दमोह के टौरी मिडिल स्कूल में पदस्थ सहायक अध्यापक रामबिहारी विश्वकर्मा ने
कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास कराने एवज में बैतूल के 15 छात्रों
से 80 हजार रुपए की राशि वसूली। रिजल्ट आया तो न तो बच्चे नाम सूची में थे
और न ही वे पास हुए।
ऐसा होने पर जब अभिभावकों ने राशि वापस मांगी, तो शिक्षक ने बच्चों और उनके अभिभावकों को मंत्री का करीबी होना बताकर धमका दिया। लंबे समय से रुपए न लौटाने और मोबाइल बंद रखने पर बैतूल से एक शिक्षिका दो अभिभावकों के साथ दमोह पहुंची और एसपी को लिखित में शिकायत दी।
अभिभावकों के साथ दमोह पहुंचीं शिक्षिका सविता खातकर ने बताया कि टौरी स्कूल में पदस्थ सहायक अध्यापक राम बिहारी विश्वकर्मा ने मप्र राज्य ओपन की 10वीं और 12 वीं की परीक्षा में 12 बच्चों को पास कराने के एवज में 35 हजार रुपए और तीन बच्चे को फर्स्ट डिवीजन पास कराने के लिए 30 हजार रुपए की राशि वसूल की थी। यह राशि उन्होंने वर्ष 2014 में विश्वकर्मा के खाते में डाली थी, जिसकी डिटेल भी उनके पास है।
शिक्षिका ने बताया कि राशि खाते में डालने के बाद न तो बच्चों का नामांकन कराया गया और न ही वे परीक्षा में पास हुए। उन्होंने बताया कि विश्वकर्मा औपचारिकेत्तर शिक्षक संघ के कोषाध्यक्ष थे, उनसे भोपाल में मुलाकात हुई थी। दोनों संगठन के लिए काम करते थे।
जानकारी लेता हूं
Ãयदि मामला ऐसा है तो मैं शिक्षा अधिकारी से इसकी जानकारी लेता हूं। गलत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, चाहे वह कोई भी हो। - जयंत मलैया, वित्त मंत्री और विधायक दमोह
Ãमैं ऑफिस में नहीं था, एएसपी को शिकायत दी होगी। महिला से खाते की डिटेल मांगी गई है, यदि उसमें गड़बड़ी मिलती है तो शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। -तिलक सिंह, एसपी, दमोह
राम बिहारी विश्वकर्मा, सहायक अध्यापक, टौरी
सीधी बात
 आपने 15 बच्चों को पास कराने के एवज में उनसे राशि वसूली है क्या?
- यह बात सही है, लेकिन यह राशि नामाकंन की थी, रिश्वत की नहीं थीं
Âमगर बच्चांे का तो रजिस्ट्रेशन ही नहीं हुआ तो राशि कहां गई?
-हमने प्रयास किया था, नहीं हो पाया, राशि लौटा देंगे
Âआपने महिला शिक्षिका को धमकी दी है कि आप मंत्री जी के खास हैं, कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता?
-भोपाल में कई बार मंत्री जी से मुलाकात हुई, वे हमें जानते हैं, ऐसा कुछ नहीं है
 शिक्षिका का कहना है कि आपने बच्चों को पास कराने के नाम पर 75 हजार रुपए की राशि अपने खाते में डलवाई है?
हां डलवाई है, ऐसी बात है तो हम उन्हंे लौटा देंगे।
Âआप मप्र राज्य ओपन में एजेंट हैं क्या?
