छतरपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि
करीब दो दशक पहले प्रदेश में शुरू हुई
शिक्षकों के शोषण की दास्तान 21 जनवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
की घोषणा के साथ समाप्त हो गई है। इससे खुश होकर अध्यापकों ने अध्यापक हित
के लिए लगातार संघर्ष करने वाले आजाद अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष अनुपम
त्रिपाठी का फूल माला पहनाकर सम्मान किया है।
वर्ष 1995 में प्रदेश
में शिक्षक कैडर समाप्त करके शिक्षा कर्मियों की भर्ती की गई थी जिन्हें
नाम मात्र का मानदेय दिया जाता था। इसके बाद अध्यापक नाम से नया कैडर बनाया
गया जिन्हें शिक्षा विभाग के शिक्षकों से कम वेतन दिया गया और शिक्षकों
को मिलने वाली अन्य सुविधाओं से भी यह वर्ग वंचित रहा। इसी अन्याय व शोषण
के खिलाफ पांच वर्षो से अध्यापक आंदोलन करते आ रहे हैं। 21 जनवरी को भोपाल
में अध्यापकों ने प्रदर्शन किया जिसमें आजाद अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष
अनुपम त्रिपाठी के नेतृत्व में सैकडों अध्यापकों ने भाग लिया। यहां
प्रदर्शन दौरान मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर एक प्रतिनिधि मंडल को बुलाया
यहां अध्यापकों की सारी मांगों को मानने की घोषणा की। इस घोषणा से
अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन होने का सपना पूरा हो गया है। सीएम
की घोषणा पर खुशी जताकर जिला अध्यक्ष का सम्मान करने वालों में पीसी
प्रजापति, राजकुमार अनुरागी, बबीता नागर, रौली निगम, आरबी चतुर्वेदी,
प्रमोद सौनकिया, ममता सिंह राय, स्नेहलता द्विवेदी, अनंतसिंह चौहान, लवकुश
त्रिपाठी, गोपाल दमेले, प्रभुदयाल अहिरवार, आशाराम अहिरवार, भरतलाल राजपूत
और कैलाश अहिरवार मौजूद शामिल रहे।
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