"स्कूल।/शिक्षा विभाग" के शिक्षा के स्तर काे सुधारने के लिए अध्यापको/अतिथि शिक्षक,,,
पर आधारित ......
पर आधारित ......
कुछ नन्हीं चींटीयां( अध्यापक/अतिथि )
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🐜 रोज अपने काम पर समय से आती थी और अपना काम अपना काम समय पर करती थी.....
वे जरूरत से ज्यादा काम करके भी खूब खुश थी.......
जंगल के राजा शेर
🐅 (आला अधिकारी/प्राचार्य)नें एक दिन चींटीयों को काम करते हुए देखा, और आश्चर्यचकित हुआ कि चींटीयां बिना किसी निरीक्षण के काम कर रही थी........
जंगल के राजा शेर
उसने सोचा कि अगर चींटीयां बिना किसी सुपरवाईजर के इतना काम, कर रही थी तो जरूर सुपरवाईजर (चाटुकार/खबरी)के साथ वो अधिक काम कर सकती थी.......
उसनें काक्रोच(ये)
🐞 को नियुक्त किया जिसे सुपरवाईजरी(चुगली) का 10 साल का अनुभव था,
और वो रिपोर्टों का बढ़िया अनुसंधान(हाव भाव से) करता था .....
..उसनें अपनी रिपोर्टें टाईप करने के लिये, सेकेट्री भी रखी....
उसनें मकड़ी को नियुक्त किया जो सारे फोनों का जवाब देता था और सारे रिकार्डों को मेनटेन करता था......
इसलिये काक्रोच को नया कम्प्यूटर और लेजर प्रिंटर खरीदना पड़ा.........
और उसनें आई टी डिपार्टमैंट संभालने के लिए मक्खी
🐝 (ऐ ऐछ)को नियुक्त किया........
उसनें झींगुर(कामचोर) को नियुक्त किया, झींगुर ने आते ही साथ अपने आॅफिस के लिये कार्पेट और ए.सी. खरीदा.....
नये बाॅस झींगुर को भी कम्प्यूटर की जरूरत पड़ी और उसे चलाने के लिये वो अपनी पिछली कम्पनी में काम कर रही असिस्टंट को भी नई कम्पनी में ले आया.........
.झींगुर ने शेर
🐅 (आला अधिकारी/प्राचार्य) को कुछ समय बाद बताया कि आॅफिस मे *टीमवर्क* कमजोर हो गया है और माहौल बदलने के लिए कुछ करना चाहिये......
उत्पादकता बढ़ाने के लिये शेर ने एक प्रसिद्ध कंसलटेंट उल्लू (घनसु)को नियुक्त किया.......
उल्लू नें चींटीयों के विभाग का गहन अघ्ययन तीन महीनों तक किया फिर उसनें अपनी 1200
📒 पेज की रिपोर्ट दी जिसका निष्कर्ष था कि विभाग में बहुत ज्यादा लोग हैं.....
जो कम करने की आवश्यकता है......
सोचिये शेर
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🐅 (आला अधिकारी/प्राचार्य) ने नौकरी से किसको निकाला....???
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नन्हीं चींटीयों को(अध्यापक/अतिथि शिक्षक को)
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क्योंकि उसमें “ *नेगेटिव एटीट्यूड, टीमवर्क, और मोटिवेशन* की कमी थी.......
“
इसे कहते है*** "शिक्षा विभाग" जहाँ आजकल केवल उत्पादकता बढाने के लिए अध्यापकों/अतिथियों (चीँटियों) पर नित्य नये प्रयोग हो रहे हैं और जिसका खामियाजा सिर्फ हम अध्यापकों/अति को ही उठाना पङ रहा हैं... *भले ही हम अपना काम कितनी ही ईमानदारी से करें.....!*
*पद मे बैठे ,भोदू राम ।*
*करते आके सभी सलाम ।*
*काम करते न बहुतेरा ।*
*बैठे बैठे कुर्सी मे, कटे बेरा ।*
*करते आके सभी सलाम ।*
*काम करते न बहुतेरा ।*
*बैठे बैठे कुर्सी मे, कटे बेरा ।*