इंतजार
भास्कर संवाददाता | सेंवढ़ा
शैक्षणिक सत्र 2013-14 के मध्य प्रदेश में 42 हजार संविदा शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। नियमानुसार एक मार्च को इन सभी शिक्षकों की तीन वर्षीय संविदा अवधि पूर्ण हो गई। इसके बाद इन सभी का अध्यापक संवर्ग में संविलियन होना चाहिए थे। इस बावत एक सप्ताह से एक माह की अवधि का निर्धारण शासन ने किया है। शासन के निर्देशों के पालन में प्रदेश भर में संविदा शिक्षकों का संविलियन हो चुका है पर सेंवढ़ा ब्लाक के आधा सैकड़ा संविदा शिक्षक अभी भी संविलियन आदेश का इंतजार कर रहे हैं।
संविदा शाला शिक्षकों को अध्यापक संवर्ग में शामिल होने के लिए तीन वर्ष की अवधि पूर्ण करना अनिवार्य होता है। संविदा अवधि पूर्ण होने के बाद संकुल स्तर से संविदा शिक्षकों की पात्रता की जांच की जाती है। संविदा अवधि के दौरान उनके कार्य व्यवहार के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को अनुशंसा जाती है। जिला शिक्षा अधिकारी अपने स्तर पर सत्यापन करवाने के बाद फाइल को जिला पंचायत में भेजते हैं। यहां निर्धारित छानबीन समिति जिसके अध्यक्ष स्वयं जिला पंचायत सीईओ होते हैं संविदा शिक्षकों के संविलियन का आदेश जारी करते हैं। समिति में जिला शिक्षा अधिकारी के अलावा संबंधित जनपद सीईओ तथा आदिमजाति कल्याण विभाग के अधिकारी शामिल होते हैं। इस पूरी प्रक्रिया के लिए शासन द्वारा समय सीमा निर्धारित की जाती है।
जिसके मुताबिक संविदा अवधि पूर्ण करने के सप्ताह भर के अंदर संकुल केंद्र से प्रक्रिया पूर्ण कर जिला शिक्षा अधिकारी को प्रकरण भेजा जाए और इसके बाद एक माह के अंदर छानबीन समिति उस पर निर्णय ले। दतिया जिले में सेंवढ़ा ब्लाक के आधा सैकड़ा संविदा शिक्षक एक मार्च 2017 से छानबीन समिति के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। हालत यह है कि जिला पंचायत एवं जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से फाइल एक दूसरे को भेज कर केवल कमियों की पूर्ति के निर्देश ही दिए जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो संविदा शिक्षकों को अध्यापक संवर्ग में पहुंचाने के नाम लेनदेन की चर्चाएं भी जोरों पर हैं। जिनके कारण अंतिम निर्णय को लटकाया जा रहा है।
फाइल आते ही नियुक्ति
मेरे कार्यालय में इक्का दुक्का फाइलें ही आईं हैं। जिनमें संविलियन होना है। शिक्षा विभाग द्वारा एक साथ फाइल लाने पर तत्काल मीटिंग की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा एवं संविदा अवधि के ठीक 3 वर्ष के बाद उन्हें अध्यापक वर्ग में संविलियन का लाभ मिलेगा एवं शासन स्तर से एरियर का भी भुगतान होगा। संदीप माकिन, सीईओ जिला पंचायत दतिया