जबलपुर। बदले ट्रेंड ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई का
स्टैंडर्ड गिरा दिया है। ऑलीशान इमारत और इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के
बावजूद छात्र इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं। आलम ये है कि सीटें भरने के लिए
सब्जी-भाजी की तरह फीस का मोलभाव हो रहा है।
60 हजार प्रति सेमेस्टर फीस लेने वाले कॉलेज 10 हजार में पढ़ाने तैयार हैं। इतना ही नहीं एडमिशन लेकर आने वाले को कमीशन अलग से। हर किसी की आस अब 12वीं पास छात्रों पर टिकी है। 5 अगस्त से 8 अगस्त के बीच तीसरा राउंड प्रारंभ होगा। 15 अगस्त तक प्रवेश की प्रक्रिया चलेगी।
ऑफर नहीं सीधे फीस ही कम-
पिछले साल तक कॉलेज स्टूडेंट को लुभाने के लिए लैपटॉप, फ्री फॉरेन एजुकेशन टूर, मोबाइल जैसी गिफ्ट देते थे। इस बार सीट ज्यादा और स्टूडेंट बेहद कम। ऐसे में कॉलेज संचालक सीधे आर्थिक मजबूती देने का प्रयास कर रहे हैं। तय फीस ही घटा दी गई। निजी कॉलेजों में कई ऐसी ब्रांच हैं जहां स्टूडेंट दाखिला नहीं लेना चाहते। उनमें तो लगभग फ्री में पढ़ाने के लिए कई कॉलेज तैयार हैं। उन्होंने छात्रों को 5 से 10 हजार फीस में एडमिशन का ऑफर दिया है। ये सब कुछ मोलभाव पर तय हो रहा है। जिसने जितनी फीस का भाव गिरा लिया।
दलाल को कमीशन भी मोटा-
शहर के नामी इंजीनियरिंग कॉलेजों ने दलालों को पहले ही ऑफर फेंक दिया है। वे भी गांव-गांव से 12वीं पास छात्रों के ओरिजनल दस्तावेज लेकर पहुंच रहे हैं। कॉलेज संचालक उनके नाम का रजिस्ट्रेशन और च्वाइस फिलिंग कर रहे हैं। हर दस्तावेज पर 5 हजार कमीशन तय है। सीधे छात्र के साथ एडमिशन करवाया तो 15-20 हजार रुपये का कमीशन दिया जा रहा है।
78 हजार सीट 26 हजार आए-
प्रदेश में इंजीनियरिंग की 78,300 सीट हैं। दूसरे राउंड के बाद कुल 26 हजार सीटें भरी हैं। 13 हजार सीटें दूसरे राउंड में भरी। इसमें 7200 छात्र 12वीं पास हैं। यानी तीसरे चरण में 12वीं पास छात्रों से ही कॉलेजों को सीट भरने की आस है।
दूसरे चरण में कुछ सीटें भरी हैं। 12वीं पास छात्रों से ही इंजीनियरिंग की सीट भरने की उम्मीद है। अभी बहुत ज्यादा सीट खाली हैं। -सुबोध पांडे, प्रभारी ऑनलाइन काउंसलिंग तकनीकी शिक्षा विभाग भोपाल
Sponsored link :
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
60 हजार प्रति सेमेस्टर फीस लेने वाले कॉलेज 10 हजार में पढ़ाने तैयार हैं। इतना ही नहीं एडमिशन लेकर आने वाले को कमीशन अलग से। हर किसी की आस अब 12वीं पास छात्रों पर टिकी है। 5 अगस्त से 8 अगस्त के बीच तीसरा राउंड प्रारंभ होगा। 15 अगस्त तक प्रवेश की प्रक्रिया चलेगी।
ऑफर नहीं सीधे फीस ही कम-
पिछले साल तक कॉलेज स्टूडेंट को लुभाने के लिए लैपटॉप, फ्री फॉरेन एजुकेशन टूर, मोबाइल जैसी गिफ्ट देते थे। इस बार सीट ज्यादा और स्टूडेंट बेहद कम। ऐसे में कॉलेज संचालक सीधे आर्थिक मजबूती देने का प्रयास कर रहे हैं। तय फीस ही घटा दी गई। निजी कॉलेजों में कई ऐसी ब्रांच हैं जहां स्टूडेंट दाखिला नहीं लेना चाहते। उनमें तो लगभग फ्री में पढ़ाने के लिए कई कॉलेज तैयार हैं। उन्होंने छात्रों को 5 से 10 हजार फीस में एडमिशन का ऑफर दिया है। ये सब कुछ मोलभाव पर तय हो रहा है। जिसने जितनी फीस का भाव गिरा लिया।
दलाल को कमीशन भी मोटा-
शहर के नामी इंजीनियरिंग कॉलेजों ने दलालों को पहले ही ऑफर फेंक दिया है। वे भी गांव-गांव से 12वीं पास छात्रों के ओरिजनल दस्तावेज लेकर पहुंच रहे हैं। कॉलेज संचालक उनके नाम का रजिस्ट्रेशन और च्वाइस फिलिंग कर रहे हैं। हर दस्तावेज पर 5 हजार कमीशन तय है। सीधे छात्र के साथ एडमिशन करवाया तो 15-20 हजार रुपये का कमीशन दिया जा रहा है।
78 हजार सीट 26 हजार आए-
प्रदेश में इंजीनियरिंग की 78,300 सीट हैं। दूसरे राउंड के बाद कुल 26 हजार सीटें भरी हैं। 13 हजार सीटें दूसरे राउंड में भरी। इसमें 7200 छात्र 12वीं पास हैं। यानी तीसरे चरण में 12वीं पास छात्रों से ही कॉलेजों को सीट भरने की आस है।
दूसरे चरण में कुछ सीटें भरी हैं। 12वीं पास छात्रों से ही इंजीनियरिंग की सीट भरने की उम्मीद है। अभी बहुत ज्यादा सीट खाली हैं। -सुबोध पांडे, प्रभारी ऑनलाइन काउंसलिंग तकनीकी शिक्षा विभाग भोपाल
Sponsored link :
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC