Advertisement

मिशनरी स्कूलों को आरटीई और फीस कानून के दायरे में लाने की कोशिश

भोपाल, ब्यूरो। राज्य सरकार उन मिशनरी स्कूलों को शिकंजे में लेने की कोशिश कर रही है, जो अल्पसंख्यक संस्था होने का सर्टिफिकेट पेश कर आरटीई (शिक्षा का अधिकार) कानून से बच निकले हैं। इन स्कूलों को निजी स्कूल फीस निर्धारण कमेटी के दायरे में लाने की मशक्कत चल रही है।
स्कूल शिक्षा विभाग ने इसे लेकर अल्पसंख्यक आयोग से सुझाव मांगे हैं। विभाग जल्द ही यह मसौदा कोर्ट में पेश करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थाओं को आरटीई के दायरे से बाहर निकाल दिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद राजधानी सहित प्रदेशभर के ज्यादातर बड़े स्कूल अल्पसंख्यक संस्था होने का फायदा उठा रहे हैं। इन स्कूलों ने शासन को अल्पसंख्यक संस्था होने का सर्टिफिकेट सौंप दिया है। इस कारण आरटीई का कोई भी नियम इन पर लागू नहीं हो रहा है। उल्लेखनीय है कि आरटीई के तहत निजी स्कूलों में 25 फीसदी सीटों पर गरीब एवं कमजोर तबके के बच्चों को नि:शुल्क एडमिशन देने का प्रावधान है।
फीस नियंत्रण का मसौदा भी तैयार
निजी स्कूलों की फीस पर नियंत्रण की मांग भी लगातार उठ रही है। हाईकोर्ट इस पर कानून बनाने के निर्देश दे चुका है। सूत्र बताते हैं कि विभाग ने निजी स्कूलों की फीस पर नियंत्रण का मसौदा भी तैयार कर लिया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थाओं को इससे बाहर रखा है। जब बैठक में यह बात आई कि ज्यादातर बड़े स्कूल अल्पसंख्यक संस्था होने का सर्टिफिकेट दे चुके हैं, तब विभाग ने अल्पसंख्यक आयोग से वास्तविक शैक्षणिक संस्थाओं की जानकारी मांगी। विभाग ने आयोग से यह भी सुझाव मांगा है कि अल्पसंख्यक का सर्टिफिकेट पेश कर चुके स्कूलों को कमेटी के दायरे में रखा जाए या नहीं।
अल्पसंख्यक होने की परिभाष पूछी
सूत्र बताते हैं कि विभाग ने आयोग से स्कूलों के अल्पसंख्यक होने की परिभाषा बताने को भी कहा है। दरअसल, स्कूलों ने संचालन कमेटी में अल्पसंख्यक वर्ग के सदस्यों की संख्या बढ़ाकर खुद को अल्पसंख्यक संस्था घोषित कर दिया और इसी आधार पर अल्पसंख्यक संस्था होने का सर्टिफिकेट भी मिल गया है, जिसे पेश कर स्कूल आरटीई से बच गए हैं।
स्पष्टीकरण मांगा
लीज पर जमीन और अन्य सरकारी सुविधाएं लेते समय इन स्कूलों ने खुद को अल्पसंख्यक संस्था नहीं बताया। अब जब गरीबों को पढ़ाना और नियमों का पालन करना है, तो अल्पसंख्यक बन गए। हमने अल्पसंख्यक आयोग से इसी को स्पष्ट करने को कहा है। - दीपक जोशी, राज्यमंत्री, स्कूल शिक्षा विभाग
Sponsored link :
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC

UPTET news

'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();

Facebook