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सहायक प्राध्यापक भर्ती मामला: आयु सीमा एक समान रखने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी प्रदेश सरकार

एजुकेशन रिपोर्टर | ग्वालियर डॉ. भगवत सहाय शासकीय कॉलेज में शनिवार को आयोजित स्मार्टफोन वितरण समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा- कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए करीब 3 हजार सहायक प्राध्यापकों की भर्ती का विज्ञापन लोक सेवा आयोग के माध्यम से निकाला था।
विज्ञापन में हमने उल्लेख किया था कि प्रदेश के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिले, इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने मध्यप्रदेश के आवेदकों के लिए आयु सीमा 40 वर्ष महिलाओं के लिए 45 और अनुसूचित जाति के लिए 50 वर्ष निर्धारित की थी। दूसरे राज्यों के आवेदकों की आयु सीमा 28 वर्ष रखी थी। कुछ लोग इसे लेकर जबलपुर हाईकोर्ट चले गए। न्यायालय ने फैसला दिया है कि सारे देश के आवेदकों को एक ही आयु की जानी चाहिए। मैं न्यायालय के फैसले का सम्मान करता हूं, लेकिन प्रदेश सरकार इस फैसले कि खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी। हम पूरी कोशिश करेंगे कि प्रदेश के युवाओं को अधिक मौका मिलना चाहिए।

कार्यक्रम को इन्होंने भी किया संबोधित: कार्यक्रम को विशिष्ट अतिथि महापौर विवेक शेजवलकर ने भी संबोधित किया। अध्यक्षता नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने की। स्वागत भाषण साइंस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. बी पी एस जादौन ने दिया। कार्यक्रम में जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष जवाहरलाल जैन, हेमलता बुधोलिया, पार्षद सीमा राठौर एवं अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा डॉ. के एस सेंगर उपस्थित थे। संचालन सोनिया सिंह ने तथा आभार नीलम भटनागर ने व्यक्त किया।

भगवत सहाय कॉलेज में छात्रा को स्मार्ट फोन देते उच्च शिक्षा मंत्री।

अतिथि विद्वानों का मानदेय 25 हजार रुपए महीना करने की तैयारी

श्री पवैया ने कहा कि अतिथि विद्वानों के बिना महाविद्यालय संचालित नहीं हो सकते, क्योंकि शिक्षकों बहुत कमी है। इसलिए अतिथि विद्वानों को 25 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय देने का प्रस्ताव हम कैबिनेट में रखेंगे। इसके साथ ही सरकार का यह भी मत है कि एक बार काउंसलिंग के बाद अतिथि विद्वानों को तीन साल तक अध्यापन का मौका मिले। आर्थिक दिक्कत की वजह से कोई भी बच्चा उच्च शिक्षा से वंचित न रहे, इस बात को ध्यान में रखकर प्रदेश सरकार ने कारगर योजनाएं बनाई है।

मंत्रियों के जाते ही अफरा-तफरी

छात्राओं को धक्के मारे, समोसे-कचौड़ी फेंके 3061 स्टूडेंट्स को ही मिल सके मोबाइल

कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा मंच से करीब 50 छात्रों को फोन वितरित किए गए। फोन वितरण करने के बाद जैसे ही अतिथि मंत्रीगण कॉलेज से बाहर रवाना हुए तो अफरा-तफरी मच गई। छात्राओं के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। आलम यह था कि छात्र, छात्राओं को धकेलकर आगे चले गए। छात्राओं का आरोप था कि उनके ऊपर किसी ने कचौड़ी व समोसे फेंके। इस बीच एक छात्र के बेहोश होने की भी खबर है। अव्यवस्था का कारण यह रहा कि कार्यक्रम में कुछ छात्र-छात्राओं को फोन वितरित किए जाने थे शेष को उनके कॉलेज से ही मोबाइल मिलना था। आयोजन समिति के लोगों ने मंच से कहा था कि फलां कॉलेज के छात्र-छात्राओं फलां जगह से मोबाइल मिलेंगे। बताया जाता है कि कार्यक्रम यह तय हुआ था कि कुछ को यहां फोन देने के बाद अन्य छात्र-छात्राओं को कॉलेज से मोबाइल मिलने थे। अव्यवस्था फैलती देख आयोजकों ने कहा कि अन्य छात्र-छात्राओं को उनके कॉलेज से ही मोबाइल दिए जाएंगे। कार्यक्रम स्थल से सिर्फ 3061 छात्र-छात्राओं को ही मोबाइल मिल सके।

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