सागर।
डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय में नियुक्त हुए शिक्षकों के कंफर्मेशन की
क्या संभावना बन सकती है, यह पता करने के लिए कमेटी बनेगी। विवि कार्यपरिषद
की 18वीं बैठक में लिए गए निर्णय के पालन में ऐसा हो रहा है। नए शिक्षकों
ने इसके लिए प्रशासन को आवेदन दिया था, इसी क्रम में यह बिंदु एजेंडा में
शामिल किया गया था।
ईसी के मिनिट्स जारी कर दिए गए हैं। इसमें कुल 31 बिंदु शामिल थे।
कंफर्मेशन की संभावना तलाशने बनी कमेटी में कुलसचिव एवं दो वाह्य विशेषज्ञ
होंगे। एआर डोफा प्रेजेंटिंग ऑफिसर होंगे। यह कमेटी विज्ञापित पद,
रिजर्वेशन रोस्टर, भर्ती नियम, यूजीसी के रेग्युलेशन आदि को ध्यान में रखते
हुए अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इसे ईसी की आगामी बैठक में विचारार्थ
रखा जाएगा। इसमें जो 22 शिक्षकों का मामला राष्ट्रपति के यहां लंबित हैं,
उसको छोड़कर शेष शिक्षकों की योग्यता आदि के आधार पर निर्णय होगा।
तीसरे अधिवक्ता की सलाह पर होगा निर्णय : परफार्मिंग आर्ट्स विभाग में सीबीआई को अभियोजन की स्वीकृति दी जा चुकी है। वहीं अपराध शास्त्र विभाग में विवि के दोनों अधिवक्ताओं की अलग-अलग सलाह होने के कारण तीसरे अधिवक्ता से सलाह मांगी गई है। जो भी सलाह आएगी, उसे कुलपति और विवि के आंतरिक ईसी सदस्यों के समक्ष रखा जाएगा। इसमें जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह सीबीआई को भेज दिया जाएगा। बैठक में एक भी अधिवक्ता शामिल नहीं हुआ।
5 माह में 7 शिक्षकों ने छोड़ी नौकरी
ईसी को बताया गया कि पिछले 5 माह में 7 असिस्टेंट प्रोफेसर अलग-अलग कारणों से नौकरी छोड़कर जा चुके हैं। इनमें बॉटनी के डॉ. राघवेंद्र सिंह ने अक्टूबर 2015, जूलॉजी की डॉ. रश्मि सैनी एवं डॉ. प्रद्युम्न कुमार मिश्रा नवंबर 2015, प्राचीन भारतीय इतिहास के डॉ. आलोक श्रोत्रिय एवं मानव विज्ञान की डॉ. प्रियंका खुराना ने दिसंबर 2015, गणित के डॉ. आशीष पाठक ने जनवरी एवं प्राचीन भारतीय इतिहास के डॉ. विनय के गुप्ता ने 4 फरवरी को त्याग-पत्र दिया।
यह निर्णय भी लिए गए
फाइनेंस कमेटी के लिए ईसी से एक मैंबर होने के नाते प्रो. आरके त्रिवेदी को नामित किया गया है।
पूर्व कुलसचिव अनूप केशवदेव पुजारी से करीब 8 लाख रुपए की रिकवरी के आदेश को बरकरार रखा गया है।
दैवेभो को एफबीएलआईसी का लाभ देने का मामला पहले एफसी की बैठक में रखने को कहा गया है।
रिलायंस इंफोकॉम के लिए 4जी का टॉवर विवि परिसर में लगाने की अनुमति से देने से इंकार किया गया है।
दैवेभो को सीएल एवं ईएल अवकाश के साथ ही महिला कर्मचारियों को मिलने वाला मातृत्व अवकाश का लाभ का आदेश आगामी बैठक तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
तीसरे अधिवक्ता की सलाह पर होगा निर्णय : परफार्मिंग आर्ट्स विभाग में सीबीआई को अभियोजन की स्वीकृति दी जा चुकी है। वहीं अपराध शास्त्र विभाग में विवि के दोनों अधिवक्ताओं की अलग-अलग सलाह होने के कारण तीसरे अधिवक्ता से सलाह मांगी गई है। जो भी सलाह आएगी, उसे कुलपति और विवि के आंतरिक ईसी सदस्यों के समक्ष रखा जाएगा। इसमें जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह सीबीआई को भेज दिया जाएगा। बैठक में एक भी अधिवक्ता शामिल नहीं हुआ।
5 माह में 7 शिक्षकों ने छोड़ी नौकरी
ईसी को बताया गया कि पिछले 5 माह में 7 असिस्टेंट प्रोफेसर अलग-अलग कारणों से नौकरी छोड़कर जा चुके हैं। इनमें बॉटनी के डॉ. राघवेंद्र सिंह ने अक्टूबर 2015, जूलॉजी की डॉ. रश्मि सैनी एवं डॉ. प्रद्युम्न कुमार मिश्रा नवंबर 2015, प्राचीन भारतीय इतिहास के डॉ. आलोक श्रोत्रिय एवं मानव विज्ञान की डॉ. प्रियंका खुराना ने दिसंबर 2015, गणित के डॉ. आशीष पाठक ने जनवरी एवं प्राचीन भारतीय इतिहास के डॉ. विनय के गुप्ता ने 4 फरवरी को त्याग-पत्र दिया।
यह निर्णय भी लिए गए
फाइनेंस कमेटी के लिए ईसी से एक मैंबर होने के नाते प्रो. आरके त्रिवेदी को नामित किया गया है।
पूर्व कुलसचिव अनूप केशवदेव पुजारी से करीब 8 लाख रुपए की रिकवरी के आदेश को बरकरार रखा गया है।
दैवेभो को एफबीएलआईसी का लाभ देने का मामला पहले एफसी की बैठक में रखने को कहा गया है।
रिलायंस इंफोकॉम के लिए 4जी का टॉवर विवि परिसर में लगाने की अनुमति से देने से इंकार किया गया है।
दैवेभो को सीएल एवं ईएल अवकाश के साथ ही महिला कर्मचारियों को मिलने वाला मातृत्व अवकाश का लाभ का आदेश आगामी बैठक तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
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