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फिर से बढऩे वाला है अध्यापकों का वेतन

मंडला- एक दशक बीत गया। अध्यापकों के विभिन्न संगठनों और संघों के माध्यम से जो भी आंदोलन किए गए इसका नतीजा अंतत: उनकी मांगों की पूर्ति के रूप में सामने आया। अध्यापकों के शिक्षा विभाग में संविलियन की मांग पूरी करने की घोषणा होने के बाद उनके सातवें वेतनमान की उम्मीद भी बढ़ गई है।
पिछले 10 वर्षों में अध्यापक पहले दिन से ये अपने संविलियन की मांग कर रहे थे। इससे उन्हें सातवां वेतनमान मिलने का रास्ता साफ हो गया है। यानी वेतन में फिर 32 सौ से आठ हजार रुपए की वृद्धि होगी। वहीं अन्य लाभ भी मिलेंगे।
जिला अध्यापक संघ के जिलाध्यक्ष संतोष सोनी ने बताया कि अभी नगरीय निकाय और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारी हैं। संविलियन के बाद वे स्कूल शिक्षा विभाग के कर्मचारी कहलाएंगे। इससे अध्यापकों की आर्थिक स्थिति के साथ शिक्षा व्यवस्था में भी सुधार आएगा। मूल विभाग में होने के कारण पढ़ाई और कार्रवाई आसान हो जाएगी। अन्य संघों के पदाधिकारियों के अनुसार, हालांकि अभी ये स्पष्ट नहीं है कि संविलियन कब से माना जाएगा और उसकी शर्तें क्या होंगी? जानकारी के अनुसार, वर्तमान में नियमित शिक्षक, व्याख्याता, उच्च श्रेणी शिक्षक और सहायक शिक्षक को 52 हजार से 70 हजार रुपए महीने तक वेतन मिल रहा है।
जिले के वरिष्ठ अध्यापकों में से एक संजीव वर्मा ने बताया कि अध्यापकों को अपनी एकजुटता का फायदा मिला है। संवर्ग में सात संगठन होने के बाद भी अध्यापक एकजुट थे। इसलिए सरकार को शिक्षा विभाग में संविलियन करने का फैसला लेना पड़ा। अध्यापकों के लगातार आंदोलन और महिला अध्यापकों द्वारा मुंडन कराने का सरकार पर बड़ा फर्क पड़ा है। इस संबंध में जिला संघ के अध्यापकों ने हाल ही में ज्ञापन सौंपते हुए बड़े स्तर पर रोष व्यक्त किया था।
जानकारों का कहना है कि वर्ष 1998 से 2003 के बीच नियुक्त अध्यापकों के वेतन के आधार पर संभावित वेतन में लगभग 3 हजार से 8 हजार रुपए की वृद्धि की जाएगी। वरिष्ठ अध्यापक का वर्तमान वेतन 48,876 रुपए, अध्यापक का 41,706 सहायक अध्यापकों का वेतन 37404 रुपए है। संविलियन के बाद संभावित वेतन के क्रमश: 56 हजार, 50 हजार और 45 हजार रुपए होने की संभावना है।

दस साल में किए आठ पड़ाव पार
2007- अध्यापक संवर्ग बना।
2008- महिलाओं के निकाय परिवर्तन की मांग पूरी हुई।
2011- अंशदायी पेंशन योजना का लाभ मिला।
2012- पहली बार पदोन्नति दी गई।
2013- वेतनमान के नए स्लैब तय हुए।
2014- शर्तों के साथ पुरुष अध्यापकों के तबादले शुरू।
2016- छठवें वेतनमान का लाभ दिया गया।
2017- शिक्षा विभाग में संविलियन का निर्णय।

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