देश के किसी भी राज्य से सेवानिवृत्त हुए पेंशनर्स को अपने जीवित होने का
प्रमाण-पत्र देने के लिए बैंकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। दरअसल केंद्र
सरकार ने पेंशनर्स को बढ़ती उम्र में परेशानी से रोकने के लिए जीवित होने का
प्रमाण-पत्र घर बैठे देने की सुविधा दी है।
पेंशनर्स अपने घर के नजदीक सरकार द्वारा बनाए गए नागरिक सुविधा केंद्र पर अाधार कार्ड, पेंशन और बैंक अकाउंट नंबर देकर संबंधित बैंक को जीवित होने का प्रमाण-पत्र भेज सकते हैं।
बैंक हर साल पेंशनर्स से नवंबर के महीने में उनके जीवित होने का प्रमाण-पत्र मांगती हैं। इसके लिए एक फार्म भी भरवाया जाता है। यहां तक तो ठीक है। पेंशनर्स से फार्म भरने में कोई गलती हो जाती है तो या तो उसे बार-बार बैंक के चक्कर काटने पड़ते हैं या फिर उसकी पेंशन रोक दी जाती है। ज्यादा उम्र के पेंशनर्स तो बैंक तक ही नहीं पहुंच पाते हैं।
नजदीक के नागरिक सुविधा केंद्र पर आसानी से मिलेगी सुविधा
नागरिक सुविधा केंद्र चलाने वाले राजेश शर्मा ने कहा, केंद्र या राज्य सरकार के पेंशनर्स अपने जीवित होने का प्रमाण-पत्र नजदीक के नागरिक सुविधा केंद्र से भेज सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपना अाधार कार्ड, पेंशन नंबर और संबंधित बैंक का खाता नंबर देना हाेगा। पूरी प्रक्रिया में दस मिनट का समय लगता है। पेंशनर्स https://jeevanpramaan.gov.in/ पोर्टल पर नागरिक सुविधा केंद्र को ढूंढ सकते हैं।
डीडी नगर में रहने वाले जगन्नाथ सिंह सेना से रिटायर हुए हैं। उनकी पोस्टिंग जालंधर में थी इसलिए उनका खाता भी जालंधर की सरकारी बैंक में है। उन्हें जीवित होने का प्रमाण पत्र देने जालंधर जाना पड़ता है पर अब वे नागरिक सुविधा केंद्र के जरिए ग्वालियर से जीवित होने का प्रमाण पत्र जालंधर भेज सकते हैं।
राजस्थान के शिक्षा विभाग से रिटायर हुईं सिटी सेंटर की रीता अग्रवाल को भी बढ़ती उम्र में बार-बार जीवित होने का प्रमाण-पत्र देने के लिए राजस्थान जाना पड़ता था। उन्हें जब नागरिक सुविधा केंद्र की इस सुविधा के बारे में जानकारी मिली तो उनकी एक बड़ी परेशानी हल हो गई है।
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पेंशनर्स अपने घर के नजदीक सरकार द्वारा बनाए गए नागरिक सुविधा केंद्र पर अाधार कार्ड, पेंशन और बैंक अकाउंट नंबर देकर संबंधित बैंक को जीवित होने का प्रमाण-पत्र भेज सकते हैं।
बैंक हर साल पेंशनर्स से नवंबर के महीने में उनके जीवित होने का प्रमाण-पत्र मांगती हैं। इसके लिए एक फार्म भी भरवाया जाता है। यहां तक तो ठीक है। पेंशनर्स से फार्म भरने में कोई गलती हो जाती है तो या तो उसे बार-बार बैंक के चक्कर काटने पड़ते हैं या फिर उसकी पेंशन रोक दी जाती है। ज्यादा उम्र के पेंशनर्स तो बैंक तक ही नहीं पहुंच पाते हैं।
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नागरिक सुविधा केंद्र चलाने वाले राजेश शर्मा ने कहा, केंद्र या राज्य सरकार के पेंशनर्स अपने जीवित होने का प्रमाण-पत्र नजदीक के नागरिक सुविधा केंद्र से भेज सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपना अाधार कार्ड, पेंशन नंबर और संबंधित बैंक का खाता नंबर देना हाेगा। पूरी प्रक्रिया में दस मिनट का समय लगता है। पेंशनर्स https://jeevanpramaan.gov.in/ पोर्टल पर नागरिक सुविधा केंद्र को ढूंढ सकते हैं।
डीडी नगर में रहने वाले जगन्नाथ सिंह सेना से रिटायर हुए हैं। उनकी पोस्टिंग जालंधर में थी इसलिए उनका खाता भी जालंधर की सरकारी बैंक में है। उन्हें जीवित होने का प्रमाण पत्र देने जालंधर जाना पड़ता है पर अब वे नागरिक सुविधा केंद्र के जरिए ग्वालियर से जीवित होने का प्रमाण पत्र जालंधर भेज सकते हैं।
राजस्थान के शिक्षा विभाग से रिटायर हुईं सिटी सेंटर की रीता अग्रवाल को भी बढ़ती उम्र में बार-बार जीवित होने का प्रमाण-पत्र देने के लिए राजस्थान जाना पड़ता था। उन्हें जब नागरिक सुविधा केंद्र की इस सुविधा के बारे में जानकारी मिली तो उनकी एक बड़ी परेशानी हल हो गई है।
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