नया शिक्षा सत्र शुरू हुए करीब डेढ़ महीना बीत गया। लेकिन निंबोला के हिंदी
माध्यमिक स्कूल में अंग्रेजी और विज्ञान विषय की कक्षा नहीं लग पा रही
हैं। यहां अंग्रेजी का एक भी शिक्षक नहीं है। वहीं विज्ञान के शिक्षक हर्षल
भिरूड़ को डीईओ ऑफिस में अटैच कर दिया गया है। इस कारण विद्यार्थियों की
पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
माध्यमिक स्कूल में कुल 218 विद्यार्थी हैं। इनमें कक्षा 6वीं के 82, 7वीं के 65 और कक्षा 8वीं के 71 विद्यार्थी शामिल हैं। स्कूल में प्रधान पाठक के अलावा पांच शिक्षक हैं। वे अपने-अपने विषय पढ़ा रहे हैं। लेकिन विद्यार्थियों की अंग्रेजी और विज्ञान विषय की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। यहां कम्प्यूटर शिक्षक भी नहीं है। वहीं स्कूल के कक्षावार टाइम टेबल में प्रधान पाठक अजयचंद्र माहौर का नाम नहीं है। इस कारण भी विद्यार्थियों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। पढ़ाई प्रभावित होने के बाद भी शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अफसर समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। स्कूल में छत से बारिश का पानी टपकता है। प्रधान पाठक के कक्ष में छत के नीचे तिरपाल बंधी है, लेकिन बाकी कमरों में विद्यार्थी और शिक्षक परेशानी झेल रहे हैं। स्कूल में बिजली भी नहीं है। इस कारण भी विद्यार्थी और शिक्षक परेशानी झेल रहे हैं।
स्कूल को शाला विकास के लिए 10 हजार और अन्य मद में सात हजार रुपए साल के मिल रहे हैं। यहां व्यवस्थाओं में सुधार नहीं किया जा रहा है। शिक्षक नहीं होने के कारण कम्प्यूटर कक्ष भी बंद पड़ा रहता है। कक्षा 8वीं के शुभम ईश्वर पदमे, विनायक सदाशिव, अंजू मोहम्मद तड़वी, सविता पदमे ने बताया जुलाई से ही अंग्रेजी और विज्ञान की कक्षा नहीं लगी है। इससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अफसरों को इस ओर ध्यान देकर जल्द शिक्षकों की व्यवस्था करना चाहिए।
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माध्यमिक स्कूल में कुल 218 विद्यार्थी हैं। इनमें कक्षा 6वीं के 82, 7वीं के 65 और कक्षा 8वीं के 71 विद्यार्थी शामिल हैं। स्कूल में प्रधान पाठक के अलावा पांच शिक्षक हैं। वे अपने-अपने विषय पढ़ा रहे हैं। लेकिन विद्यार्थियों की अंग्रेजी और विज्ञान विषय की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। यहां कम्प्यूटर शिक्षक भी नहीं है। वहीं स्कूल के कक्षावार टाइम टेबल में प्रधान पाठक अजयचंद्र माहौर का नाम नहीं है। इस कारण भी विद्यार्थियों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। पढ़ाई प्रभावित होने के बाद भी शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अफसर समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। स्कूल में छत से बारिश का पानी टपकता है। प्रधान पाठक के कक्ष में छत के नीचे तिरपाल बंधी है, लेकिन बाकी कमरों में विद्यार्थी और शिक्षक परेशानी झेल रहे हैं। स्कूल में बिजली भी नहीं है। इस कारण भी विद्यार्थी और शिक्षक परेशानी झेल रहे हैं।
स्कूल को शाला विकास के लिए 10 हजार और अन्य मद में सात हजार रुपए साल के मिल रहे हैं। यहां व्यवस्थाओं में सुधार नहीं किया जा रहा है। शिक्षक नहीं होने के कारण कम्प्यूटर कक्ष भी बंद पड़ा रहता है। कक्षा 8वीं के शुभम ईश्वर पदमे, विनायक सदाशिव, अंजू मोहम्मद तड़वी, सविता पदमे ने बताया जुलाई से ही अंग्रेजी और विज्ञान की कक्षा नहीं लगी है। इससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अफसरों को इस ओर ध्यान देकर जल्द शिक्षकों की व्यवस्था करना चाहिए।
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