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शहर में पढ़ा रहे गांव के शिक्षक, स्कूलों में खुद पढ़ रहे छात्र

जबलपुर। शिक्षकों के शहर मोह से गांव के स्कूलों में पढ़ाई ठप होने के कगार पर है। शहर के स्कूलों में छात्रों से ज्यादा शिक्षक हैं तो गांव के दर्जनों स्कूल शिक्षकों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।  
चहेते शिक्षकों को शहर के स्कूलों में पदस्थ कर गांव के स्कूलों को अतिथि शिक्षकों के जिम्मे छोड़ा जा रहा है। इसका खुलासा विभाग के आंकड़ों से होता है। जिसमें जिला व ब्लॉक मुख्यालयों के स्कूलों में आवश्यकता से अधिक शिक्षक पदस्थ होना पाया गया है।

युक्तियुक्तकरण के जरिए अतिशेष शिक्षकों को शिक्षक विहीन स्कूलों तक पहुंचाने का फरमान भले ही शासन ने सत्र के शुरुआत में जारी किया हो, लेकिन विभाग के अधिकारियों ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
नहीं हो सका युक्तियुक्तकरण
लोक शिक्षण संचालनालय ने शिक्षकों के मुख्यालय मोह को देखते हुए शिक्षण सत्र की शुरुआत में ही आरटीई के तहत पदस्थापना के आदेश दिए थे। इसके अनुसार स्कूलों में छात्र संख्या के अनुरूप शिक्षकों की पदस्थापना कर अतिशेष शिक्षकों को अन्य स्कूलों में स्थानांतरित करना था। विभाग ने छात्रहित से हटकर शिक्षक हित में कार्य करते हुए आदेश को दरकिनार कर दिया।
शिक्षा विभाग भी कठघरे में
सूत्रों की मानें तो शिक्षक मुख्यालयों में सुविधा के अनुरूप रहना चाहते हैं। इसके लिए वे अधिकारियों की खुशामद में भी पीछे नहीं हटते। जिसका जितना दबाव वह मुख्यालय के उतने ही करीब होता है। संभाग के आठों जिलों में सरप्लस शिक्षकों की सूची कुछ ऐसे ही राज बयां करती है। ये हैं हालात
जबलपुर शहर में शासकीय प्राइमरी स्कूल मेडिकल कॉलेज पर 262 बच्चे अध्ययनरत हैं, आरटीई के अनुरूप यहां 7 शिक्षकों की जरूरत है। इसके बावजूद विभाग ने यहां 17 शिक्षक पदस्थ कर रखे हैं।
जबलपुर शहर में ही प्राइमरी स्कूल पूर्व नंबर दो और गल्र्स पीएस गढ़ा नंबर दो में भी आरटीई के पैमानों से हटकर 5-5 शिक्षक अतिरिक्त संख्या में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। मंडला जिले के नारायणगंज ब्लॉक की बीजेगांव स्कूल में 61 बच्चों को पढ़ाने के लिए विभाग ने 16 शिक्षकों की पदस्थापना की है। यहां आरटीई के पैमाने में 13 शिक्षक अतिरिक्त हैं। जबलपुर संभाग के आठ जिलों में 1,423 स्कूल शिक्षक विहीन हैं। यहां शिक्षण व्यवस्था अतिथियों के भरोसे है, जबकि इन जिलों में 2,845 शिक्षक अतिशेष हैं और शहर में जमे हुए हैं।
निर्देश दिए हैं
संभाग के सभी डीईओ को निर्देश दिया जा चुका है कि वे अतिशेष शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण कर व्यवस्था करें। इसको लेकर कुछ जिलों में कार्य भी हुए हैं। हम इसकी समीक्षा कर उचित कार्रवाई करेंगे।
- मनीष वर्मा, संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण जबलपुर

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