स्कूलों के ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो चुके हैं। 16 जून से पुन: सत्र शुरू होगा। डेढ़ माह के अवकाश के बावजूद शिक्षकों को मई में सात दिन तक घर-घर जाकर सर्वे करना होगा। इस सर्वे के माध्यम से शिक्षा से वंचित व नए बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा।
सर्वे की योजना अगले सप्ताह बनाई जाएगी। लंबी छुट्टी आने से यह योजना फिलहाल नहीं बन पाई है। अधिकारियों का कहना है कि 1 मई से पुन: कार्यालय शुरू हो चुके हैं। इसी दौरान अब सात दिनों के सर्वे की योजना बनाई जा रही है। इसके बाद शिक्षकों को पत्र भेजे जाएंगे। सभी शिक्षकों को अपने-अपने क्षेत्र में सात दिनों तक घर-घर जाकर सर्वे करना होगा।
यह है लक्ष्य
सर्वे के तहत घर.घर शिक्षकों को पहुंचना है। ग्रामीणों से ऐसे बच्चों के बारे में पूछना है जो बीच में पढ़ाई छोड़ चुके हैं। आंगनवाड़ी में दर्ज बच्चों का कक्षा पहली में प्रवेश हुआ हैं या नहीं। यह भी पता लगाना है। साथ ही पढ़ाई से वंचित बच्चों को भी चिन्हित करते हुए स्कूलों से जोड़ना है। सात दिनों तक सर्वे करने के बाद शिक्षक अपनी-अपनी रिर्पोट ऑनलाइन दर्ज करेंगे।
ऐसे बच्चों के बारे में पता करेंगे जो स्कूल नहीं जा रहे
मुख्य धारा से भटक जाते हैं बच्चे...प्रतिवर्षकई बच्चे शिक्षा की मुख्य धारा से भटक जाते हैं। विभाग सर्वे व अन्य माध्यमों से ऐसे बच्चों को चिन्हित भी कर लेता हैं लेकिन शिक्षा से जोड़ने में कोई बड़ी सफलता नहीं मिलती है। कई बच्चें तो शाला छोड़कर पलायन स्थलों पर चले जाते हैं। ऐसे में उन्हें वापस लाना कठिन हो जाता है।
शिक्षकों को सात दिनी सर्वे का कार्य दिया गया है। इसके लिए कार्य योजना बनाई जा रही है। मई में ही सर्वे कार्य पूर्णकर अपडेशन का कार्य किया जाएगा। सात दिन तक चलेगा सर्वे ‘स्कूल चले हम अभियान के तहत बीआर सर्वे का कार्य सात दिनों तक चलेगा। जिसमें शिक्षकों द्वारा शाला त्यागी व शाला छोड़ चुके बच्चों को ढूंढ़कर उनकी रिर्पोट तैयार की जाएगी। वहीं इस वर्ष 10 हजार बच्चों को कक्षा पहली में दाखिला दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। केएम सोलंकी, एपीसी-शिक्षा विभाग
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