भिंड। जिले में व्यापमं की फर्जी अंकतालिका और फर्जी डीएड सर्टिफिकेट के जरिए शिक्षक बनने वालों पर कार्रवाई बोर्ड परीक्षा बाद की जाएगी। जिलेभर में हुई वर्ष 2006, 2009 और 2011 की संविदा शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े की जांच कलेक्टर इलैया राजा टी ने जिला पंचायत के सीईओ प्रवीण सिंह को दी है।
कलेक्टर का कहना है कि बोर्ड परीक्षा बाद जांच कंप्लीट कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। यहां बता दें कि फर्जीवाड़े की जांच पिछले 2 साल से हो रही है। जांच के दौरान 3 कलेक्टर एमसिबि चक्रवती, विनोद शर्मा और मधुकर आग्नेय के तबादले हो चुके हैं।
फरवरी 2014 में शुरू हुई थी जांच :
संविदा शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े का वर्ष 2014 फरवरी में खुलासा होने पर तत्कालीन कलेक्टर एमसिबि चक्रवर्ती ने जांच शुरू कराई थी। जांच के दौरान फर्जीवाड़े से बने शिक्षक और भर्ती प्रक्रिया में शामिल लोगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो हाईकोर्ट में रिट दायर की गई। हाईकोर्ट के निर्देश पर कलेक्टर मधुकर आग्नेय ने 3 टीमें बनाकर संविदा शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े की जांच शुरू कराई है। पूर्व की जांच समितियों के मुताबिक जिले में वर्ष 2006, 2009 और 2011 में 500 से 1000 लोगों को फर्जी अंकतालिका और प्रमाण पत्रों के आधार पर संविदा शिक्षक बना दिया गया है। फर्जीवाड़े का सही आंकड़ा जांच रिपोर्ट आने के बाद सामने आएगा।
जांच रिपोर्ट हुई गायबः
संविदा शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े की जांच की शुरुआती रिपोर्ट तत्कालीन एडीएम पीके श्रीवास्तव ने तैयार कराई थी, लेकिन अब यह जांच रिपोर्ट गायब है। जिला पंचायत सीईओ प्रवीण सिंह कलेक्टर के आदेश पर जांच करेंगे, जिसमें पुरानी रिपोर्ट को भी देखा जाना है। तत्कालीन एडीएम के समय की रिपोर्ट गायब होने से अब नए सिरे से जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
104 कर रहे नौकरी, रिकॉर्ड नहीं:
तत्कालीन कलेक्टर मधुकर आग्नेय के निर्देश पर वर्ष 2011 में भिंड जनपद पंचायत में संविदा शिक्षक भर्ती की जांच जिला पेंशन अधिकारी वायएस भदौरिया ने की थी। जांच में सामने आया था कि भिंड जनपद से भर्ती होकर 104 शिक्षक नौकरी कर रहे हैं, जबकि दस्तावेज 76 शिक्षकों के मिले थे। जांच में यह बात भी सामने आई थी कि भर्ती सिर्फ 86 पदों पर होना थी, लेकिन नौकरी 104 को दी गई।
इन शिक्षकों के भेजे थे नाम :
तत्कालीन एडीएम पीके श्रीवास्तव ने फर्जीवाड़े में लिप्त 7 शिक्षकों के नाम कार्रवाई के लिए भेजे थे, जबकि तत्कालीन डीईओ गोपाल सिंह भदौरिया ने 17 शिक्षकों के नाम भेजे थे, जिनमें प्रमिला चौहान प्रावि विश्वारी, नागेंद्र सिंह हाईस्कूल मटियावली बुजुर्ग, शिल्पी गुप्ता हाईस्कूल बोनापुरा, चंद्रप्रकाश सुमन मावि परसाना, अविनाश शर्मा प्रावि रायपुरा, घनश्याम लवबंशी कन्या प्रावि पढ़ौरा, मशलम खान, कन्या प्रावि गोरई, आनंद त्रिपाठी मावि रेंवजा, मुनेंद्र बाबू शुक्ला मावि ढिमोले की मढ़ैयन, मनीष तिवारी मावि गांध, रामप्रसाद सिंह मावि विरौना, हरिओम शर्मा प्रावि रओ के नाम हैं। मामला जांच में होने से कार्रवाई अटकी हुई है।
