अतिथि शिक्षकों ने संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ के बैनर तले मंगलवार से
अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है। हड़ताल जिला मुख्यालय पर होनी थी, लेकिन
पिछले दिनों हुए पथराव के बाद शहर में धारा 144 लगी हुई है। इसके तहत जिले
के शिक्षकों ने टिमरनी में हड़ताल शुरू की है।
इस दौरान वे शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। मंगलवार से संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ की जिला इकाई ने अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल शुरू की है। हड़ताल ब्लाॅक मुख्यालय जनपद शिक्षा केंद्र परिसर में शुरू हुई। इस दौरान अतिथि शिक्षकों ने धरना देकर प्रदर्शन किया। मांगों को लेकर पूरे प्रदेश में अतिथि शिक्षक आंदोलन कर रहे हैं। अतिथि शिक्षकों ने बताया वे लंबे समय से सरकारी स्कूलों में अपनी सेवाएं देते हुए अध्यापन कार्य करा रहे हैं। लेकिन शासन स्तर से उनके लिए कुछ नहीं किया जा रहा है। पूर्व में किए गए आंदोलन के दौरान संघ को सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया था कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा। लेकिन इस पर कोई विचार नहीं किया गया है।
यह हैं प्रमुख मांगें
उच्च न्यायालय के आदेशानुसार गुरुजियों की तरह संविदा शिक्षक बनाया जाए। आयु में 12 साल की छूट दी जाए। अतिथि शिक्षकों की सत्रवार सेवा को वित्तीय वर्ष की सेवा मानकर रिक्त पद के अनुसार 12 माह का कार्य अवसर वेतन दिए जाने का प्रावधान किया जाए। अतिथि शिक्षकों को उनकी दी गई सेवा अवधि को अनुभव को आधार मानते हुए उन्हें डीएड, बीएड उपाधि की बाध्यता से मुक्त किया जाए। कार्यकाल अवधि तीन साल से अधिक है, उन्हें 3 साल पूरे होने पर संविदा शिक्षक पद पर नियुक्त किया जाए। मांग सत्र 2005-08, 2011 की किन्हीं भी पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण, तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके अतिथि शिक्षकों को संविदा संवर्ग में समायोजित किया जाए।
परीक्षाओं पर पड़ेगा असर
हड़ताल से सरकारी स्कूलों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अभी प्री-बोर्ड परीक्षाएं भी चल रही हैं। हड़ताल से इन परीक्षाओं पर भी असर पड़ेगा। जिले में सरकारी स्कूलों में 804 अतिथि शिक्षक हैं। इनमें ब्लाॅक में 204 अतिथि शिक्षक शामिल हैं। धरना प्रदर्शन में ब्लाॅक अध्यक्ष सुभाष सोनी, गणेश जाट, रोहित गौर, सुशील चौधरी, राजकुमार लौवंशी, प्रशांत भार्गव, नंदकिशोर चौरे, ब्रजेश बटके, अनुज दुबे, संतोष मर्सकोले, सचिन तांबुलकर, अजय गौर, आशीष गौर, वशिष्ट यादव आदि शामिल रहे।
जिला मुख्यालय में धारा 144
अतिथि शिक्षकों का कहना है कि जिले के सभी 804 अतिथि शिक्षक जिला मुख्यालय पर ही धरना-प्रदर्शन करना चाह रहे थे, लेकिन प्रशासन से अनुमति नहीं दी गई। इसके बाद सभी शिक्षकों ने टिमरनी में प्रदर्शन करने का फैसला किया। वहीं खिरकिया में भी एसडीएम पीके पांडे के नहीं मिलने के कारण अनुमति नहीं मिल सकी। मालूम हो पिछले दिनों छात्रा को मनचलों द्वारा परेशान करने पर आत्महत्या करने के बाद आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया था, इसके चलते प्रशासन ने शहर में धारा 144 लगा दी।
आज सुंदरकांड कर हनुमान जी को सौंपेंगे ज्ञापन
संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सादिक खान ने बताया बुधवार को अतिथि शिक्षक हनुमानजी की शरण लेंगे। अतिथि शिक्षक सुबह सुंदरकांड का पाठ करेंगे, इसके बाद हनुमानजी को ज्ञापन सौंपेंगे। जिससे सरकार को जल्द से जल्द सदबुद्धि मिले और वे शिक्षकों की मांगों को स्वीकार करें। जब तक सरकार मांगों को स्वीकार नहीं करेगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
