भोपाल। 9वीं और 11वीं की परीक्षाएं अप्रैल में होने की
वजह से इसका सीधा असर हाई स्कूल और हायर सेकंडरी के मूल्यांकन पर पड़ेगा।
इसकी मुख्य वजह यह है कि इस दौरान बोर्ड परीक्षाओं का मूल्यांकन भी होना
है। हाल में सतना जिले में 9वीं-11वीं का पेपर लीक होने के बाद पूरी
परीक्षा निरस्त कर दी गई थी।
इन परीक्षाओं को मार्च में ही बोर्ड परीक्षा के साथ ही समाप्त होना था। पेपर लीक होने की वजह से अब यह अप्रैल में आयोजित होना है। ये परीक्षाएं 3 अप्रैल से शुरू होंगे। 9वीं की परीक्षा 17 अप्रैल और 11वीं की 22 अप्रैल को समाप्त होगी।
इसलिए प्रभावित होगा मूल्यांकन
अप्रैल में जो शिक्षक 9वीं और 11वीं की परीक्षाएं करवाएंगे उन्हें ही बोर्ड परीक्षाओं की कॉपी जांचने का काम भी करना है। प्रदेश के सभी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को मंडल ने मूल्यांकन कार्य में लगाया है। इसकी मुख्य वजह यह है कि मंडल मई अंत तक बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम घोषित करना चाहता है।
ताकि, छात्रों को उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने में दिक्कत न हो। लेकिन, अप्रैल में 9वीं-11वीं की परीक्षाएं होने से शिक्षक परीक्षाओं में व्यस्त रहेंगे इस कारण मूल्यांकन कार्य प्रभावित होगा। कम शिक्षकों में ही मूल्यांकन का काम करना होगा। उन पर दोहरा दबाव भी होगा। परीक्षा समाप्त होने के बाद मूल्यांकन में तेजी आएगी। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक निश्चित रूप से मूल्यांकन कार्य पर असर पड़ेगा पर रिजल्ट समय से घोषित करने का प्रयास करेंगे।
9वीं-11वीं का परिणाम भी होगा लेट
इधर, 9वी-11वीं का परीक्षा परिणाम भी अप्रैल में परीक्षा होने की वजह से मई अंत या जून में घोषित होने की संभावना है। जन शिक्षा अधिकार संरक्षण समिति के अध्यक्ष रमाकांत पांडेय के मुताबिक इन कक्षाओं में करीब 15 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे।
इन कक्षाओं का परिणाम अगर समय पर नहीं आता है तो ऐसे छात्रों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा जो दूसरे स्कूलों में दाखिला लेना चाहते हैं। गौरतलब है कि 12 अगस्त के बाद स्कूल में छात्रों को नियमित विद्यार्थी के रूप में प्रवेश नहीं दिया जाता है। इसका नुकसान छात्रों को उठाना पड़ेगा।
इन परीक्षाओं को मार्च में ही बोर्ड परीक्षा के साथ ही समाप्त होना था। पेपर लीक होने की वजह से अब यह अप्रैल में आयोजित होना है। ये परीक्षाएं 3 अप्रैल से शुरू होंगे। 9वीं की परीक्षा 17 अप्रैल और 11वीं की 22 अप्रैल को समाप्त होगी।
इसलिए प्रभावित होगा मूल्यांकन
अप्रैल में जो शिक्षक 9वीं और 11वीं की परीक्षाएं करवाएंगे उन्हें ही बोर्ड परीक्षाओं की कॉपी जांचने का काम भी करना है। प्रदेश के सभी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को मंडल ने मूल्यांकन कार्य में लगाया है। इसकी मुख्य वजह यह है कि मंडल मई अंत तक बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम घोषित करना चाहता है।
ताकि, छात्रों को उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने में दिक्कत न हो। लेकिन, अप्रैल में 9वीं-11वीं की परीक्षाएं होने से शिक्षक परीक्षाओं में व्यस्त रहेंगे इस कारण मूल्यांकन कार्य प्रभावित होगा। कम शिक्षकों में ही मूल्यांकन का काम करना होगा। उन पर दोहरा दबाव भी होगा। परीक्षा समाप्त होने के बाद मूल्यांकन में तेजी आएगी। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक निश्चित रूप से मूल्यांकन कार्य पर असर पड़ेगा पर रिजल्ट समय से घोषित करने का प्रयास करेंगे।
9वीं-11वीं का परिणाम भी होगा लेट
इधर, 9वी-11वीं का परीक्षा परिणाम भी अप्रैल में परीक्षा होने की वजह से मई अंत या जून में घोषित होने की संभावना है। जन शिक्षा अधिकार संरक्षण समिति के अध्यक्ष रमाकांत पांडेय के मुताबिक इन कक्षाओं में करीब 15 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे।
इन कक्षाओं का परिणाम अगर समय पर नहीं आता है तो ऐसे छात्रों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा जो दूसरे स्कूलों में दाखिला लेना चाहते हैं। गौरतलब है कि 12 अगस्त के बाद स्कूल में छात्रों को नियमित विद्यार्थी के रूप में प्रवेश नहीं दिया जाता है। इसका नुकसान छात्रों को उठाना पड़ेगा।