अनवेलिड सर्टिफिकेट से मिली नौकरी :
जिले में संविदा शिक्षक भर्ती में शिक्षक की नौकरी पाने के लिए ऐसी यूनिवर्सिटी के डिप्लोमे सबमिट किए गए, जो वेलिड नहीं थे। कई लोगों ने डीएड की फेर्जी अंकसूची लगाई, जिससे 20 अंक की बढ़त लेकर शिक्षक बने। बाद में यही लोग डाइट से डीएड करते मिले। इसके बाद तत्कालीन कलेक्टर एमसिबि चक्रवर्ती ने शिक्षक भर्ती फेर्जीवाड़े की जांच शुरू कराई थी।
आखिर में इन कमेटी ने की जांचः
- संविदा शिक्षक भर्ती वर्ष 2009 : महिला बाल विकास अधिकारी, एमके लोहिया प्राचार्य शासकीय उमा सकूल मेहगांव, देवेंद्र सिंह गुर्जर बीआरसीसी गोहद, एमके तायल बीईओ अटेर, सीईओ जनपद पंचायत रौन, सीईओ जनपद पंचायत लहार और दिलीप सिंह यादव शिक्षक उमा स्कूल अकोड़ा।
- संविदा शिक्षक भर्ती वर्ष 2006 : सहकारिता उपायुक्त भिंड, यूके करैया प्रिंसिपल हाईस्कूल कनावर, अनंतराम गर्ग बीईओ गोहद, राघवेंद्र शर्मा अध्यापक मसूरी, सीईओ जनपद पंचायत भिंड, सीईओ जनपद पंचायत गोहद और रमेश चंद्र शर्मा शिक्षक उमा स्कूल खड़ेरीपुरा अटेर।
- संविदा शिक्षक भर्ती वर्ष 2011ः जिला पेंशन अधिकारी योगेंद्र सिंह भदौरिया, रामजीलाल माझी शासकीय हाईस्कूल गिजुर्रा, आरके तिवारी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, महावीर सिंह तोमर बीआरसीसी अटेर, सीईओ जनपद पंचायत अटेर, सीईओ जनपद पंचायत मेहगांव और गगन शर्मा अध्यापक हाईस्कूल मटियावली बुजुर्ग रौन।
वर्जनः
संविदा शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े की जांच 2 दिन पहले जिला पंचायत सीईओ दी गई है। बोर्ड परीक्षा के बाद जांच कर जो भी निष्कर्ष निकलेगा उसके मुताबिक कार्रवाई करेंगे।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
कलेक्टर का कहना है कि बोर्ड परीक्षा बाद जांच कंप्लीट कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। यहां बता दें कि फर्जीवाड़े की जांच पिछले 2 साल से हो रही है। जांच के दौरान 3 कलेक्टर एमसिबि चक्रवती, विनोद शर्मा और मधुकर आग्नेय के तबादले हो चुके हैं।
फरवरी 2014 में शुरू हुई थी जांच :
संविदा शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े का वर्ष 2014 फरवरी में खुलासा होने पर तत्कालीन कलेक्टर एमसिबि चक्रवर्ती ने जांच शुरू कराई थी। जांच के दौरान फर्जीवाड़े से बने शिक्षक और भर्ती प्रक्रिया में शामिल लोगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो हाईकोर्ट में रिट दायर की गई। हाईकोर्ट के निर्देश पर कलेक्टर मधुकर आग्नेय ने 3 टीमें बनाकर संविदा शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े की जांच शुरू कराई है। पूर्व की जांच समितियों के मुताबिक जिले में वर्ष 2006, 2009 और 2011 में 500 से 1000 लोगों को फर्जी अंकतालिका और प्रमाण पत्रों के आधार पर संविदा शिक्षक बना दिया गया है। फर्जीवाड़े का सही आंकड़ा जांच रिपोर्ट आने के बाद सामने आएगा।
जांच रिपोर्ट हुई गायबः
