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पोर्टल नहीं खुला, स्कूल की मान्यता खतरें में

जिले के निजी स्कूलों में आरटीई के तहत होने वाले 25 फीसदी गरीब बच्चों की प्रवेश प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो पाई है। वर्ष 2011-12 से अब तक आरटीई के तहत स्कूलों में निशुल्क पढ़ रहे विद्यार्थी की संख्या पोर्टल न खुलने के कारण दर्ज नहीं हो पाई है। जिससे न केवल जिले के बल्कि प्रदेश के 21 हजार स्कूलों की मान्यता खतरे में है।

जिले के निजी स्कूलों के संगठन प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन व यूनाइटेड ऑफ प्राइवेट स्कूलों का प्रतिनिधि मंडल विस अध्यक्ष डाॅ. सीतासरन शर्मा से शनिवार को भोपाल में मिला। उन्हें 9 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा। मंडल ने बताया शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के कुछ बिंदुओं को लेकर न केवल जिले की बल्कि प्रदेश के हजारों मिडिल स्कूलों की मान्यता खतरे में है। डॉ. शर्मा ने शिक्षा विभाग के एसीएस आरएस मोहंती और एजुकेशन कमिश्नर नीरज दुबे से चर्चा की। मोहंंती ने उन्हें बताया चूंकि यह मामला आरटीई से संबंधित है। केंद्र सरकार के मानव संसाधन विभाग से जुड़ा है। विभाग को पत्र लिखा है। अगस्त के पहले सप्ताह में फैसला हो सकता। जिला संगठन अध्यक्ष शिव भारद्वाज, राममोहन मलैया, संदीप तिवारी, अजय चौकसे, जाफर सिद्दीकी, नटवर पटेल व रविशंकर नागर भी थे।

प्रकरण दर्ज करेंगे

परिजनों को डीईओ के पास जाने काे कहा है। जांच रिपोर्ट गलत पाई गई तो प्रकरण दर्ज किया जाएगा। अनिल शर्मा, एसडीओपी इटारसी

परिजनों के कहने पर बच्चों को 9वीं की पढ़ाई कराई थी। नवंबर में मान्यता आवेदन निरस्त हुआ। बिना मान्यता के टीसी नहीं दे सकते है। सुनीश, प्राचार्य मारथोमा स्कूल

सभी विद्यार्थियों को सरकारी स्कूल में प्रवेश के लिए संकुल प्राचार्य को निर्देशित किया है। कुछ परिजन ने प्रवेश भी करा दिया है। पीके पटवा, बीईओ, होशंगाबाद

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