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एसएटीआई में डायरेक्टर और प्राध्यापक फिर आमने-सामने

विदिशा। एसएटीआई कॉलेज में तीन लंबित मांगों के पूरे नहीं होने और आंदोलन में भूमिका निभाने वाले प्राध्यापकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही को लेकर डायरेक्टर और प्राध्यापक सहित अन्य कर्मचारी फिर आमने-सामने आ गए हैं।
संयुक्त संघर्ष समिति ने उनकी बात नहीं माने जाने पर फिर आंदोलन की बात कही है। वहीं डायरेक्टर ने समिति पदाधिकारियों के इस कदम को ब्लैकमेल करना बताया है।
मालूम हो एसएटीआई कॉलेज में पीएफ कटौती के विरोध में कर्मचारियों ने कुछ दिनों पहले लंबा आंदोलन चलाया था। जिसके बाद प्रबंधन ने यह आदेश तो वापस ले लिया। लेकिन आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों को निशाने पर ले लिया। एक सप्ताह के भीतर डायरेक्टर जेएस चौहान ने पहले तीन विभागाध्यक्षों को बदला फिर चार वरिष्ठ प्राध्यापकों को शोकाज नोटिस जारी कर दिए। इसी कार्यवाही से नाराज होकर सतिता और संयुक्त संघर्ष समिति की सोमवार की शाम को बैठक हुई। जिसमें निर्णय लिया गया कि पीएफ की लड़ाई सामूहिक रूप में लड़ी गई थी। इसके लिए चार प्राध्यापकों के खिलाफ नोटिस की कार्यवाही उचित नहीं है। इसके खिलाफ सभी कर्मचारी प्रबंधन को सामूहिक हस्ताक्षर का ज्ञापन सौंपेंगे। इसके बाद भी प्रबंधन नहीं माना तो सभी शिक्षक एवं कर्मचारी व्यक्तिगत पत्र देकर सामूहिक जिम्मेदारी लेंगे। वहीं चार प्राध्यापक न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाएंगे। इस बैठक में यह भी तय किया गया कि तीन लंबित मांगों का उचित निराकरण नहीं किया गया तो स्थगित आंदोलन पुनः शुरू किया जाएगा। एक दिन पहले मंगलवार को सतिता और संयुक्त संघर्ष समिति ने इसी आशय का ज्ञापन डायरेक्टर चौहान को सौंपा। जिसके बाद मंगलवार को कालेज के रजिस्ट्रार प्रवीण करकरे ने समिति पदाधिकारियों को पत्र जारी कर कहा कि ज्ञापन पर दिए गए हस्ताक्षर अस्पष्ट हैं। इसलिए ज्ञापन की प्रति दोबारा दी जाए। इसी के साथ कालेज के पीआरओ अभिषेक जैन ने डायरेक्टर चौहान के हवाले से मीडिया में एक बयान जारी किया। जिसमें समिति के पदाधिकारियों पर प्रबंधन को ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया गया है। बयान में कहा गया है कि पूर्व में सौंपे गए ज्ञापन में अधिक लोगों के हस्ताक्षर थे जबकि मंगलवार को सौंपे गए पत्रों में कम लोगों के हस्ताक्षर हैं। इससे यह उजागर होता है कि कुछ तथाकथित लोग प्रबंधन को ब्लैकमेल करने का प्रयास कर रहे हैं। इधर, संयुक्त संघर्ष समिति से जुड़े प्रो. संदीप सराफ ने बताया कि उन्हें रजिस्ट्रार का पत्र मंगलवार को दोपहर 3 बजे मिला है। उन्होंने प्रपत्र में हस्ताक्षर मांगे हैं। जो उन्हें शुक्रवार की सुबह उपलब्ध करा दिए जाएंगे। उन्होंने प्रबंधन के ब्लैकमेल करने के आरोप को दुर्भावना से प्रेरित बताया है।
दिव्यांगों ने सात सूत्रीय मांगों को लेकर एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
फोटो नंबर 2
विदिशा। एसडीएम आरपी अहिरवार को ज्ञापन सौंपते दिव्यांग।
विदिशा। दीन हीन विकलांग संगठन ने बुधवार को जिले के दिव्यांगों की समस्याओं को लेकर कलेक्टर के नाम सात सूत्रीय ज्ञापन एसडीएम आरपी अहिरवार को सौंपा। जिसमें उन्होंने दिव्यांगों के हितों को ध्यान में रखते हुए मांगों का निराकरण करने का आग्रह किया है।
प्रशासन को सौंपे ज्ञापन में दिव्यांगों ने विकलांग पेंशन की राशि 150 रुपए से बढ़ाकर एक हजार रुपए मासिक करने, शिक्षित बेरोजगार दिव्यांगों को बिना ब्याज के 5 लाख रुपए तक का लोन उपलब्ध कराने, जिला मुख्यालय पर दिव्यांगों के ठहरने के लिए बसेरा भवन बनाने, शासकीय सेवा में 10 फीसदी आरक्षण देने, रेलवे तथा यात्री बसों में आरक्षण की सुविधा देने की मांग की है। दिव्यांगों ने ज्ञापन की प्रति सीएम शिवराजसिंह चौहान को भेजी है। ज्ञापन सौंपते समय संगठन के उपाध्यक्ष ग्यारसीराम के अलावा सुमित शर्मा, राजकुमार, चन्द्रशेखर, मुकेश, कल्याणसिंह आदि शामिल थे।
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