जिले में 2027 तक गणित व विज्ञान के शिक्षकों की कमी नहीं होगी। इसके लिए जनजातीय कार्य विभाग ने अभी से कार्ययोजना बनाकर उसपर काम शुरू कर दिया। स्कूलों में गणित व विज्ञान के शिक्षकों के खाली पदों की पूर्ति यहीं के विद्यार्थियों से की जाएगी।
साल 2018 में कक्षा 10वीं से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण जिले के 2600 विद्यार्थियों को गणित व विज्ञान विषय में रुचि बढ़ाकर पढ़ने आगे बढ़ाया जा रहा है। इनमें से 800 विद्यार्थियाें का छात्रावासों में प्राथमिकता के साथ प्रवेश भी हो गया। 10 जुलाई तक बचे 1800 में से ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियाें का और प्रवेश कराएंगे। वैसे गणित व विज्ञान विषय के ज्यादातर विद्यार्थी मेडिकल, पैरा मेडिकल और इंजीनियरिंग के क्षेत्र मंे भविष्य बनाते हैं। इस साल जेईई व नीट की परीक्षाओं में जिले से जनजातीय कार्य विभाग की स्कूलों में पढ़ रहे 107 विद्यार्थी क्वालिफाई हुए। जिला शिक्षा अधिकारी केके डोंगरे ने बताया जिले के विद्यार्थी जेईई व नीट जैसी परीक्षाओं मंे क्वालिफाई हो रहे हैं। यदि उनका चुनाव इस क्षेत्र की आगे की पढ़ाई व फील्ड में नहीं हो पाता है तो विज्ञान व गणित विषय दिलाने के बाद इन विद्यार्थियों के लिए व्याख्याता बनने के हमेशा अवसर बने रहेंगे। 25 प्रतिशत विद्यार्थी भी बीएड और एमएड कर लेते हैं तो उनके पास अवसर हाेगा और वे व्याख्याता बन सकते हैं।
फिलहाल गणित-विज्ञान विषय के 478 शिक्षकों की है कमी
जनजातीय कार्य विभाग में तब तक 470 से ज्यादा शिक्षक रिटायर्ड हो जाएंगे
विभाग के अनुसार साल 2027 तक जिले मंे 470 से ज्यादा शिक्षक रिटायर्ड हो जाएंगे। फिलहाल एससी-एसटी कैटेगरी से गणित व विज्ञान विषयों के 478 पद बैकलॉग है। इस लिहाज से आने वाले 9 वर्षों मंे जिले से ही इन दो सब्जेक्ट के 948 शिक्षक कम हो जाएंगे। पूर्ति के लिए योजना तैयार की है। जिले में भीकनगांव, झिरन्या सहित अन्य आदिवासी आदि ब्लॉकों के स्कूलों में गणित-विज्ञान के शिक्षकांे की कमी है। फिलहाल आदिवासी क्षेत्र की स्कूलों में अतिथि शिक्षकों से अध्यापन कराया जा रहा है।
काउंसिलिंग में गणित व विज्ञान के अवसर बताए गए।
11वीं में विषय चयन में करा चुके काउंसिलिंग
जनजातीय कार्य विभाग के हायर सेकंडरी के छात्रावासों मंे गणित व विज्ञान के विद्यार्थियों को प्राथमिकता दे रहे हैं। ताकि एसटी-एससी वर्ग के विद्यार्थी भी अधिक संख्या मंे इन दो विषय मंे प्रवेश ले सके। प्रशासन की ओर से विद्यार्थियों को कक्षा 11वीं में विषयों के चुनाव के लिए काउंसलिंग भी कराई थी। इसमें दोनों विषयों से पढ़ाई करने के बाद िमलने वाले अवसरों को बताया था।
10वीं में 6016 विद्यार्थी आए हैं प्रथम श्रेणी मंे
इस वर्ष कक्षा 10वीं से प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों की संख्या सबसे अधिक रहीं। 11 हजार 404 उत्तीर्ण विद्यार्थियों में से 6016 ने प्रथम श्रेणी मंे आए। जबकि 4552 द्वितीय मात्र 836 तृतीय श्रेणी से आए।
कोचिंग ने बड़ी परीक्षाओं में दिलाई सफलता
2018 मंे आदिवासी क्षेत्र के स्कूलों के विद्यार्थियों ने भी जेईई और नीट जैसी परीक्षाएं क्वालिफाई की है। जिले मंे एक माह की सरकारी स्तर पर कोचिंग कराई गई थी। इसके बाद जेईई में 78 अौर नीट मंे 29 विद्यार्थी क्वालिफाई हुए। विभागीय अफसरों का मानना है मूल रूप से विद्यार्थियों में गणित व विज्ञान विषय का डर दूर कर देने से वे आसानी से आगे बढ़ सकते हैं। इसे प्रयोग के तौर पर लिया और परिणाम सकारात्मक आए।
रिक्त पदों की स्थिति
उमावि विज्ञान संकाय 196
उमावि कला संकाय 123
हाईस्कूल गणित 171
हाईस्कूल कला 29
रिटायर्ड हांेगे 470
(जानकारी जनजातीय कार्य विभाग के मुताबिक)
िजले मंे स्कूलों की स्थिति
2471 प्राइमरी स्कूल
809माध्यमिक शाला
135हाई स्कूल
90हायर सेकंडरी स्कूल
3.61लाख विद्यार्थी
जिलेभर के 2600 विद्यार्थियों को मैथ्स-साइंस दिलाएंगे। उन्हें जेईई-नीट जैसी परीक्षाओं की कोचिंग कराएंगे। जो सिलेक्ट नहीं हो पाएंगे, उन्हें शिक्षक बनने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। इसके लिए छात्रावासों में प्राथमिकता से प्रवेश दे रहे हैं। 800 विद्यार्थियाें को प्रवेश भी दिला चुके हैं। शकुंतला डामोर, सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग
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