उच्च शिक्षा विभाग ने असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट
(सेट) उत्तीर्ण होने की अनिवार्य शर्त रखी है। लेकिन पिछले काफी समय से यह
परीक्षा आयोजित नहीं हो सकी। इसके आयोजन में हर बार कुछ न कुछ अड़चनें आती
रहीं।
ऐसे में कई उम्मीदवार उच्च शिक्षा विभाग में सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन नहीं कर पाए। बताया जाता है कि सेट को लेकर मप्र लोक सेवा आयोग की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो आयोग दिसंबर में पहली परीक्षा करा सकेगा।
सेट के लिए यूजीसी ने उच्च शिक्षा विभाग काे एक गाइडलाइन जारी की थी। उसके मुताबिक विभाग ने अगस्त में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) में पृथक सेल बनाई थी। इसमें परीक्षा नियंत्रक, उप-परीक्षा नियंत्रक, सेक्शन ऑफिसर और क्लर्क सहित चार लोग तैनात किए गए थे। नियुक्ति के बाद से ही टीम परीक्षा संचालन पर मशक्क्त कर रही है। इसी का नतीजा है कि सेल अब इस स्थिति में है कि वह सेट सफलतापूर्वक करवा रहा है। गौरतलब है कि प्रदेश में लंबे समय से सेट न होने के कारण नेट क्वालिफाइड अथवा पीएचडी कर चुके उम्मीदवार ही असिस्टेंट प्रोफेसर बन पाते हैं। दोबारा सेट शुरू होने का लाभ उन उम्मीदवारों को मिलेगा, जिनके पास नेट का सर्टिफिकेट या पीएचडी डिग्री नहीं है। अब वे भी भी असिस्टेंट प्रोफेसर बनने की दौड़ में शामिल हो पाएंगे।
यूजीसी ने नवंबर के पहले हफ्ते में टीम भेजने का वादा किया है। इस दौरान तय होगा कि परीक्षा कराने में सेल सक्षम है या नहीं। यह दूसरा मौका होगा, जब यूजीसी का दल पीएससी आएगा। सेल बनने से पहले भी यूजीसी टीम यहां दौरा कर इन्फ्रास्ट्रक्चर और अन्य पहलू देख चुकी है। टीम ने तब पीएससी को सेट के लिए हरी झंडी दी थी। आयोग को उम्मीद है, वह फिर यूजीसी की कसौटी पर खरा उतरेगा।
हर साल होगा सेट : पीएससी अब हर साल सेट कराएगा। राज्य सेवा और अन्य विभागीय परीक्षाओं की तरह सेट को भी पीएससी के एग्जाम कैलेंडर में शामिल किया जाएगा। कैलेंडर घोषित होने से इस साल तो इसका शेड्यूल मौजूदा परीक्षा कार्यक्रम में शामिल नहीं किया गया है, लेकिन नए एग्जाम कैलेंडर में सेट की तारीखें शामिल होंगी।
एमपीपीएससी का पहला “सेट’ अब इस साल दिसंबर में होगा : मप्र लोक सेवा आयोग ने स्टेट एजिलिजिबिटी टेस्ट (सेट) की तैयारी पूरी कर ली है। इसके लिए उच्च शिक्षा अनुदान आयोग की मंजूरी मिलना बाकी है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो यह परीक्षा दिसंबर माह में आयोजित होगी। इस परीक्षा के सफल उम्मीदवार सहायक प्राध्यापक परीक्षा के लिए पात्र होंगे।
इसी वर्ष कराएंगे परीक्षा
यूजीसी की टीम सेट की सेल बनने से पहले पीएससी का दौरा कर चुकी है। नवंबर के पहले हफ्ते में फिर आने की संभावना है। टीम की मंजूरी मिलते ही परीक्षा कार्यक्रम घोषित करेंगे। कोशिश है, इसी वर्ष दिसंबर में टेस्ट करा लिया जाए। इसके बाद हर साल नियमित रूप से सेट कराएंगे। -डॉ. संध्या भार्गव, परीक्षा नियंत्रक, सेट (पीएससी)
दूसरे राज्यों में यही तरीका
मप्र में भले ही पीएससी पहली बार सेट कराने जा रहा हो, लेकिन हिमाचल प्रदेश सहित देश के कई राज्य के लोक सेवा आयोग हर साल सेट कराते हैं। यूजीसी ने एमपीपीएससी की सेल टीम को सेट आयोजित करने वाले दूसरे आयोगों की कार्यशैली से भी अवगत कराया है, ताकि मप्र भी उसी तर्ज पर यूजीसी की गाइडलाइन के मुताबिक सेट करवा सके।
