भोपाल। प्रोफेशन एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) ने स्कूल शिक्षा विभाग
और जनजातीय कार्य विभाग के लिए होने वाली संयुक्त शिक्षक पात्रता
परीक्षा-2018 को स्थगित कर दिया है। बताया जा रहा है कि पीईबी ने शासन से
पत्र लिखकर अभिमत मांगा है कि उसे ये परीक्षा आयोजित करानी है या नहीं।
चुनाव से पहले इस परीक्षा को एक चुनावी हथकंडा कहा गया था। बता दें कि
शिवराज सिंह सरकार ने 10 साल से यह परीक्षा आयोजित नहीं कराई है। 2013 में
वादा किया था। दवाब बढ़ा तो 2018 के चुनाव से पहले भर्ती विज्ञापन जारी
करके आवेदन प्रक्रिया पूरी करा दी गई। 6.50 लाख उम्मीदवार आवेदन कर चुके
हैं। ऐसे में कोई भी नया निर्णय कमलनाथ सरकार के लिए आसान नहीं होगा।
सूत्रों की माने तो पीईबी ने सरकार बदलने के कारण परीक्षा कराने या नहीं
कराने के संबंध में राज्य शासन से अभिमत मांगा है। अभिमत आने में समय लग
सकता है। इसलिए इसे एक महीने के लिए स्थगित की गई है। वहीं, डायरेक्टर की
जिम्मेदारी संभाल रहे आईएएस अधिकारी चंद्रमोहन ठाकुर का भी तबादला हो गया
है। इसके कारण उम्मीदवारों को परीक्षा के एडमिट कार्ड जारी नहीं हो सके।
4 दिन पहले तक पूरी तैयारी में था
चार दिन पहले तक पीईबी परीक्षा कराने की पूरी तैयारी में था। परीक्षा
नियंत्रक प्रो. एकेएस भदौरिया ने ही कहा था उनकी सभी तैयारी हैं। इसलिए
परीक्षा की तारीख से पहले एडमिट कार्ड जारी करने की बात कही थी।
लेकिन,एडमिट कार्ड जारी नहीं कर परीक्षा आगे बढ़ा दी गई।
शिक्षा विभाग को नहीं पता तारीख क्यों बढ़ाई
शिक्षक भर्ती को देख रहे स्कूल शिक्षा विभाग के ओएसडी एसबी धोटे भी पीईबी
पहुंचे थे। इनका कहना है कि पीईबी ने तारीख क्यों बढ़ाई इसकी जानकारी स्कूल
शिक्षा विभाग को भी नहीं दी गई। परीक्षा आगे बढ़ाने के कारण अब उम्मीदवार
इसका सही कारण कारण जानने के लिए भटक रहे हैं लेकिन पीईबी में उन्हें सटीक
जानकारी नहीं मिली। स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों का कहना है कि उन्हें भी
जानकारी नहीं दी है।
कोई कुछ नहीं बता रहा
तकनीकी कारण क्या हैं, इसकी जानकारी उम्मीदवारों को बताना चाहिए। खरगौन से
आए एक अन्य उम्मीदवार प्रमोद मनागरे ने कहा कि अधिकारी स्पष्ट कारण नहीं
बता रहे हैं। यदि परीक्षा आगे बढ़ाई थी तो नई तारीख घोषित क्यों नहीं की
गई।