Advertisement

लेक्चरर और अध्यापक अटैचमेंट पर, स्कूलों में पढ़ाई ठप

मुरैना। स्कूलों में पदस्थ व्याख्याता और अध्यापकों को शिक्षा विभाग ने सालों से बाबू के तौर पर डीईओ ऑफिस में अटैच कर रखा है। हाल ही में शासन द्वारा जारी समस्त अटैचमेंट निरस्त करने के निर्देश के बाद इन शिक्षकों के अटेचमेंट के आदेश खुद निरस्त हो चुके हैं।
लेकिन डीईओ ऑफिस इन शिक्षकों को वापस भेजने को तैयार नहीं है। यही वजह है कि जहां से यह शिक्षक अटैचमेंट पर लाए गए हैं वहां पर उनके विषयों की पढ़ाई ठप है। अटैचमेंट निरस्त होने के आदेश जारी होने के बाद अब इन शिक्षकों का अटैच रहना अवैधानिक हो गया है। इसलिए शिक्षा विभाग इन शिक्षकों के स्थान पर दूसरे शिक्षक भी स्कूलों में नहीं ला सकता।
राज्य शासन के निर्देशों से बड़ी शिक्षा विभाग के अधिकारियों की जिद है। यही वजह है कि अंचल के आधा दर्जन ऐसे सुदूर इलाकों के स्कूलों के शिक्षक शिक्षा विभाग ने जबरन अपने कार्यालय में अटैच कर रखे हैं।, जिन इलाकों के बच्चों के लिए सरकारी स्कूल ही पढ़ाई का एक जरिया है। महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों के अटैचमेंट पर चले जाने के बाद से इन स्कूलों के बच्चे उन विषयों को अपने बल बूते पर पढ़ रहे हैं। शिक्षा विभाग की निश्चिंतता का आलम यह है कि इन शिक्षकों की जगह दूसरे शिक्षकों की व्यवस्था भी स्कूलों में नहीं की गई है। शिक्षा विभाग चाहकर भी अटैच शिक्षकों की जगह अतिथि शिक्षक या दूसरे शिक्षकों को तैनात नहीं कर सका। क्योंकि बीते साल अटैचमेंट निरस्त होने के शासकीय आदेश के बाद शिक्षा विभाग में अटैच शिक्षक कागजों में अपनी मूल पदस्थापना वाली जगह पर लौट चुके हैं।
डीईओ अभी भी दे रहे पुराने आदेशों का हवाला
शिक्षा विभाग में जो शिक्षक अटैच हैं। उनका अटैचमेंट बाकायदा कलेक्टर के आदेश पर नोटशीट के जरिए हुआ था। लेकिन बीते साल अटैचमेंट निरस्ती के सर्वोच्च आदेश के बाद यह सारे आदेश और नोटशीट शून्य घोषित हो चुकी हैं। लेकिन प्रभारी डीईओ अभी भी इन शिक्षकों के अटैचमेंट को उन्हीं पुराने आदेशों के आधार पर नियम संगत बता रहे हैं। वहीं यह भी कह रहे हैं कि बाबुओं की कमी के कारण शिक्षकों को अटैच रखना उनकी मजबूरी है।
कमिश्नर तक पहुंची शिकायत, तो मच गया हड़कंप
शासन के आदेश के बाद भी शिक्षकों के अटैचमेंट निरस्त न करने का यह मामला कमिश्नर चंबल संभाग के संज्ञान में अया है। न्यू हाउसिंग बोर्ड निवासी रामअख्तियार सिंह ने इसकी लिखित तथ्यात्मक शिकायत कमिश्नर को भेजी है। इसके बाद अब खुद कमिश्नर चंबल संभाग के यहां से इस मामले में जांच शुरू हुई है। जिसके चलते अब शिक्षा विभाग के अधिकारी अपने हाथ पांव बचाने में जुटे हैं।
इनकी हुई है शिकायत
-हायर सेकंडरी स्कूल बालक नंबर 2 में पदस्थ गणित के व्याख्याता सुरेश गौड़ को डीईओ ऑफिस में अटैच किया गया है। इनके स्कूल के बच्चे गणित पढ़ने के लिए परेशान हैं
-प्राथमिक स्कूल जींगनी के सहायक अध्यापक अनवर कर्रेशी डीईओ ऑफिस में कंप्यूटर वर्क करते हैं। उनके स्कूल में बच्चे दूसरे शिक्षकों के भरोसे हैं
-एक्सीलेंस हायर सेकंडरी स्कूल पहाड़गढ़ के वरिष्ठ अध्यापक बीएस घुरैया डीईओ ऑफिस में संस्कृत प्रकोष्ठ देख रहे हैं। पहाड़गढ़ पहले से ही शिक्षा के मामले में पिछड़ा है। ऐसे में व्याख्याता की कमी और भी दुःख दाई है
इनका कहना है
यह सभी शिक्षक बहुत पहले अधिकारियों के निर्देश पर नोटशीट आदि चलाने के बाद अटैच हुए थे। ये सही है कि अटैचमेंट खत्म करने के आदेश हैं। लेकिन मजबूरी है क्योंकि कर्मचारी नहीं है। यह मामला हमारे जानकारी में आया है। हम शिक्षकों की मूल पदस्थापना वाली जगहों पर कोई न कोई व्यवस्था करेंगे बच्चों को पढ़ाने की।
सुरेश जाधव, डिप्टी कलेक्टर व प्रभारी डीईओ

UPTET news

'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();

Facebook