मध्यप्रदेश के बेरोजगार उम्मीदवारों ने विभिन्न विभागों के अंतर्गत
अराजपत्रित पदों को प्रदेश के ही मूल निवासी युवाओं से भरने की मांग उठाई
है। वे सोशल मीडिया के जरिए खुले पत्र से सीएम कमलनाथ तक यह मांग भेज रहे
हैं।
उनका कहना है कि सभी राज्य अपने-अपने राज्य के मूल निवासी उम्मीदवारों को वरीयता देते हैं, इसलिए मप्र में होने वाली स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय कार्य विभाग के स्कूलों के माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती में मप्र के ही मूल निवासी उम्मीदवारों को शामिल किया जाए। उम्मीदवारों ने बताया कि हाल ही में (पीईबी) ने माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया है, जिसकी प्रतीक्षा कई दिनों से मप्र के बेरोजगार युवा कर रहे थे। इनकी कई दिनों से यह मांग रही है कि मप्र में शिक्षक भर्ती परीक्षा में प्रदेश के मूल निवासी युवाओं को वरीयता दी जाए। हालांकि उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में राजपत्रित पद होने के कारण सरकार इनको वरीयता नहीं दे पाई और बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों को भी पात्रता परीक्षा में शामिल किया गया। अब मप्र के बेरोजगार युवकों के लिए माध्यमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा से बहुत उम्मीद है, क्योंकि यह पद अराजपत्रित श्रेणी के हैं।
तर्क... सभी राज्य अपने यहां के मूल निवासी युवाओं को देते हैं वरीयता, इसलिए मप्र में भी मिले प्राथमिकता
काउंसलिंग में बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों को नहीं किया जाए शामिल...
माध्यमिक शिक्षक के 11 हजार 374 पदों पर होनी है भर्ती...
उम्मीदवार रानू पाठक ने बताया कि वे सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात सीएम कमलनाथ तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि अभी माध्यमिक शिक्षक भर्ती के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। स्कूल व जनजातीय कार्य विभाग दोनों के लिए 11374 पदों पर भर्ती होनी है। वहीं यह पद सिर्फ मप्र के ही उम्मीदवारों से भरे जाते हैं तो सीएम की वह योजना साकार होगी, जिसमें वे प्रदेश के युवाओं को रोजगार दिलाने की बात करते हैं। इसलिए मप्र के रोजगार कार्यालय में रजिस्टर्ड व यहां से 10वीं, 12वीं करने वाले बेरोजगार युवाओं को लाभ मिलेगा।
बिहार- बिहार सरकार की बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा 3 अक्टूबर तक सेकंडरी टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (स्टेट) 2019 और फिजिकल एजुकेशन एंड हेल्थ इंस्ट्रक्टर एबिलिटी टेस्ट 2019 तक आवेदन मंगाए थे। इसके नोटिफिकेशन में लिखा है आप भारत के नागरिक हों तथा बिहार राज्य के निवासी हों।
पीईबी द्वारा माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के रिजल्ट घोषित किए जा चुके हैं। ऐसे में उम्मीदवारों का कहना है कि माध्यमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में भले ही बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों को शामिल किया गया हो, लेकिन काउंसलिंग के दौरान मध्यप्रदेश के मूल निवासी उम्मीदवारों को प्राथमिकता देने की कार्रवाई की जा सकती है। इसमें कोई कानूनी अड़चन नहीं आएगी। यह राजपत्रित पद नहीं है।
छत्तीसगढ़- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा भी अराजपत्रित पदों पर भर्ती के लिए अपने राज्य के मूल निवासी उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाती है। सीजी-व्यापमं ने ऐसी व्यवस्था की है, जिसमें यदि आप छत्तीसगढ़ के मूल निवासी हैं तो ही आवेदन कर सकते हैं।
उनका कहना है कि सभी राज्य अपने-अपने राज्य के मूल निवासी उम्मीदवारों को वरीयता देते हैं, इसलिए मप्र में होने वाली स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय कार्य विभाग के स्कूलों के माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती में मप्र के ही मूल निवासी उम्मीदवारों को शामिल किया जाए। उम्मीदवारों ने बताया कि हाल ही में (पीईबी) ने माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया है, जिसकी प्रतीक्षा कई दिनों से मप्र के बेरोजगार युवा कर रहे थे। इनकी कई दिनों से यह मांग रही है कि मप्र में शिक्षक भर्ती परीक्षा में प्रदेश के मूल निवासी युवाओं को वरीयता दी जाए। हालांकि उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में राजपत्रित पद होने के कारण सरकार इनको वरीयता नहीं दे पाई और बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों को भी पात्रता परीक्षा में शामिल किया गया। अब मप्र के बेरोजगार युवकों के लिए माध्यमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा से बहुत उम्मीद है, क्योंकि यह पद अराजपत्रित श्रेणी के हैं।
तर्क... सभी राज्य अपने यहां के मूल निवासी युवाओं को देते हैं वरीयता, इसलिए मप्र में भी मिले प्राथमिकता
काउंसलिंग में बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों को नहीं किया जाए शामिल...
माध्यमिक शिक्षक के 11 हजार 374 पदों पर होनी है भर्ती...
उम्मीदवार रानू पाठक ने बताया कि वे सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात सीएम कमलनाथ तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि अभी माध्यमिक शिक्षक भर्ती के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। स्कूल व जनजातीय कार्य विभाग दोनों के लिए 11374 पदों पर भर्ती होनी है। वहीं यह पद सिर्फ मप्र के ही उम्मीदवारों से भरे जाते हैं तो सीएम की वह योजना साकार होगी, जिसमें वे प्रदेश के युवाओं को रोजगार दिलाने की बात करते हैं। इसलिए मप्र के रोजगार कार्यालय में रजिस्टर्ड व यहां से 10वीं, 12वीं करने वाले बेरोजगार युवाओं को लाभ मिलेगा।
बिहार- बिहार सरकार की बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा 3 अक्टूबर तक सेकंडरी टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (स्टेट) 2019 और फिजिकल एजुकेशन एंड हेल्थ इंस्ट्रक्टर एबिलिटी टेस्ट 2019 तक आवेदन मंगाए थे। इसके नोटिफिकेशन में लिखा है आप भारत के नागरिक हों तथा बिहार राज्य के निवासी हों।
पीईबी द्वारा माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के रिजल्ट घोषित किए जा चुके हैं। ऐसे में उम्मीदवारों का कहना है कि माध्यमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में भले ही बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों को शामिल किया गया हो, लेकिन काउंसलिंग के दौरान मध्यप्रदेश के मूल निवासी उम्मीदवारों को प्राथमिकता देने की कार्रवाई की जा सकती है। इसमें कोई कानूनी अड़चन नहीं आएगी। यह राजपत्रित पद नहीं है।
छत्तीसगढ़- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा भी अराजपत्रित पदों पर भर्ती के लिए अपने राज्य के मूल निवासी उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाती है। सीजी-व्यापमं ने ऐसी व्यवस्था की है, जिसमें यदि आप छत्तीसगढ़ के मूल निवासी हैं तो ही आवेदन कर सकते हैं।