जबलपुर : शासकीय कर्मचारी संगठनों की राह पर चल रहे अतिथि शिक्षकों को सबक सिखाने के लिए विभाग ने कमर कस ली है। नेतागिरी करने वाले अतिथि शिक्षकों को हटाने के लिए विभाग तैयारी कर रहा है, विभाग का कहना है कि शासकीय संगठनों की भांति अगर अतिथि शिक्षक विरोध प्रदर्शन करेंगे तो उन्हें हटा दिया जाएगा।
मालूम हो कि कुछ समय पूर्व अतिथि शिक्षकों ने एक संघ बनाया है और उसके माध्यम से वे बगैर परीक्षा के संविदा शिक्षक बनाने की मांग कर रहे हैं। शिक्षा विभाग के अफसरों को डराकर अतिथि शिक्षक अपनी मांगें मनवाना चाहते हैं। हालांकि विभागीय अफसर फर्जी संगठन की धौंस से डर नहीं रहे हैं। उनका कहना है कि ज्यादा नेता बनने वाले अतिथि शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाए फिर जिसको जहां विरोध करना हो करें।
संविदा शिक्षक के बाद कहोगे अध्यापक बना दो
विभागीय अफसरों ने अतिथि शिक्षकों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि अभी अतिथि शिक्षक संविदा शिक्षक बनने की मांग कर रहे हैं इसके बाद कहेंगे अध्यापक बना दो फिर अन्य सरकार की अन्य सुविधाएं दे दो। अधिकारियों ने कहा कि अतिथि शिक्षक भर्ती के पहले कुछ नियम रहते हैं उन नियमों के पालन और सहमति के बाद ही अतिथि शिक्षक बनाया जाता है इसके बाद भी अतिथि शिक्षक संघ विरोध प्रदर्शन की बात कर रहा है।
होगा।
बनाया जाए संविदा शिक्षक
सोमवार को अतिथि शिक्षक संघ की बैठक सिविक सेंटर पार्क में आयोजित हुई। बैठक में वेतन विसंगति को लेकर संकुल स्तर पर आंदोलन चलाने, संविदा शिक्षक बनाए जाने की मांग पर 2 अक्टूबर को भोपाल में आयोजित धरने में शामिल होने निर्णय लिया गया। संघ के हेमंत तिवारी, संतोष सिंह राजपूत,आशीष पटैल, योगेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि संघ का संभागीय सम्मेलन 25 सितंबर को सिविक सेंटर पार्क में होगा।
समय पर जवाब, नहीं तो निलंबन तय!
एक महिला प्रचार्य की लापरवाही पर जिला शिक्षा अधिकारी ने सख्ती दिखाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। डीईओ ने शोकॉज नोटिस में स्पष्ट कहा है कि संतोषजनक और समय पर जवाब प्राप्त नहीं होता है तो निलंबन तय है। मामला प्राचार्य द्वारा डेली डायरी भरकर जमा न करने का है। जिला शिक्षा अधिकारी सतीश अग्रवाल ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हरदुलीकला की प्राचार्य रुकमणि तिवारी को कारण बताओ नोटिस भेजते हुए कहा कि 19 सितंबर को एमएलबी स्कूल में एक कार्यशाला आयोजित की गई थी जिसमें हरदुली स्कूल की प्राचार्य अनुपस्थित होने के कारण शाला की प्राचार्य डायरी जमा नहीं हो सकी है।
जिला शिक्षा अधिकारी सतीश अग्रवाल ने कारण बताओ नोटिस में प्राचार्य से कहा कि वे निर्धारित समय पर कार्यालय पहुंचकर अपनी बात कहें। डीईओ कहना है कि प्राचार्य कार्यालय में मौखिक रूप से और लिखित में यह बताएं कि उनके द्वारा यह लापरवाही क्यों की गई है।
तीन दिन में भेजो जवाब
शोकॉज जारी होने के बाद प्राचार्य को तीन दिन बाद जवाब प्रस्तुत करना है। इस समय पर प्राचार्य जवाब नहीं देती है तो डीईओ द्वारा निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।
विभागीय अफसरों ने अतिथि शिक्षकों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि अभी अतिथि शिक्षक संविदा शिक्षक बनने की मांग कर रहे हैं इसके बाद कहेंगे अध्यापक बना दो फिर अन्य सरकार की अन्य सुविधाएं दे दो। अधिकारियों ने कहा कि अतिथि शिक्षक भर्ती के पहले कुछ नियम रहते हैं उन नियमों के पालन और सहमति के बाद ही अतिथि शिक्षक बनाया जाता है इसके बाद भी अतिथि शिक्षक संघ विरोध प्रदर्शन की बात कर रहा है।
होगा।
बनाया जाए संविदा शिक्षक
सोमवार को अतिथि शिक्षक संघ की बैठक सिविक सेंटर पार्क में आयोजित हुई। बैठक में वेतन विसंगति को लेकर संकुल स्तर पर आंदोलन चलाने, संविदा शिक्षक बनाए जाने की मांग पर 2 अक्टूबर को भोपाल में आयोजित धरने में शामिल होने निर्णय लिया गया। संघ के हेमंत तिवारी, संतोष सिंह राजपूत,आशीष पटैल, योगेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि संघ का संभागीय सम्मेलन 25 सितंबर को सिविक सेंटर पार्क में होगा।
समय पर जवाब, नहीं तो निलंबन तय!
एक महिला प्रचार्य की लापरवाही पर जिला शिक्षा अधिकारी ने सख्ती दिखाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। डीईओ ने शोकॉज नोटिस में स्पष्ट कहा है कि संतोषजनक और समय पर जवाब प्राप्त नहीं होता है तो निलंबन तय है। मामला प्राचार्य द्वारा डेली डायरी भरकर जमा न करने का है। जिला शिक्षा अधिकारी सतीश अग्रवाल ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हरदुलीकला की प्राचार्य रुकमणि तिवारी को कारण बताओ नोटिस भेजते हुए कहा कि 19 सितंबर को एमएलबी स्कूल में एक कार्यशाला आयोजित की गई थी जिसमें हरदुली स्कूल की प्राचार्य अनुपस्थित होने के कारण शाला की प्राचार्य डायरी जमा नहीं हो सकी है।
जिला शिक्षा अधिकारी सतीश अग्रवाल ने कारण बताओ नोटिस में प्राचार्य से कहा कि वे निर्धारित समय पर कार्यालय पहुंचकर अपनी बात कहें। डीईओ कहना है कि प्राचार्य कार्यालय में मौखिक रूप से और लिखित में यह बताएं कि उनके द्वारा यह लापरवाही क्यों की गई है।
तीन दिन में भेजो जवाब
शोकॉज जारी होने के बाद प्राचार्य को तीन दिन बाद जवाब प्रस्तुत करना है। इस समय पर प्राचार्य जवाब नहीं देती है तो डीईओ द्वारा निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।
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