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ऐसे में कई उम्मीदवार उच्च शिक्षा विभाग में सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन नहीं कर पाए। बताया जाता है कि सेट को लेकर मप्र लोक सेवा आयोग की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो आयोग दिसंबर में पहली परीक्षा करा सकेगा।
सेट के लिए यूजीसी ने उच्च शिक्षा विभाग काे एक गाइडलाइन जारी की थी। उसके मुताबिक विभाग ने अगस्त में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) में पृथक सेल बनाई थी। इसमें परीक्षा नियंत्रक, उप-परीक्षा नियंत्रक, सेक्शन ऑफिसर और क्लर्क सहित चार लोग तैनात किए गए थे। नियुक्ति के बाद से ही टीम परीक्षा संचालन पर मशक्क्त कर रही है। इसी का नतीजा है कि सेल अब इस स्थिति में है कि वह सेट सफलतापूर्वक करवा रहा है। गौरतलब है कि प्रदेश में लंबे समय से सेट न होने के कारण नेट क्वालिफाइड अथवा पीएचडी कर चुके उम्मीदवार ही असिस्टेंट प्रोफेसर बन पाते हैं। दोबारा सेट शुरू होने का लाभ उन उम्मीदवारों को मिलेगा, जिनके पास नेट का सर्टिफिकेट या पीएचडी डिग्री नहीं है। अब वे भी भी असिस्टेंट प्रोफेसर बनने की दौड़ में शामिल हो पाएंगे।
यूजीसी ने नवंबर के पहले हफ्ते में टीम भेजने का वादा किया है। इस दौरान तय होगा कि परीक्षा कराने में सेल सक्षम है या नहीं। यह दूसरा मौका होगा, जब यूजीसी का दल पीएससी आएगा। सेल बनने से पहले भी यूजीसी टीम यहां दौरा कर इन्फ्रास्ट्रक्चर और अन्य पहलू देख चुकी है। टीम ने तब पीएससी को सेट के लिए हरी झंडी दी थी। आयोग को उम्मीद है, वह फिर यूजीसी की कसौटी पर खरा उतरेगा।
हर साल होगा सेट : पीएससी अब हर साल सेट कराएगा। राज्य सेवा और अन्य विभागीय परीक्षाओं की तरह सेट को भी पीएससी के एग्जाम कैलेंडर में शामिल किया जाएगा। कैलेंडर घोषित होने से इस साल तो इसका शेड्यूल मौजूदा परीक्षा कार्यक्रम में शामिल नहीं किया गया है, लेकिन नए एग्जाम कैलेंडर में सेट की तारीखें शामिल होंगी।
एमपीपीएससी का पहला “सेट’ अब इस साल दिसंबर में होगा : मप्र लोक सेवा आयोग ने स्टेट एजिलिजिबिटी टेस्ट (सेट) की तैयारी पूरी कर ली है। इसके लिए उच्च शिक्षा अनुदान आयोग की मंजूरी मिलना बाकी है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो यह परीक्षा दिसंबर माह में आयोजित होगी। इस परीक्षा के सफल उम्मीदवार सहायक प्राध्यापक परीक्षा के लिए पात्र होंगे।
इसी वर्ष कराएंगे परीक्षा
यूजीसी की टीम सेट की सेल बनने से पहले पीएससी का दौरा कर चुकी है। नवंबर के पहले हफ्ते में फिर आने की संभावना है। टीम की मंजूरी मिलते ही परीक्षा कार्यक्रम घोषित करेंगे। कोशिश है, इसी वर्ष दिसंबर में टेस्ट करा लिया जाए। इसके बाद हर साल नियमित रूप से सेट कराएंगे। -डॉ. संध्या भार्गव, परीक्षा नियंत्रक, सेट (पीएससी)
दूसरे राज्यों में यही तरीका
मप्र में भले ही पीएससी पहली बार सेट कराने जा रहा हो, लेकिन हिमाचल प्रदेश सहित देश के कई राज्य के लोक सेवा आयोग हर साल सेट कराते हैं। यूजीसी ने एमपीपीएससी की सेल टीम को सेट आयोजित करने वाले दूसरे आयोगों की कार्यशैली से भी अवगत कराया है, ताकि मप्र भी उसी तर्ज पर यूजीसी की गाइडलाइन के मुताबिक सेट करवा सके।
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