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15 स्कूलों में एक भी नहीं, 50 शालाओं में सिर्फ एक शिक्षक!

राजगढ़. शिक्षकों के कंधे से कंधा मिलाकर अध्यापन कार्य को पूर्ण कराने वाले अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है।

16 जून से नया शिक्षण सत्र शुरू हो गया है और जिले में ही 20 ऐसे स्कूल है जिनमें शिक्षक ही नहीं है। जबकि 50 से ज्यादा स्कूलों में एक ही शिक्षक है। इसके कारण वहां की पढ़ाई वैकल्पिक तौर पर दूसरे स्कूलों से अटैच किए गए शिक्षकों के भरोसे हो गए गई, लेकिन अटैचमेंट के कारण संबंधित शिक्षकों के स्कूलों की व्यवस्थाएं भी प्रभावित हो रही है। ऐसा राजगढ़ में ही नहीं है।
प्रदेश के सभी जिलों के यही हाल है। क्योंकि लंबे समय से शिक्षकों की भर्ती भी नहीं हुई। जिले में प्राथमिक से लेकर हायर सेकंडरी तक हर वर्ग के स्कूलों में नियमित शिक्षकों की कमी है। नियमित शिक्षकों की कमी के कारण यहां पढ़ाई की जिम्मेदारी अतिथि शिक्षकों के भरोसे रहती है।
जिले में पिछले कुछ सालों में वर्ग तीन के करीब आठ सौ, वर्ग दो के छह सौ और वर्ग एक के करीब तीन सौ अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति जिलेभर में की गई थी, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ। समय पर यदि अतिथि शिक्षकों की भर्ती नहीं होगी तो सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों की पढ़ाई बिगड़ेगी। कुछ स्कूलों में तो गणित, अंग्रेजी, विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषयों के ही शिक्षक नहीं है।16 जून को स्कूल खुलने के बाद से अब तक पढ़ाई की शुरुआत ही नहीं हो पाई है।


ऑनलाइन या सीधे होगी भर्ती, विभाग भी अंजान
अतिथि शिक्षकों की कमी शिक्षा विभाग को भी खल रही है। क्योंकि कई विषयों की पढ़ाई शुरू नहीं होने से उन्हें भी भविष्य में आने वाले परिणामों की चिंता है, लेकिन अतिथियों की भर्ती की यदि बात करें तो शिक्षा विभाग को भी अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उनकी भर्ती कैसे और कब होगी।
पिछले साल भी विभाग ने शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन करवाए थे, लेकिन तकनीकि खामियों के चलते कई अतिथि इस प्रक्रिया में शामिल होने से चूक गए थे। अधूरी तैयारियों के कारण विभाग ने ऑन लाइन प्रक्रिया को रोककर अतिथियों को सीधे ही नियुक्त करने के आदेश दे दिए थे। इस बार इस प्रक्रिया के लिए बनाए गए साफ्टवेयर में जरूरी सुधार किया गया है। ऐसे में जल्द ही अतिथि शिक्षकों के आवेदन मंगाए जाने की शुरुआत होने की संभावना लग रही है।
अटैचमेंट खत्म होने से सुधर सकती है व्यवस्था
एक तरफ जिले में कई स्कूल ऐसे है जिनमें कोई शिक्षक नहीं है। वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की सांठगांठ से कई शिक्षकों को शहरी इलाकों में अटैच कर रखा है तो कुछ ऐसे भी है जो दूसरे ही विभागों के कार्य करने में लगा दिए गए है। जबकि अटैचमेंट पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा हुआ है।

फैक्ट फाइल
15 स्कूलों में नहीं एक भी शिक्षक
50 सेे ज्यादा में सिर्फ एक शिक्षक
3000 के लगभग अतिथि पिछले साल थे तैनात
2661प्राइमरी और मिडिल स्कूल
203 हाई, हायर सेकंडरी स्कूल

ऑनलाइन यदि भर्ती होती है तो यह प्रक्रिया उन अतिथियों के लिए परेशानी बनेगी जो दस-दस सालों से पढ़ा रहे है और इस प्रक्रिया में या तो उन्हें दूर के स्कूल दिए जाएंगे। जिससे उनका आना-जाना ही मंहगा हो जाएगा। यूं भी जो मानदेय दिया जाता है। वह एक अकेले व्यक्ति का खर्च भी नहीं निकाल पाता। सरकार को अतिथियों की स्थाई व्यवस्था करनी चाहिए।
- सत्येन्द्र नागर, जिलाध्यक्ष अतिथि शिक्षक संघ राजगढ़


फिलहाल अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश नहीं मिले है। संभावना है इस बार यह प्रक्रिया ऑनलाइन की जाए। विभाग से जैसे आदेश मिलेंगे वैसे ही प्रक्रिया कर स्कूलों में शीघ्र शिक्षकों की व्यवस्था की जाएगी। जहां तक अटैच शिक्षकों का सवाल है। हमने लगभग सभी शिक्षकों को उनकी मूल पदस्थापना पर भेज दिया है। यदि अब भी कोई शिक्षक बचे है तो इसकी जानकारी लेकर उनका अटैचमेंट समाप्त किया जाएगा।
- जयश्री पिल्लई, जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़

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