मिडिल स्कूल के प्रभाारी संभाल रहे जिम्मेदारी
भास्कर संवाददाता | होशंगाबाद शिक्षा विभाग ने जिले में 21 मिडिल स्कूलों का उन्नयन कर हाईस्कूल तो बना दिए, लेकिन शिक्षकों के पद अभी तक स्वीकृत नहीं किए हैं। ऐसे में 779 विद्यार्थियों का भविष्य अधर में है। स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की भी व्यवस्था नहीं हो पा रही है।
बनखेड़ी तहसील में 5, बाबई में 2, केसला में 4, सिवनीमालवा में 5, होशंगाबाद में 2 और सोहागपुर में 4 स्कूलों को उन्नयन के बाद हाईस्कूल बनाया गया है। 12 स्कूल नए शिक्षण सत्र के साथ ही शुरू हुए थे, जबकि 9 स्कूलों में इसी सप्ताह कक्षाएं शुरू हुई हैं। 24 अगस्त तक बोर्ड ने नामांकन का समय तय किया है। सभी स्कूलों में अभी तक 9वीं कक्षा में 779 विद्यार्थी एडमिशन ले चुके हैं। इनकी पढ़ाई भगवान भरोसे ही चल रही है। विभाग ने एक भी स्कूल में शिक्षक और प्राचार्य का पद स्वीकृत नहीं किया है। हर स्कूल भवन के लिए केंद्र सरकार ने एक-एक करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिए हैं। स्टाफ की व्यवस्था राज्य सरकार काे करनी है। मिडिल स्कूलों के प्रभारियों को ही हाईस्कूल की व्यवस्थाएं देखनी पड़ रही हैं। मिडिल के शिक्षक ही दोनों ही स्कूलों की क्लासें ले रहे हैं। इस तरह दोनों ही स्कूल की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
अंग्रेजी और गणित के नहीं मिल रहे टीचर
शिक्षा विभाग ने पद स्वीकृत नहीं होने तक अतिशेष शिक्षकों को इन 21 स्कूलों में भेजने की तैयारी की है। इसके बावजूद अंग्रेजी और गणित विषय के टीचर नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में आगे दोनों ही विषयों की पढ़ाई प्रभावित होने की आशंका है।
व्यवस्था कर रहे हैं
स्कूलों में कक्षाएं शुरू कर दी हैं। फिलहाल मिडिल स्कूल के शिक्षक हाईस्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे हैं। पद न होने से अतिथि शिक्षक नहीं रखे जा सकते। अतिशेष शिक्षकों के माध्यम से शैक्षणिक व्यवस्था बनाई जा रही है। गणित और अंग्रेजी के शिक्षक नहीं मिल रहे हैं। विनोद तिवारी, एडीपीसी, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान होशंगाबाद
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भास्कर संवाददाता | होशंगाबाद शिक्षा विभाग ने जिले में 21 मिडिल स्कूलों का उन्नयन कर हाईस्कूल तो बना दिए, लेकिन शिक्षकों के पद अभी तक स्वीकृत नहीं किए हैं। ऐसे में 779 विद्यार्थियों का भविष्य अधर में है। स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की भी व्यवस्था नहीं हो पा रही है।
बनखेड़ी तहसील में 5, बाबई में 2, केसला में 4, सिवनीमालवा में 5, होशंगाबाद में 2 और सोहागपुर में 4 स्कूलों को उन्नयन के बाद हाईस्कूल बनाया गया है। 12 स्कूल नए शिक्षण सत्र के साथ ही शुरू हुए थे, जबकि 9 स्कूलों में इसी सप्ताह कक्षाएं शुरू हुई हैं। 24 अगस्त तक बोर्ड ने नामांकन का समय तय किया है। सभी स्कूलों में अभी तक 9वीं कक्षा में 779 विद्यार्थी एडमिशन ले चुके हैं। इनकी पढ़ाई भगवान भरोसे ही चल रही है। विभाग ने एक भी स्कूल में शिक्षक और प्राचार्य का पद स्वीकृत नहीं किया है। हर स्कूल भवन के लिए केंद्र सरकार ने एक-एक करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिए हैं। स्टाफ की व्यवस्था राज्य सरकार काे करनी है। मिडिल स्कूलों के प्रभारियों को ही हाईस्कूल की व्यवस्थाएं देखनी पड़ रही हैं। मिडिल के शिक्षक ही दोनों ही स्कूलों की क्लासें ले रहे हैं। इस तरह दोनों ही स्कूल की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
अंग्रेजी और गणित के नहीं मिल रहे टीचर
शिक्षा विभाग ने पद स्वीकृत नहीं होने तक अतिशेष शिक्षकों को इन 21 स्कूलों में भेजने की तैयारी की है। इसके बावजूद अंग्रेजी और गणित विषय के टीचर नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में आगे दोनों ही विषयों की पढ़ाई प्रभावित होने की आशंका है।
व्यवस्था कर रहे हैं
स्कूलों में कक्षाएं शुरू कर दी हैं। फिलहाल मिडिल स्कूल के शिक्षक हाईस्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे हैं। पद न होने से अतिथि शिक्षक नहीं रखे जा सकते। अतिशेष शिक्षकों के माध्यम से शैक्षणिक व्यवस्था बनाई जा रही है। गणित और अंग्रेजी के शिक्षक नहीं मिल रहे हैं। विनोद तिवारी, एडीपीसी, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान होशंगाबाद
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