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टारगेट ‘A’, भरोसे अतिथि शिक्षकों के

RDU, प्रदेश का पहला विवि जिसे चला रहे हैं गेस्ट फैकल्टी
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (आरडीयू) संभवत: प्रदेश का पहला ऐसा संस्थान होगा जिसका पूरा शैक्षेणिक कार्य इन दिनों अतिथि शिक्षकों के कंधों पर आ गया है। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्तमान में विश्वविद्यालय में नियमित शिक्षकों की संख्या के मुकाबले दो गुने से ज्यादा अतिथि शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं।

उदाहरण के तौर पर अंग्रेजी, योगा, फार्मेशी, केमेस्टरी, एमसीए , लाइब्रेरी साइंस,बीएड,भूगोल, अर्थशास्त्र,समाजिक शास्त्र,एमबीए,  विवि व्यवसायिक अध्ययन कौशल विकास संस्थान लगभग पूरी तरह अतिथि शिक्षकों के भरोसे हैं। वहीं नियमित शिक्षकों में कुछ लियन पर हैं तो कुछ  प्रभारी के तौर पर दूसरी जगहों पर जमे हैं। सवाल उठता है कि विवि में लगातार शिक्षकों की संख्या घटती जा रही है। ऐसे में नैक से विवि को कैसे ‘ ए ’ सर्टिफिकेट मिलेगा।

रघुनंदन शुक्ला, जबलपुर
 2014 में हुए नैक के दौरान भी यूजीसी से आयी टीम ने शिक्षकों की संख्या बेहद कम संख्या होने पर सवाल उठाए थे।
अतिरिक्त प्रभार का बोझ
आरडीयू में बचे नियमित शिक्षकों के जिम्मे इतने अतिरिक्त प्रभार हैं कि वे मूल विभाग में समय ही नहीं दे पाते। जैसे बायो साइंस के प्रोफेसर सुरेंद्र सिंह के पास कौशल विकास केंद्र , दूरस्थ शिक्षा व कम्यूनिटी कॉलेज का प्रभार है। इसी प्रकार अर्थशास्त्र विभाग के  प्रोफेसर शैलेष चौबे के पास एमबीए अतिरिक्त प्रभार है। वहीं इतिहास विभाग के प्रोफेसर राजीव लाइब्रेरी साइंस, प्रशासनिक भवन की कई कमेटियों का प्रभार, प्राचीन इतिहास के प्रो. एसएन मिश्रा को अंग्रेजी का प्रभार, पौढ़ शिक्षा के एचओडी प्रो. बीके साहू का ज्यादा समय बीएड में ही बीतता है। प्रोफेसर विवेक मिश्रा के पास परीक्षा कराने का , इग्नू , रेडियन कोचिंग के प्रभार है। प्रो. कमलेश मिश्रा भोज विवि के क्षेत्रीय कार्यालय में भी सेवाएं दे रहे हैं इसके अलावा साफ - सफाई रखरखाव प्रभारी। प्रो. भरत तिवारी दर्शन के एचओडी हैं इसके साथ ही योग विभाग का भी प्रभार हंै। बायोसाइंस आरपी मिश्रा के पास  गोपनीय मुल्यांकन का प्रभार है। फिजिक्स विभाग के प्रोफेसर राकेश बाजपेयी के  पास परीक्षा नियंत्रक प्रभार, अर्थ शास्त्र प्रोफेसर पेण्डेसे डीएसडब्ल्यू का प्रभार,बायो साइंस के प्रोफेसर एसएस संधु  बायो डिजाइन प्रोजेक्ट के प्रभारी हैं, इसके अलावा वे कई कमेटियों में भी शामिल हैं।
आधा दर्जन लियन पर
आरडीयू के प्रमुख विभागों में पदस्थ करीब आधा दर्जन शिक्षक लियन पर चल रहे हैं। बायोसाइंस विभाग के प्रो. अखिलेश पांडे निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के चेयरमैन हैं। वहीं गणित विभाग के प्रो. एसएस पांडे विक्रम विवि उज्जैन, दर्शन शास्त्र विभाग प्रो. प्रियवत शुक्ला छतरपुर विवि, राजनीतिक शास्त्र प्रोफेसर रामदेव भारद्वाज माखन लाल विवि के कुलपति के रूप में पदस्थ हैं। इसी प्रकार प्रो. एससी गौतम भी लियन पर चल रहे हैं। इनमें से कुछ प्रोफेसर तो बीते 5 से ज्यादा समय से लियन पर चल रहे हैं। वहीं प्रो.कमलेश मिश्रा लम्बे समय से एकेडमिक स्टाफ कॉलेज (एएससी) के डायरेक्टर के तौर पर पदस्थ हैं।
2 निलंबित, 1 नो वर्क नो पे पर
आरडीयू के दो नियमित शिक्षक मैथ्स विभाग के प्रो. एसएस राणा और दर्शन शास्त्र विभाग के बीएन शुक्ला मेडिकल सेक्स स्कैंडल के लपेटे में आने के बाद से निलंबित चल रहे हैं। वहीं अर्थ शास्त्र विभाग के प्रोफेसर अमिताभ शुक्ला लम्बे समय से नो वर्क नो पे की स्थिति में हैं। न्यायालय के आदेश आने के बाद भी विश्वविद्यालय उनके संबंध में कोई उचित निर्णय नहीं ले पा रहा है।
इधर फिर भी वेतन के लाले है
खास बात यह कि आरडीयू पूरी तरह अतिथि शिक्षकों पर निर्भर होने के बाद भी उन्हें समय पर वेतन नहीं दे पा रहा है। बताया जाता है कि नियुक्ति के दौरान कुलपति प्रोफेसर कपिल देव मिश्र ने ऐलान किया था कि हर माह की 5 तारिख को वेतन दे दिया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, वहीं हालही में कुल सचिव डॉ. बी . भारती ने आदेश जारी किया था कि 10 तारीख वेतन भुगतान किया जाए, लेकिन उनके आदेश को भी अधिकारियों ने ठेंगा दिखा दिया।

फै क्ट फाइल
कुल कार्यरत शिक्षक -     47
रिक्त पद -     108
स्वीकृत पद -     154
अतिथि शिक्षक -     130 

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