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MP कैसे हो पढ़ाई: प्रदेश में शिक्षकों के 35 प्रतिशत पद खाली

 जबलपुर। सिवनी जिले के कुरई ब्लॉक के झिरिया टोला स्कूल में पढऩे वाले दो बच्चों की तालाब में डूबने से मौत हो गई थी। यह बच्चे स्कूल से निकलकर इसलिए तालाब पर गए थे क्योंकि स्कूल का शौचालय जीर्ण- शीर्ण हालत में था। वहीं, सतना जिले की मैहर तहसील के स्कूली छात्रों के चकाजाम आंदोलन के बाद भी उनके विद्यालय तक सडक़ का निर्माण नहीं हो पाया है।

यह दो घटनाएं बताती हैं कि अनिवार्य शिक्षा अधिकार के संकेतकों में प्रदेश की हालत 12 साल बाद भी ठीक नहीं हुई है। छात्र-शिक्षक अनुपात के मामले में तो वह अब भी बिहार और झारखंड जैसे पिछड़े राज्यों की कतार में ही खड़ा है। कोरोना महामारी के बाद लोगों का रुझान सरकारी स्कूलों की ओर बढ़ा है। प्रवेश के आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं। लेकिन प्रदेश के स्कूल अनिवार्य शिक्षा अधिकार के दस संकेतकों में पिछड़े हुए हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 96 प्रतिशत से अधिक स्कूलों में लडक़े और लड़कियों के लिए अलग शौचालय हंै। लेकिन इनमें 60 से 65 फीसदी ही उपयोग के लायक हैं। रख रखाव के अभाव में या तो जर्जर हैं या फिर साफ सफाई नहीं होने के कारण कचरे और दुर्गंध से भरे हुए हैं। सिवनी का उदाहरण सामने है कि अगर शौचालय चालू हालत में होते तो दो नौनिहालों को जान नहीं गंवानी पड़ती। अनिवार्य शिक्षा के लिए 2009 में लाए गए शिक्षा का अधिकार कानून(आरटीई) को लागू हुए 12 साल बीत चुके हैं। लेकिन भवन, खेल मैदान, पीने के पानी, शौचालय, भोजन, छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की तैनाती, बिजली जैसे 10 संकेतकों में स्कूल खरे नहीं हैं।

 42 फीसदी स्कूलों में बिजली नहीं
प्रदेश में 99 हजार से अधिक सरकारी स्कूल संचालित हैं, इनमें से 57 हजार स्कूलों में ही बिजली कनेक्शन हो पाए हैं। 42 फीसदी के पास पहले ही बिजली नहीं है। जिन स्कूलों में कनेक्शन हैं वहां बिल भुगतान सहित कई तरह के विवाद होने के चलते उपयोग नहीं हो पा रहा है। ऐसे में कंप्यूटर शिक्षा दूर की कौड़ी बनी हुई है।

34 प्रतिशत शिक्षकों की कमी
मध्यप्रदेश शिक्षकों की कमी के मामले में बड़े राज्यों में बिहार से आगे दूसरे और देश में तीसरे स्थान पर है।
छात्र-शिक्षक अनुपात में यह स्थिति
बिहार - 33.88 प्रतिशत
झारखंड- 47.82
मध्यप्रदेश प्रदेश- 64.49
अरुणाचल प्रदेश- 64.61
आंध्रप्रदेश- 66.44
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टॉप राज्य
लक्षदीप- 100 प्रतिशत
सिक्किम- 99.06
पुड्डुचेरी - 98.76
नगालैंड -98.16
पंजाब-96.21

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