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बड़ी खबर : चुनाव से पहले अध्यापकों को बड़ा तोहफा, 24 दिसंबर को लग सकती है इस फैसले पर मुहर!

भोपाल। मध्यप्रदेश में 2019 में चुनाव होने वाले हैं, वहीं इसे लेकर हर पार्टी अपनी तैयारियों में व्यस्थ है। इसी बीच अध्यापकों को लेकर MP के सीएम कुछ खास करने की कोशिश में लगे हुए हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का भी कहना है कि वे अध्यापकों के मामले में कोई ऐसा फैसला करना चाहते हैं जो इतिहास में दर्ज हो जाए, साथ ही देश के बाकी राज्य भी उसका अनुशरण करें।
यह बात सीएम शिवराज सिंह ने अध्यापक नेताओं से 14 दिसम्बर की रात हुई मीटिंग में कही। यह मीटिंग रात 9 बजे से 12 बजे तक चली।
वहीं मीटिंग से बाहर आए अध्यापक नेताओं ने बताया कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें इस मामले में चर्चा करने के लिए 24 दिसंबर (रविवार) को फिर से बुलाया है।
वहीं इस दिन यानि 14 दिसंबर की बैठक में शिक्षा विभाग में संविलियन, वेतन विसंगती और सातवां वेतनमान के साथ शिक्षा गुणवत्ता पर सभी संघो ने अपनी-2 बात सीएम के सामने रखी व अध्यापक हित में निर्णय लेने के लिए कहा।
इस पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने अध्यापक नेताओं से कहा कि इस मामले में अंतिम निर्णय 24 दिसंबर को लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि संतान पालन अवकाश, अध्यापकों के बीमा अनुकंपा नियुक्ति आदि पर निर्णय आदेश की स्थिति में है। यहां ग्रेज्यूटी, खाली हाथ रिटायरमेंट, स्थानान्तरण, न्यू पेंशन स्कीम, वरिष्ठ अध्यापकों की पदोन्नति, व्यायामं शिक्षकों की पदोन्नति, आदि पर भी बात हुई। यहां सीएम ने ये भी कहा कि शिक्षा विभाग में संविलियन पर यह सभी मांगे स्वत: ही समाप्त होगीं।
इधर,संविदा शाला शिक्षक भर्ती परीक्षा का ऐलान:
शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने संविदा शाला शिक्षक भर्ती परीक्षा का ऐलान कर दिया है।
स्कूलों में लगातार होती जा रही शिक्षकों की कमी को देखते हुए ये कदम उठाया गया। जिसके अनुसार जल्द ही यह परीक्षाएं करा ली जाएंगी।
इसके सिवाय चूंकि पिछले लंबे समय से संविदा शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई थी इसी के तहत इस बार इन पदों के लिए अतिथि शिक्षकों को प्राथमिकता दिए जाने का निर्णय लिया गया है।
ज्ञात हो इससे पहले पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने आखिरी बार वर्ष 2011 में संविदा शिक्षकों की भर्ती की थी। तब करीब 40 हजार पद भरे गए थे। नियमानुसार भर्ती हर तीन साल में होना थी, लेकिन इसके बावजूद पिछले 6 सालों से इन पदों पर भर्ती नहीं हो सकी। बीच में कई बार भर्तियों को लेकर चर्चा भी सामने आई, लेकिन भर्तियां हो नहीं सकींं। इस बीच कई डीएड-बीएड प्रशिक्षित युवा ओवर एज हो गए।
वहीं इस बार सरकार किसी भी स्थिति में यह भर्तियां करने के लिए तत्पर दिख रही है, इसी के तहत तैयारियां कुछ इस तरह शुरू की गईं हैं कि जून 2018 के आसपास परीक्षाएं होंगी और परिणाम भी चुनाव के आसपास ही आ पाएगा।
अब एक बार फिर इस परीक्षा का 2018 में आयोजन कराया जाना है जिसे लेकर परीक्षार्थियों में खासा जोश देखने को मिल रहा है।
वहीं कुछ समय पहले अफसरों द्वारा यह कहा गया था कि उनकी ओर से पहला ड्राफ्ट प्रकाशन के लिए भेज दिया गया है। प्रकाशन के बाद एक महीना इस पर सुनवाई होगी। उसके बाद अंतिम प्रकाशन होगा। पूरी प्रक्रिया में दो-तीन महीने लगेंगे। यानि अगले साल फरवरी में भर्ती की अधिसूचना जारी हो जाएगी।

अगले सत्र से मिलेंगे शिक्षक
पंचायत एवं ग्रामीण विभाग यदि फरवरी में अधिसूचना जारी करता है तो पीईबी को पात्रता परीक्षा कराने में तीन से चार महीने लगेंगे। वहीं तीनों परीक्षाओं का रिजल्ट तैयार करने में पांच से छह माह का वक्त लगेगा। उसके बाद मेरिट के आधार पर काउंसलिंग होगी। नवंबर-2018 में विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में स्कूलों को नए शिक्षक 2019-20 के सत्र से ही मिल सकेंगे।

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