संविदा शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े की जांच की शुरुआती रिपोर्ट तत्कालीन एडीएम पीके श्रीवास्तव ने तैयार कराई थी, लेकिन अब यह जांच रिपोर्ट गायब है। जिला पंचायत सीईओ प्रवीण सिंह कलेक्टर के आदेश पर जांच करेंगे, जिसमें पुरानी रिपोर्ट को भी देखा जाना है। तत्कालीन एडीएम के समय की रिपोर्ट गायब होने से अब नए सिरे से जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
104 कर रहे नौकरी, रिकॉर्ड नहीं:
तत्कालीन कलेक्टर मधुकर आग्नेय के निर्देश पर वर्ष 2011 में भिंड जनपद पंचायत में संविदा शिक्षक भर्ती की जांच जिला पेंशन अधिकारी वायएस भदौरिया ने की थी। जांच में सामने आया था कि भिंड जनपद से भर्ती होकर 104 शिक्षक नौकरी कर रहे हैं, जबकि दस्तावेज 76 शिक्षकों के मिले थे। जांच में यह बात भी सामने आई थी कि भर्ती सिर्फ 86 पदों पर होना थी, लेकिन नौकरी 104 को दी गई।
इन शिक्षकों के भेजे थे नाम :
तत्कालीन एडीएम पीके श्रीवास्तव ने फर्जीवाड़े में लिप्त 7 शिक्षकों के नाम कार्रवाई के लिए भेजे थे, जबकि तत्कालीन डीईओ गोपाल सिंह भदौरिया ने 17 शिक्षकों के नाम भेजे थे, जिनमें प्रमिला चौहान प्रावि विश्वारी, नागेंद्र सिंह हाईस्कूल मटियावली बुजुर्ग, शिल्पी गुप्ता हाईस्कूल बोनापुरा, चंद्रप्रकाश सुमन मावि परसाना, अविनाश शर्मा प्रावि रायपुरा, घनश्याम लवबंशी कन्या प्रावि पढ़ौरा, मशलम खान, कन्या प्रावि गोरई, आनंद त्रिपाठी मावि रेंवजा, मुनेंद्र बाबू शुक्ला मावि ढिमोले की मढ़ैयन, मनीष तिवारी मावि गांध, रामप्रसाद सिंह मावि विरौना, हरिओम शर्मा प्रावि रओ के नाम हैं। मामला जांच में होने से कार्रवाई अटकी हुई है।
अनवेलिड सर्टिफिकेट से मिली नौकरी :
जिले में संविदा शिक्षक भर्ती में शिक्षक की नौकरी पाने के लिए ऐसी यूनिवर्सिटी के डिप्लोमे सबमिट किए गए, जो वेलिड नहीं थे। कई लोगों ने डीएड की फेर्जी अंकसूची लगाई, जिससे 20 अंक की बढ़त लेकर शिक्षक बने। बाद में यही लोग डाइट से डीएड करते मिले। इसके बाद तत्कालीन कलेक्टर एमसिबि चक्रवर्ती ने शिक्षक भर्ती फेर्जीवाड़े की जांच शुरू कराई थी।
आखिर में इन कमेटी ने की जांचः
- संविदा शिक्षक भर्ती वर्ष 2009 : महिला बाल विकास अधिकारी, एमके लोहिया प्राचार्य शासकीय उमा सकूल मेहगांव, देवेंद्र सिंह गुर्जर बीआरसीसी गोहद, एमके तायल बीईओ अटेर, सीईओ जनपद पंचायत रौन, सीईओ जनपद पंचायत लहार और दिलीप सिंह यादव शिक्षक उमा स्कूल अकोड़ा।
- संविदा शिक्षक भर्ती वर्ष 2006 : सहकारिता उपायुक्त भिंड, यूके करैया प्रिंसिपल हाईस्कूल कनावर, अनंतराम गर्ग बीईओ गोहद, राघवेंद्र शर्मा अध्यापक मसूरी, सीईओ जनपद पंचायत भिंड, सीईओ जनपद पंचायत गोहद और रमेश चंद्र शर्मा शिक्षक उमा स्कूल खड़ेरीपुरा अटेर।
- संविदा शिक्षक भर्ती वर्ष 2011ः जिला पेंशन अधिकारी योगेंद्र सिंह भदौरिया, रामजीलाल माझी शासकीय हाईस्कूल गिजुर्रा, आरके तिवारी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, महावीर सिंह तोमर बीआरसीसी अटेर, सीईओ जनपद पंचायत अटेर, सीईओ जनपद पंचायत मेहगांव और गगन शर्मा अध्यापक हाईस्कूल मटियावली बुजुर्ग रौन।
वर्जनः
संविदा शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े की जांच 2 दिन पहले जिला पंचायत सीईओ दी गई है। बोर्ड परीक्षा के बाद जांच कर जो भी निष्कर्ष निकलेगा उसके मुताबिक कार्रवाई करेंगे।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC