इंदौर. पिछले लम्बे समय से सेल्फी लगातार चर्चा का विषय बनी हुई है। कारण बड़ा गंभीर है, सेल्फी लेते समय मौतें हो रही है। इन मौतों में बच्चे ही नहीं बड़े भी शामिल है। स्मार्ट फोन से सेल्फी का एक नशा सा बनता जा रहा है। हाल ही में नर्मदा नदी तट पर कोटेश्वर में सेल्फी लेने में नदी में डूबे निजी विद्यालय के दो शिक्षकों के शव सुबह नदी से निकाले गए।
गुरुवार को युवकों की खोजबीन में स्थानीय तैराकों के असफल होने के बाद बड़वानी के राजघाट से दो विशेषज्ञ गोताखोर बुलवाए गए थे। रात हो जाने से और अंधेरे के कारण शुक्रवार सुबह फिर गोताखोर नदी में उतरे। इस बीच धार एसपी ने भी धार से गोताखोर भिजवाया। गोताखोरों की लंबी मशक्कत के बाद साढ़े 9 बजे पहला और 10 बजे दूसरा युवक नदी से निकाला गया। दोनों की मौत हो चुकी थी। दोनों मृतक युवक एक ही गांव निसरपुर के समीप लिंगवा के पाटीदार समाज के थे।
लिंगवा में शोक, मौत से लोग मायूस
संदीप (19) पिता देवदास जाटपुरिया परिवार में चार बहनों का सबसे छोटा भाई था। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने से वह निजी विद्यालय में शिक्षक का काम कर रहा था। दूसरा मृतक कुलदीप (21) पिता अनिल पाटीदार अपने बड़े भाई कपिल और माता-पिता के साथ रहता था। परिवार में सबसे छोटा होने से वह भी सबका लाड़ला था। दोनों दोस्त निजी स्कूल में एक साथ काम करते थे। घटना के कारण ग्राम लिंगवा में शोक स्वरूप बंद रहा। दोनों के शव पहुंचते ही गांव मातम में डूब गया। दोनों के अंतिम यात्रा में उमड़े लोगों के कारण गांव की गलियां संकरी पड़ गई। प्रशासन की तरफ से कुक्षी एसडीओपी प्रिंयका डुडवे, निसरपुर चौकी प्रभारी गिरधारी लाल चौहान, एसआई दीपक देवरे, प्रधान आरक्षक रामचंद्र बारोड पूरे समय डटे रहे। बीएमओ निसरपुर एनएस गहलोत व डॉ. शैलेंद्र ओरिया भी मौजूद थे। युवकों की खोजबीन में गोताखोरों के साथ कोटेश्वर के दिनेश गोस्वामी, नारायण केवट, सतान चांदौरे, उमेन्द कुमावत ने भी खासी मेहनत की। युवकों की मौत के कारण वे लोग भी मायूस हुए।
यह भी पढ़ें:- 'गुलाम' के आमिर की तरह दौड़ रहा था रेलवे ट्रैक पर, गई जान
पहले भी हो चुकी दुर्घटनाएं
1 सितंबर को फिल्मों के स्टंट असल जिंदगी में उतारने के चक्कर में इंदौर का आकाश साहू रेल पटरी पर बाइक दौड़ा रहा था, उसके साथी सेल्फी के चक्कर में थे, तभी टाइमिंग में गड़बड़ हुई और आकाश की ट्रेन के इंजन से टक्कर से मौत हो गई। वहीं एक अन्य घटना में कार सवार युवक-युवतियां मौज-मस्ती करते हुए सेल्फी ले रहे थे, इसी दौरान साइकिल सवार व्यक्ति की मौत हो गई। घटना के बाद पुलिस ने कार को हिरासत में लिया और जांच शुरू की। इंदौर की ही एक घटना में स्मार्ट फोन से रेलवे ट्रैक पर सेल्फी लेने के दौरान दिलदहला देने वाली दुर्घटना हुई, जिसमें मांगलिया रेलवे ट्रैक पर मंगल विहार कॉलोनी निवासी जयेश सोलंकी की सेल्फी लेने के दौरान जान चली गई।
यह भी पढ़ें:- चलती कार में युवक-युवती ले रहे थे सेल्फी, सामने आए साइकिल सवार को रौंदा, मौत
केंद्र सरकार भी गंभीर
सेल्फी डेथ के मामले को लेकर केंद्र सरकार ने हाल ही में देश के सभी 29 राज्यों को एक एडवायजरी जारी की है। जिसमें राज्य सरकारों को पर्यटन स्थलों पर दुर्घटना की आशंका वाले स्थलों पर 'सेल्फी डेंजर जोन' चिह्नित करने की बात कही गई है। प्रमुख सचिव और पर्यटन विभाग, राज्यों के लिए जारी की गई है।
पिछले साल बना था वल्र्ड रिकार्ड
हाल के दिनों में सामने आए सेल्फी डेथ के मामले ही नहीं पिछले साल भी दुनिया भर में 27 सेल्फी डेथ में से 15 मामले भारत के ही थे। एक इंटरनेशनल रिपोर्ट के अनुसार यह वल्र्ड रिकार्ड था।
डेंजर जोन पर सुरक्षा के इंतजाम नहीं
पातालपानी में कई डेंजर पाइंट हैं, जहां हर बारिश हादसे होते हैं, लेकिन ऐसे पाइंट पर सुरक्षा के इंतजाम इस बार भी नहीं किए गए। उधर, युवाओं को ऐसे स्थानों पर जाने से रोकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है।सेल्फी के चक्कर में कई युवा खतरनाक स्थान पर भी पहुंच गए व जोखिम उठाकर सेल्फी लिए। यहां से गुजर रही खंडवा-महू ट्रेन के इंजन के सामने आकर व जान जोखिम में डालकर सेल्फी लेने से युवा बाज नहीं आए।
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गुरुवार को युवकों की खोजबीन में स्थानीय तैराकों के असफल होने के बाद बड़वानी के राजघाट से दो विशेषज्ञ गोताखोर बुलवाए गए थे। रात हो जाने से और अंधेरे के कारण शुक्रवार सुबह फिर गोताखोर नदी में उतरे। इस बीच धार एसपी ने भी धार से गोताखोर भिजवाया। गोताखोरों की लंबी मशक्कत के बाद साढ़े 9 बजे पहला और 10 बजे दूसरा युवक नदी से निकाला गया। दोनों की मौत हो चुकी थी। दोनों मृतक युवक एक ही गांव निसरपुर के समीप लिंगवा के पाटीदार समाज के थे।
लिंगवा में शोक, मौत से लोग मायूस
संदीप (19) पिता देवदास जाटपुरिया परिवार में चार बहनों का सबसे छोटा भाई था। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने से वह निजी विद्यालय में शिक्षक का काम कर रहा था। दूसरा मृतक कुलदीप (21) पिता अनिल पाटीदार अपने बड़े भाई कपिल और माता-पिता के साथ रहता था। परिवार में सबसे छोटा होने से वह भी सबका लाड़ला था। दोनों दोस्त निजी स्कूल में एक साथ काम करते थे। घटना के कारण ग्राम लिंगवा में शोक स्वरूप बंद रहा। दोनों के शव पहुंचते ही गांव मातम में डूब गया। दोनों के अंतिम यात्रा में उमड़े लोगों के कारण गांव की गलियां संकरी पड़ गई। प्रशासन की तरफ से कुक्षी एसडीओपी प्रिंयका डुडवे, निसरपुर चौकी प्रभारी गिरधारी लाल चौहान, एसआई दीपक देवरे, प्रधान आरक्षक रामचंद्र बारोड पूरे समय डटे रहे। बीएमओ निसरपुर एनएस गहलोत व डॉ. शैलेंद्र ओरिया भी मौजूद थे। युवकों की खोजबीन में गोताखोरों के साथ कोटेश्वर के दिनेश गोस्वामी, नारायण केवट, सतान चांदौरे, उमेन्द कुमावत ने भी खासी मेहनत की। युवकों की मौत के कारण वे लोग भी मायूस हुए।
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पहले भी हो चुकी दुर्घटनाएं
1 सितंबर को फिल्मों के स्टंट असल जिंदगी में उतारने के चक्कर में इंदौर का आकाश साहू रेल पटरी पर बाइक दौड़ा रहा था, उसके साथी सेल्फी के चक्कर में थे, तभी टाइमिंग में गड़बड़ हुई और आकाश की ट्रेन के इंजन से टक्कर से मौत हो गई। वहीं एक अन्य घटना में कार सवार युवक-युवतियां मौज-मस्ती करते हुए सेल्फी ले रहे थे, इसी दौरान साइकिल सवार व्यक्ति की मौत हो गई। घटना के बाद पुलिस ने कार को हिरासत में लिया और जांच शुरू की। इंदौर की ही एक घटना में स्मार्ट फोन से रेलवे ट्रैक पर सेल्फी लेने के दौरान दिलदहला देने वाली दुर्घटना हुई, जिसमें मांगलिया रेलवे ट्रैक पर मंगल विहार कॉलोनी निवासी जयेश सोलंकी की सेल्फी लेने के दौरान जान चली गई।
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केंद्र सरकार भी गंभीर
सेल्फी डेथ के मामले को लेकर केंद्र सरकार ने हाल ही में देश के सभी 29 राज्यों को एक एडवायजरी जारी की है। जिसमें राज्य सरकारों को पर्यटन स्थलों पर दुर्घटना की आशंका वाले स्थलों पर 'सेल्फी डेंजर जोन' चिह्नित करने की बात कही गई है। प्रमुख सचिव और पर्यटन विभाग, राज्यों के लिए जारी की गई है।
पिछले साल बना था वल्र्ड रिकार्ड
हाल के दिनों में सामने आए सेल्फी डेथ के मामले ही नहीं पिछले साल भी दुनिया भर में 27 सेल्फी डेथ में से 15 मामले भारत के ही थे। एक इंटरनेशनल रिपोर्ट के अनुसार यह वल्र्ड रिकार्ड था।
डेंजर जोन पर सुरक्षा के इंतजाम नहीं
पातालपानी में कई डेंजर पाइंट हैं, जहां हर बारिश हादसे होते हैं, लेकिन ऐसे पाइंट पर सुरक्षा के इंतजाम इस बार भी नहीं किए गए। उधर, युवाओं को ऐसे स्थानों पर जाने से रोकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है।सेल्फी के चक्कर में कई युवा खतरनाक स्थान पर भी पहुंच गए व जोखिम उठाकर सेल्फी लिए। यहां से गुजर रही खंडवा-महू ट्रेन के इंजन के सामने आकर व जान जोखिम में डालकर सेल्फी लेने से युवा बाज नहीं आए।
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