सिरोंज| नोट बंदी के दौर में विकासखंड के शिक्षकों का वेतन अभी तक उनके
खातों में भी नहीं पहुंच सका हैं। इस वजह से शिक्षकों को आर्थिक संकट से
जूझना पड़ रहा है। शिक्षा अधिकारियों ने छुट्टियां खत्म होने के बाद वेतन
शिक्षकों के खातों में पहुंचने की बात कही है।
शासन द्वारा की गई नोट बंदी की वजह से हर तबका नोटों की कमी झेल रहा है लेकिन विकासखंड के शिक्षक अपना वेतन खातों में नहीं आने से परेशान है। दिसंबर की 10 तारीख निकल गई है लेकिन शिक्षकों का वेतन उनके खातों में नहीं पहुंच सका है। मोबाइल पर एसएमएस नहीं आने पर कई शिक्षकों ने कतार में लगकर एटीएम पर पहुंचकर भी अपना वेतन जांचा लेकिन उनके खाते खाली पड़े है। दस दिन बाद भी वेतन नहीं आने के पीछे पिछले महीने में शिक्षकों की मर्जी के अनुसार वेतन बनाने की प्रक्रिया सामने आई है। नवंबर में अनेक शिक्षक दिवाली के पहले ही छठवें वेतनमान के अनुरूप वेतन प्रदान करने की मांग पर अड़े हुए थे। शिक्षकों ने बीईओ कार्यालय में धरना भी दिया था। उस समय बाबुओं ने भी जल्दबाजी में शासन द्वारा जारी किए गए गणना पत्रक का सही अध्ययन नहीं करते हुए वेतन जारी कर दिया था। इस वजह से अनेक शिक्षकों को उनके मूल वेतन से ज्यादा वेतन मिल गया था। गणना पत्रक का विस्तृत अध्ययन करने के उपरांत बाबुओं को इस चूक की जानकारी मिली। इस बीच डीईओ ने भी गलती में सुधार करने के बाद ही दिसंबर के महीने में वेतन जारी करने के निर्देश दिए थे। बाबुओं द्वारा चूक में सुधार कर नया वेतन पत्रक तैयार किया जा रहा है।
शासन द्वारा की गई नोट बंदी की वजह से हर तबका नोटों की कमी झेल रहा है लेकिन विकासखंड के शिक्षक अपना वेतन खातों में नहीं आने से परेशान है। दिसंबर की 10 तारीख निकल गई है लेकिन शिक्षकों का वेतन उनके खातों में नहीं पहुंच सका है। मोबाइल पर एसएमएस नहीं आने पर कई शिक्षकों ने कतार में लगकर एटीएम पर पहुंचकर भी अपना वेतन जांचा लेकिन उनके खाते खाली पड़े है। दस दिन बाद भी वेतन नहीं आने के पीछे पिछले महीने में शिक्षकों की मर्जी के अनुसार वेतन बनाने की प्रक्रिया सामने आई है। नवंबर में अनेक शिक्षक दिवाली के पहले ही छठवें वेतनमान के अनुरूप वेतन प्रदान करने की मांग पर अड़े हुए थे। शिक्षकों ने बीईओ कार्यालय में धरना भी दिया था। उस समय बाबुओं ने भी जल्दबाजी में शासन द्वारा जारी किए गए गणना पत्रक का सही अध्ययन नहीं करते हुए वेतन जारी कर दिया था। इस वजह से अनेक शिक्षकों को उनके मूल वेतन से ज्यादा वेतन मिल गया था। गणना पत्रक का विस्तृत अध्ययन करने के उपरांत बाबुओं को इस चूक की जानकारी मिली। इस बीच डीईओ ने भी गलती में सुधार करने के बाद ही दिसंबर के महीने में वेतन जारी करने के निर्देश दिए थे। बाबुओं द्वारा चूक में सुधार कर नया वेतन पत्रक तैयार किया जा रहा है।