टीकमगढ़। शिक्षा विभाग में नीति विरुद्ध हुए युक्तियुक्तकरण की हुई
शिकायतों पर प्रभारी कलेक्टर एवं जिला पंचायत के सीईओ अजय कटेसरिया द्वारा
की गई कार्रवाई की मध्य प्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने सराहना
की है।
मोर्चा के संयोजक संजय त्रिपाठी ने कहा कि प्रभारी कलेक्टर द्वारा की गई कार्रवाई प्रशंसनीय है। तथा शैक्षणिक सत्र समाप्ति तक युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया स्थगित की जानी चाहिए।
संयोजक श्री त्रिपाठी ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा मनमानी कर शिक्षकों व सहायक शिक्षकों की विसंगतिपूर्ण सूची जारी की गई। जिसमें मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी, विकलांग, गंभीर बीमार, दो वर्ष सेवानिवृत्त सहित अन्य महत्वपूर्ण विंदुओं को कर्मचारी संगठनों व जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान में लाए जाने के बावजूद भी संज्ञान में नहीं लिया गया और विसंगतिपूर्ण सूची जारी कर दी। इसमें कलेक्टर को भी गुमराह किया गया। उन्होंने कहा कि इस मामले में अवैधानिक आदेशों पर कलेक्टर द्वारा निलंवन व नोटिस की कार्रवाही उचित कदम है जो प्रशंसनीय है। इस कार्रवाही से शिक्षकों को राहत मिली है। संयोजक श्री त्रिपाठी ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा शिक्षा विभाग में परामर्शदात्री की बैठकें नहीं बुलाई गई। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में नियम विरुद्ध पदस्थ स्टेनो को आयुक्त लोक शिक्षण संचनालय भोपाल के लिए विभाग में पद न होने के कारण भारमुक्त किया जाना चाहिए, साथ ही जांच की जानी चाहिए।
मोर्चा के संयोजक संजय त्रिपाठी ने कहा कि प्रभारी कलेक्टर द्वारा की गई कार्रवाई प्रशंसनीय है। तथा शैक्षणिक सत्र समाप्ति तक युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया स्थगित की जानी चाहिए।
संयोजक श्री त्रिपाठी ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा मनमानी कर शिक्षकों व सहायक शिक्षकों की विसंगतिपूर्ण सूची जारी की गई। जिसमें मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी, विकलांग, गंभीर बीमार, दो वर्ष सेवानिवृत्त सहित अन्य महत्वपूर्ण विंदुओं को कर्मचारी संगठनों व जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान में लाए जाने के बावजूद भी संज्ञान में नहीं लिया गया और विसंगतिपूर्ण सूची जारी कर दी। इसमें कलेक्टर को भी गुमराह किया गया। उन्होंने कहा कि इस मामले में अवैधानिक आदेशों पर कलेक्टर द्वारा निलंवन व नोटिस की कार्रवाही उचित कदम है जो प्रशंसनीय है। इस कार्रवाही से शिक्षकों को राहत मिली है। संयोजक श्री त्रिपाठी ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा शिक्षा विभाग में परामर्शदात्री की बैठकें नहीं बुलाई गई। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में नियम विरुद्ध पदस्थ स्टेनो को आयुक्त लोक शिक्षण संचनालय भोपाल के लिए विभाग में पद न होने के कारण भारमुक्त किया जाना चाहिए, साथ ही जांच की जानी चाहिए।