भोपाल.प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) की किसी भी परीक्षा में पूछा गया प्रश्न दोबारा तीन साल बाद ही अन्य किसी दूसरी परीक्षा में पूछा जाएगा। इससे पहले यह प्रश्न किसी भी परीक्षा में शामिल नहीं किया जाएगा।
बोर्ड द्वारा आयोजित प्रवेश व भर्ती परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्न भी अब परीक्षा की प्रकृति के अनुसार ही होंगे। मसलन पटवारी भर्ती परीक्षा में जो प्रश्न पूछे जाएंगे उनका स्तर इस परीक्षा के लिए मांगी गई क्वालिफिकेशन व योग्यता के हिसाब से ही होगी। वहीं, पुलिस या संविदा शाला शिक्षक भर्ती परीक्षा के प्रश्नों का स्तर अलग होगा।
- पीईबी आगामी परीक्षाओं से यह व्यवस्था लागू करने जा रहा है। इन बदलावों के मद्देनजर बोर्ड प्रश्न बैंक की संख्या 10 लाख तक बढ़ाने जा रहा है। इसके लिए नई एजेंसी को टेंडर जारी किए गए हैं।
- अभी विभिन्न परीक्षाओं के लिए प्रश्न तैयार करने की जिम्मेदारी तीन एजेंसियों पर है।
- बोर्ड इनकी संख्या बढ़ाकर छह तक करने जा रहा है ताकि किसी एक एजेंसी पर निर्भरता खत्म हो सके और प्रश्न का स्तर पर भी बेहतर बना रहे।
- बोर्ड डायरेक्टर भास्कर लाक्षाकार के अनुसार अभी बोर्ड परीक्षाओं के लिए प्रश्न पेपर तैयार करता है, लेकिन अब प्रश्न बैंक तैयार कर रहा है।
- एक परीक्षा के लिए औसतन 50 हजार सवालों का प्रश्न बैंक तैयार होगा। करीब 20 परीक्षाओं के लिए बोर्ड की लगभग 10 लाख प्रश्नों का बैंक बनाने की तैयारी है।
नई व्यवस्था का फायदा
- अभी लागू प्रक्रिया में सॉफ्टवेयर रेंडमली सवालाें का चयन कर पेपर तैयार करता है। इन सवालों का चयन परीक्षाओं की प्रकृति के हिसाब से नहीं किया जाता है।
- इससे कई परीक्षाओं के सवाल परीक्षार्थियों को कठिन लगते हैं। कई बार बड़ी परीक्षाओं में ऐसे सवाल आ जाते हैं जो मांगी गई योग्यता के मुताबिक नही होते हैं।
- नई व्यवस्था में सॉफ्टवेयर सवालाें का चयन रेंडमली ही करेगा लेकिन परीक्षाओं की प्रकृति के हिसाब से।
ताकि परीक्षाओं का स्तर बना रहे
- एक ही सवाल हर दूसरी परीक्षा में पूछने पर भी रोक लगाई जा रही है। बोर्ड डायरेक्टर का कहना है कि परीक्षाओं में प्रश्नों का दोहराव होना देखा गया है।
- इस प्रक्रिया को रोकने के लिए सवालों को कुछ इस तरह से बनाया जा रहा है ताकि एक सवाल एक ही दफा आए। दूसरी बार इसी सवाल का नंबर सीधे तीन साल बाद ही आएगा।
बोर्ड द्वारा आयोजित प्रवेश व भर्ती परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्न भी अब परीक्षा की प्रकृति के अनुसार ही होंगे। मसलन पटवारी भर्ती परीक्षा में जो प्रश्न पूछे जाएंगे उनका स्तर इस परीक्षा के लिए मांगी गई क्वालिफिकेशन व योग्यता के हिसाब से ही होगी। वहीं, पुलिस या संविदा शाला शिक्षक भर्ती परीक्षा के प्रश्नों का स्तर अलग होगा।
- पीईबी आगामी परीक्षाओं से यह व्यवस्था लागू करने जा रहा है। इन बदलावों के मद्देनजर बोर्ड प्रश्न बैंक की संख्या 10 लाख तक बढ़ाने जा रहा है। इसके लिए नई एजेंसी को टेंडर जारी किए गए हैं।
- अभी विभिन्न परीक्षाओं के लिए प्रश्न तैयार करने की जिम्मेदारी तीन एजेंसियों पर है।
- बोर्ड इनकी संख्या बढ़ाकर छह तक करने जा रहा है ताकि किसी एक एजेंसी पर निर्भरता खत्म हो सके और प्रश्न का स्तर पर भी बेहतर बना रहे।
- बोर्ड डायरेक्टर भास्कर लाक्षाकार के अनुसार अभी बोर्ड परीक्षाओं के लिए प्रश्न पेपर तैयार करता है, लेकिन अब प्रश्न बैंक तैयार कर रहा है।
- एक परीक्षा के लिए औसतन 50 हजार सवालों का प्रश्न बैंक तैयार होगा। करीब 20 परीक्षाओं के लिए बोर्ड की लगभग 10 लाख प्रश्नों का बैंक बनाने की तैयारी है।
नई व्यवस्था का फायदा
- अभी लागू प्रक्रिया में सॉफ्टवेयर रेंडमली सवालाें का चयन कर पेपर तैयार करता है। इन सवालों का चयन परीक्षाओं की प्रकृति के हिसाब से नहीं किया जाता है।
- इससे कई परीक्षाओं के सवाल परीक्षार्थियों को कठिन लगते हैं। कई बार बड़ी परीक्षाओं में ऐसे सवाल आ जाते हैं जो मांगी गई योग्यता के मुताबिक नही होते हैं।
- नई व्यवस्था में सॉफ्टवेयर सवालाें का चयन रेंडमली ही करेगा लेकिन परीक्षाओं की प्रकृति के हिसाब से।
ताकि परीक्षाओं का स्तर बना रहे
- एक ही सवाल हर दूसरी परीक्षा में पूछने पर भी रोक लगाई जा रही है। बोर्ड डायरेक्टर का कहना है कि परीक्षाओं में प्रश्नों का दोहराव होना देखा गया है।
- इस प्रक्रिया को रोकने के लिए सवालों को कुछ इस तरह से बनाया जा रहा है ताकि एक सवाल एक ही दफा आए। दूसरी बार इसी सवाल का नंबर सीधे तीन साल बाद ही आएगा।