भोपाल। मध्यप्रदेश के करीब ढाई लाख अध्यापकों को सावधान हो जाने की
जरूरत है। उनकी सेवाएं शिक्षा विभाग में मर्ज की जा रहीं हैं। इस दौरान
उनका डेटा लीक हो गया है। यह डाटा किसी गिरोह के हाथ लग गया है। वो लगातार
अध्यापकों से ठगी कर रहा है। अध्यापकों का वो बैंक अकाउंट जिसमें सेलेरी
आती है, टारगेट पर ले लिया गया है। बैतूल जिले से इस तरह की शिकायतें सामने
आईं हैं। अब तक तीन कर्मचारी इस गैंग का शिकार हो चुके हैं। जबकि बीईओ
कार्यालय के आधा दर्जन अाैर एक्सीलेंस स्कूल के एक दर्जन से ज्यादा शिक्षक
इस ठगी का शिकार होने से बच गए। पुलिस मामले की जांच कर रही है, अब तक
एफआईआर भी दर्ज नहीं की गई है।
विभाग के कर्मचारियों और शिक्षकों ने एसपी डीएस तेनीवार को लिखित शिकायत कर
शिक्षा विभाग के एजुकेशन पोर्टल और एम शिक्षा मित्र की साइट हैक होने की
आशंका जाहिर की है। शिकायतकर्ता चरण सिंग उइके, रिंकी सरयाम, उदयभान
कुंडारे, नेहरू पंडे, मनीष वरवडे आदि ने कहा है कि वर्तमान में एजुकेशन
पोर्टल पर अध्यापक संवर्ग का सत्यापन कार्य चल रहा है। जबकि एम शिक्षा
मित्र एप में शिक्षक और कर्मचारियों की व्यक्तिगत और विभागीय जानकारियां
है। खास बात ये है कि वर्तमान में जो सत्यापन कार्य शुरू है उसके लिए साइट
पूरी तरह खुली है और इसमें गोपनीयता नहीं बरती जा रही है। प्राइवेट
संस्थानों में पहुंचकर अध्यापक सत्यापन करवा रहे हैं। इसके कारण भी इस तरह
की कारगुजारी सामने आने की आशंका जताई जा रही है।
प्यून के खाते से 19,999 रुपए निकाले
बीईओ कार्यालय के प्यून तरुण मसराम ने पुलिस को की शिकायत में बताया कि 13
सितंबर की सुबह करीब 9.30 बजे से एक व्यक्ति 9576274159 नंबर से दोपहर करीब
1.30 बजे तक लगातार परेशान करता रहा। इस दौरान पहले राउंड में हुई बातचीत
के दौरान एसबीआई का ब्रांच मैनेजर अमित शर्मा होना बताकर पहले तो प्यून को
उसकी तमाम विभागीय जानकारियां दी। इसके कारण प्यून विश्वास कर गया और कथित
मैनेजर को फॉलो करने लगा। युवक ने इस दौरान मोबाइल पर आया अाैर ओटीपी बताने
को कहा जैसे ही उसे बताया और तुरंत बाद ही प्यून के खाते से 19,999 रुपए
निकल गए। प्यून ने राशि निकलने पर साथी शिक्षक मुकुल धनेश्वर को अपना
सेलफोन पकड़ा दिया। इस पर बहस चली तो कथित मैनेजर प्यून को ही फोन देने का
दबाव बनाने लगा। मामला थाने पहुंचा। यहां आवक-जावक प्रभारी से भी बातचीत
कराई, लेकिन नतीजा नहीं निकला। शिक्षकों का कहना है कि पुलिस ने मामले में
अभी तक एफआईआर भी दर्ज नहीं की है। केवल जांच का भरोसा दिया है।
बीईओ कार्यालय के अन्य आधा दर्जन कर्मचारियों को भी इस ठगी के तुरंत बाद ही
इसी नंबर से दिन भर कॉल आते रहे। कई बार गाली-गलौज और शिक्षा विभाग के
अधिकारी होना बताकर भी कर्मचारियों को गुमराह करने का प्रयास किया, लेकिन
प्यून की ठगी का खुलासा होने के कारण अन्य कर्मचारी सचेत होने के कारण ठगी
से बच गए। इसके बाद इसी नंबर से एक्सीलेंस स्कूल के शिक्षकों को कॉल आने
लगे। शिक्षक ज्ञानराव देशमुख ने बताया कि उनके सहित शिक्षक अशोक उइके,
जितेंद्र बगाहे सहित अन्य शिक्षकाें से सभी जानकारियां बताकर विश्वास
दिलाने का प्रयास कर एटीएम से संबंधित जानकारी चाही। लेकिन शिक्षकों की
सजगता से वे ठगी का शिकार होने से बच गए।
शिक्षकों से पहले भी हो चुकी हैं ठगी
केहलपुर के प्रधान पाठक रामेश्वर धुर्वे ने बताया कि 19 अगस्त को केवायसी
जमा नहीं होने का कहकर उनके साथ 25 हजार की ठगी हुई थी, जबकि जमदेहीकला के
मानिकराव बारस्कर ने भी पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि उनके साथ भी 5
हजार रुपए की ठगी हुई है। माना जा रहा है कि इसी तरह की अन्य शिक्षकों से
भी ठगी हुई है, लेकिन अधिकांश ने इस बात की शिकायत पुलिस को नहीं दी है।