भोपाल. शिक्षा
हमेशा कर्म की होती है। शिक्षक कभी कर्मी नहीं होता है, लेकिन अब
शिक्षाकर्मी की हवा चल रही है। शिक्षा भारतीय संस्कृति के आधार पर हो,
लेकिन यह बिना सींग और पंूछ के चल रही है। बड़े-बड़े स्नातक बेरोजगार घूम
रहे हैं, अनेक इंजीनियर कर्ज में दबे हैं, उन्हें ऋणी बना दिया है। एमबीए,
पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने वाले चपरासी की नौकरी के लिए आवेदन कर रहे
हैं, तो क्षमा किस बात की मांगते हो। मौजूदा शिक्षा व्यवस्था पर चिंता
जताते हुए यह बात आचार्य विद्यासागर महाराज ने रविवार को लाल परेड मैदान पर
क्षमावाणी महोत्सव में कही। आचार्यश्री ने कहा, अकेले मप्र में एक लाख
इंजीनियर डिफाल्टर घोषित हो गए। आचार्यश्री ने कहा आज 70 वर्ष हो गए फिर भी
अदालतों में अंग्रेजी में कार्य हो रहे हैं। हर प्रांत की अलग-अलग भाषा का
उपयोग हमारी न्याय व्यवस्था में होना चाहिए। अंग्रेजी आज न्याय व्यवस्था
पर हावी है, इससे हमारी गुलामी झलकती है। इस मौके पर वित्तमंत्री जयंत
मलैया, पूर्व सीएम सुंदरलाल पटवा आदि मौजूद रहे। आचार्यश्री को शास्त्र भेट
करने का सौभाग्य सीएम को मिला।
नशामुक्त होगा प्रदेश : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री
चौहान ने कहा कि आचार्यश्री और महात्मा गांधी के सिद्धांतों को आगे बढ़ा
रहे हैं। हम प्रदेश को नशामुक्त करने की कल्पना को साकार करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति की राह बड़ी कठिन और फिसलन भरी है। उन्होंने
आचार्यश्री द्वारा रचित ग्रंथ मूकमाटी को पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात
कही। चौहान ने कहा कि गोवंश संरक्षण के लिए उत्कृष्ट कार्य पर आचार्य
विद्यासागर पुरस्कार दिया जाएगा। सीएम ने भी क्षमा मांगी।
श्रमिकों के शोषण पर प्रार्थना मंजूर नहीं होगी
आचार्यश्री
ने कहा कि सुभाषचंद्र बोस ने मां को पत्र लिखा था और कहा था कि मुझे बाबू
नहीं बनना है, क्योंकि जो बाबू बनते हैं, उनके पास क्षमता नहीं होती, बाबू
कष्टों के सामने घुटने टेक देते हैं। मैं श्रमिक मानता हूं, तो केवल किसान
को मानता हूं। आचार्यश्री ने कहा शासन को श्रमिकों की चिंता करनी चाहिए और
पूंजिपतियों पर नजर रखनी चाहिए। किसान को फसल का वाजिब दाम मिले। उन्होंने
कहा कि श्रमिकों का शोषण करोगे तो प्रार्थना मंजूर नहीं होगी।
विद्यार्थियों ने दिया अङ्क्षहसा का संदेश
क्षमावाणी
पर्व के पूर्व टीटी नगर जैन मंदिर से अहिंसा रैली आचार्यसंघ के सान्निध्य
में निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे, जो अहिंसा का
संदेश देते बैनर, विश्व शांति सद्भाव का संदेश देते हुए चल रहे थे। इस
दौरान विद्यार्थियों और श्रद्धालुओं ने जीओ और जीने दो, विश्व का कल्याण
अहिंसा से ही हो सकता है, आदि जयकारे लगाए। एमबीएम कॉलेज के पास
मुख्यमंत्री ने रैली की अगवानी की और लाल परेड तक पहुंचे।
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