-नहीं मैं केवल सहायक अध्यापक हूं, लेकिन जो संपर्क में आते हैं, उनकी मदद करता हूं।
रक्षाबंधन छोड़कर दमोह आना पड़ा
उन्होंने बताया कि एसपी कार्यालय में शिकायत दे दी है। वहां पर खाता की डिटेल मांगी गई। वह भी उपलब्ध करा रही हूं। उन्होंने बताया कि आज रक्षाबंधन था, उन्हंे घर में होना था, लेकिन बार-बार रुपए मांगने पर जब वापस नहीं लौटाए गए तो पुलिस के पास जाना पड़ा। उन्होंने बताया कि शिक्षक हमेशा धमकी देता है कि मैं मंत्री जी का खास हूं, इसलिए तुम हमारा कुछ नहीं कर सकते हो। बार-बार धमकी मिलने के बाद वे रक्षाबंधन छोड़कर दमोह आईं और पुलिस के सामने पूरी बात रखी।
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ऐसा होने पर जब अभिभावकों ने राशि वापस मांगी, तो शिक्षक ने बच्चों और उनके अभिभावकों को मंत्री का करीबी होना बताकर धमका दिया। लंबे समय से रुपए न लौटाने और मोबाइल बंद रखने पर बैतूल से एक शिक्षिका दो अभिभावकों के साथ दमोह पहुंची और एसपी को लिखित में शिकायत दी।
अभिभावकों के साथ दमोह पहुंचीं शिक्षिका सविता खातकर ने बताया कि टौरी स्कूल में पदस्थ सहायक अध्यापक राम बिहारी विश्वकर्मा ने मप्र राज्य ओपन की 10वीं और 12 वीं की परीक्षा में 12 बच्चों को पास कराने के एवज में 35 हजार रुपए और तीन बच्चे को फर्स्ट डिवीजन पास कराने के लिए 30 हजार रुपए की राशि वसूल की थी। यह राशि उन्होंने वर्ष 2014 में विश्वकर्मा के खाते में डाली थी, जिसकी डिटेल भी उनके पास है।
शिक्षिका ने बताया कि राशि खाते में डालने के बाद न तो बच्चों का नामांकन कराया गया और न ही वे परीक्षा में पास हुए। उन्होंने बताया कि विश्वकर्मा औपचारिकेत्तर शिक्षक संघ के कोषाध्यक्ष थे, उनसे भोपाल में मुलाकात हुई थी। दोनों संगठन के लिए काम करते थे।
जानकारी लेता हूं
Ãयदि मामला ऐसा है तो मैं शिक्षा अधिकारी से इसकी जानकारी लेता हूं। गलत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, चाहे वह कोई भी हो। - जयंत मलैया, वित्त मंत्री और विधायक दमोह
Ãमैं ऑफिस में नहीं था, एएसपी को शिकायत दी होगी। महिला से खाते की डिटेल मांगी गई है, यदि उसमें गड़बड़ी मिलती है तो शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। -तिलक सिंह, एसपी, दमोह
राम बिहारी विश्वकर्मा, सहायक अध्यापक, टौरी
सीधी बात
 आपने 15 बच्चों को पास कराने के एवज में उनसे राशि वसूली है क्या?
- यह बात सही है, लेकिन यह राशि नामाकंन की थी, रिश्वत की नहीं थीं
Âमगर बच्चांे का तो रजिस्ट्रेशन ही नहीं हुआ तो राशि कहां गई?
-हमने प्रयास किया था, नहीं हो पाया, राशि लौटा देंगे
Âआपने महिला शिक्षिका को धमकी दी है कि आप मंत्री जी के खास हैं, कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता?
-भोपाल में कई बार मंत्री जी से मुलाकात हुई, वे हमें जानते हैं, ऐसा कुछ नहीं है
 शिक्षिका का कहना है कि आपने बच्चों को पास कराने के नाम पर 75 हजार रुपए की राशि अपने खाते में डलवाई है?
हां डलवाई है, ऐसी बात है तो हम उन्हंे लौटा देंगे।
Âआप मप्र राज्य ओपन में एजेंट हैं क्या?
-नहीं मैं केवल सहायक अध्यापक हूं, लेकिन जो संपर्क में आते हैं, उनकी मदद करता हूं।
रक्षाबंधन छोड़कर दमोह आना पड़ा
उन्होंने बताया कि एसपी कार्यालय में शिकायत दे दी है। वहां पर खाता की डिटेल मांगी गई। वह भी उपलब्ध करा रही हूं। उन्होंने बताया कि आज रक्षाबंधन था, उन्हंे घर में होना था, लेकिन बार-बार रुपए मांगने पर जब वापस नहीं लौटाए गए तो पुलिस के पास जाना पड़ा। उन्होंने बताया कि शिक्षक हमेशा धमकी देता है कि मैं मंत्री जी का खास हूं, इसलिए तुम हमारा कुछ नहीं कर सकते हो। बार-बार धमकी मिलने के बाद वे रक्षाबंधन छोड़कर दमोह आईं और पुलिस के सामने पूरी बात रखी।
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