रतलाम। निर्वाचन के लिए सरकारी कर्मचारियों में सबसे बड़ा
अमला शिक्षा और आदिवासी विकास विभाग का ही लगता है। ऐसे में जिस साल चुनाव
होते हैं उस साल स्कूलों की पढ़ाई ध्वस्त हो जाती है।
हाल ही में पहले दौर
का प्रशिक्षण पीठासीन अधिकारी और अधिकारी क्रमांक एक का प्रशिक्षण हुआ
जिसमें करीब ढाई हजार शिक्षक, शिक्षिकाएं लिए गए। अभी दूसरे और तीसरे
क्रमांक के अधिकारियों का प्रशिक्षण होना है जिसमें कमोबेश इतने ही
शिक्षक-शिक्षिकाओं को शामिल किया जाना है। ऐसे में स्कूलों में पढ़ाने
वालों का टोटा पड़ गया है। तीन सौ से ज्यादा प्राथमिक से लेकर हायर सेकंडरी
तक के स्कूलों में हालात यह है कि वहां केवल एक या दो नियमित शिक्षकों के
अलावा केवल अतिथि ही बचे हैं जो पढ़ाई करवा रहे हैं।
ट्रेनिंग का दौर
शिक्षा
विभाग का भी प्रशिक्षण का दौर चल रहा है। गुरुवार को जवाहर उमावि में
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन (रमसा) के अंतर्गत विषय विशेषज्ञों का
प्रशिक्षण हुआ जिसमें गणित और हिंदी १६० शिक्षक-शिक्षिकाओं को बुलाया गया
था। ऐसे में इन सभी शिक्षकों के स्कूलों में पढाई व्यवस्था पूरी तरह चौपट
जैसी स्थिति में पहुंच गई। विभागीय जानकारी के अनुसार इन स्कूलों में
चुनावी ड्यूटी से बचे हुए शिक्षकों को विषय प्रशिक्षण लेने बुला लिए जाने
से वहां केवल अतिथि ही रह गए। जिले में ऐसे स्कूलों की संख्या ५० से ज्यादा
है। यह प्रशिक्षण एक दिन का ही था किंतु एक दिन में भी पढ़ाई मात्र
अतिथियों के माध्यम से कैसे हो पाई होगी यह समझा जा सकता है।
स्थिति खराब हो रही है स्कूलोंं की
चुनाव
में ड्यूटी लगना अनिवार्य है। यह सबसे महत्वपूर्ण कार्य होने से किसी को
इससे रोका नहीं जा सकता है। निर्वाचन विभाग की तरफ से जो ड्यूटियां लगती है
उससे पूरा आंकड़ा सामने नहीं आ सकता है किंतु हम प्रयास कर रहे हैं कि सभी
आंकड़े एकत्रित हो। आज विषय विशेषज्ञ शिक्षकों का प्रशिक्षण था जिसमें
रतलाम, सैलाना और बाजना के 160 शिक्षकों को बुलाया गया था। सभी को इसलिए
नहीं बुला रहे हैं ताकि स्कूलों में जो बचे हैं वे भी आ जाएं तो पढ़ाई
प्रभावित नहीं हो।
अमर वरधानी, प्रभारी डीईओ, रतलाम
Pay-scale / Merit / Counseling / Appointment / Transfer / Court - case & all Madhya Pradesh latest news - Source of Reliable Information
Important Posts
Advertisement
UPTET news
';
(function() {
var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true;
dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js';
(document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq);
})();