इस दौरान वे शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। मंगलवार से संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ की जिला इकाई ने अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल शुरू की है। हड़ताल ब्लाॅक मुख्यालय जनपद शिक्षा केंद्र परिसर में शुरू हुई। इस दौरान अतिथि शिक्षकों ने धरना देकर प्रदर्शन किया। मांगों को लेकर पूरे प्रदेश में अतिथि शिक्षक आंदोलन कर रहे हैं। अतिथि शिक्षकों ने बताया वे लंबे समय से सरकारी स्कूलों में अपनी सेवाएं देते हुए अध्यापन कार्य करा रहे हैं। लेकिन शासन स्तर से उनके लिए कुछ नहीं किया जा रहा है। पूर्व में किए गए आंदोलन के दौरान संघ को सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया था कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा। लेकिन इस पर कोई विचार नहीं किया गया है।
यह हैं प्रमुख मांगें
उच्च न्यायालय के आदेशानुसार गुरुजियों की तरह संविदा शिक्षक बनाया जाए। आयु में 12 साल की छूट दी जाए। अतिथि शिक्षकों की सत्रवार सेवा को वित्तीय वर्ष की सेवा मानकर रिक्त पद के अनुसार 12 माह का कार्य अवसर वेतन दिए जाने का प्रावधान किया जाए। अतिथि शिक्षकों को उनकी दी गई सेवा अवधि को अनुभव को आधार मानते हुए उन्हें डीएड, बीएड उपाधि की बाध्यता से मुक्त किया जाए। कार्यकाल अवधि तीन साल से अधिक है, उन्हें 3 साल पूरे होने पर संविदा शिक्षक पद पर नियुक्त किया जाए। मांग सत्र 2005-08, 2011 की किन्हीं भी पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण, तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके अतिथि शिक्षकों को संविदा संवर्ग में समायोजित किया जाए।
परीक्षाओं पर पड़ेगा असर
हड़ताल से सरकारी स्कूलों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अभी प्री-बोर्ड परीक्षाएं भी चल रही हैं। हड़ताल से इन परीक्षाओं पर भी असर पड़ेगा। जिले में सरकारी स्कूलों में 804 अतिथि शिक्षक हैं। इनमें ब्लाॅक में 204 अतिथि शिक्षक शामिल हैं। धरना प्रदर्शन में ब्लाॅक अध्यक्ष सुभाष सोनी, गणेश जाट, रोहित गौर, सुशील चौधरी, राजकुमार लौवंशी, प्रशांत भार्गव, नंदकिशोर चौरे, ब्रजेश बटके, अनुज दुबे, संतोष मर्सकोले, सचिन तांबुलकर, अजय गौर, आशीष गौर, वशिष्ट यादव आदि शामिल रहे।
जिला मुख्यालय में धारा 144
अतिथि शिक्षकों का कहना है कि जिले के सभी 804 अतिथि शिक्षक जिला मुख्यालय पर ही धरना-प्रदर्शन करना चाह रहे थे, लेकिन प्रशासन से अनुमति नहीं दी गई। इसके बाद सभी शिक्षकों ने टिमरनी में प्रदर्शन करने का फैसला किया। वहीं खिरकिया में भी एसडीएम पीके पांडे के नहीं मिलने के कारण अनुमति नहीं मिल सकी। मालूम हो पिछले दिनों छात्रा को मनचलों द्वारा परेशान करने पर आत्महत्या करने के बाद आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया था, इसके चलते प्रशासन ने शहर में धारा 144 लगा दी।
आज सुंदरकांड कर हनुमान जी को सौंपेंगे ज्ञापन
संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सादिक खान ने बताया बुधवार को अतिथि शिक्षक हनुमानजी की शरण लेंगे। अतिथि शिक्षक सुबह सुंदरकांड का पाठ करेंगे, इसके बाद हनुमानजी को ज्ञापन सौंपेंगे। जिससे सरकार को जल्द से जल्द सदबुद्धि मिले और वे शिक्षकों की मांगों को स्वीकार करें। जब तक सरकार मांगों को स्वीकार नहीं करेगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।