ग्वालियर/भिण्ड। वर्ष
2006,2009 व 2011 में हुए संविदा शिक्षक वर्ग -2,3 भर्ती घोटाले अवैध रूप
से चयनित 20 अध्यापकों पर कार्रवाई की तलवार लटकने लगी है।
चौथी और अंतिम
बार जिला पंचायत कार्यालय में हुई काउंसलिंग में गुरुवार को 43 में से 20
अध्यापक दस्तावेज लेकर नहीं पहुंचे,इनमें 12 वे भी शिक्षक है जो नियुक्त
स्थलों से गायब है। माना जा रहा है कि उक्त अध्यापकों ने फर्जीदस्तावेजों
के आधार पर नौकरी पाई थी और जांच शुरू होते ही बिना सूचना दिए ही गायब हो
गए।
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पीडि़त रामवीर सिंह की ओर से हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में संविदा शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर याचिका नं 527/2015 दायिर की थी। हाईकोर्ट के निर्देशानुसार डीईओ की अध्यक्षता में 14 सदस्यीय कमेटी जांच कर रही है। जांच कमेटी की अनुशंसा के आधार पर नियुक्ति पाने वालों से दस्तावेज लेने के लिए तीन बार काउंसलिंग का आयोजन किया जा चुका है।
लेकिन उक्त अध्यापकों के रूचि न लेने से
इस बार अंतिम मौका दिया गया था। गुरुवार को जिप सीईओ सपना निगम की देखरेख
में सुबह 11 से शाम 5 बजे तक चली कांउसलिंग में 23 अध्यापक शामिल हुए।
इनमें से शामावि करवास गोहद में पदस्थ सवित्री जायसवाल की ओर से शैक्षणिक
दस्तावेज तो उपलब्ध कराए गए है, लेकिन वे स्वयं काउंसलिंग में उपस्थित नहीं
हुई।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष बोलीं, जनप्रतिनिधि कम पढ़े लिखे हैं, तो इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें सुना ही नहीं जाए
उनकी ओर से आए आवेदन में न आने का कारण
मेजर ऑपरेशन होना बताया गया है। गायब रहे सभी अध्यापक गोहद जनपद के होने के
कारण बीईओ को स्थिति स्पष्ट करने के लिए पत्र जारी किया जा रहा है। भर्ती
में भारी अनियमितताएं होने के बाद भी उक्त सभी का संविलियन भी हो चुका है
और ये वेतन के रूप में शासन के खजाने से करोड़ो रुपए भी ले चुके हैं।
काउसंलिंग में मांगे गए दस्तावेज
चौथी बार हुई काउंसलिंग में अध्यापकों को नोटिस भेजकर कांउसलिंग के लिए जारी किए गए लेटर में व्यापम की मूल अंकसूची, डीएड, बीएड तथा हाईस्कूल से लेकर स्नातक तथा परास्नातक की अंकसूची आदि दस्तावेज मंागे गए थे।
चौथी बार हुई काउंसलिंग में अध्यापकों को नोटिस भेजकर कांउसलिंग के लिए जारी किए गए लेटर में व्यापम की मूल अंकसूची, डीएड, बीएड तथा हाईस्कूल से लेकर स्नातक तथा परास्नातक की अंकसूची आदि दस्तावेज मंागे गए थे।
"काउंसलिंग में दस्तावेजों के आधार पर
हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में नियुक्तिकर्ता अधिकारी सीईओ जिपं को अंतिम
निर्णय लेना है।जो अध्यापक अंतिम बार भी नहीं आए हैं उनके खिलाफ कार्रवाई
तय है।"
-एसएन तिवारी अध्यक्ष जांच कमेटी एवं डीईओ भिण्ड
-एसएन तिवारी अध्यक्ष जांच कमेटी एवं डीईओ भिण्ड
प्रतीक्षा सूची में से नाम उठाकर दे दी नियुक्ति
शासन के नियमानुसार चयन सूची के आधार पर आवेदकों को काउसलिंग के लिए बुलाया जाना था। मगर अधिकारियों ने चयन सूची को ताक पर रखकर प्रतीक्षा सूची से नाम उठाकर काउसलिंग कर नियुक्ति आदेश जारी कर दिए थे। काउंसलिंग के दौरान काउसलिंग लेटर भी लेकर आने के लिए कहा गया था। मगर सिर्फ एक ही अध्यापक लेटर लेकर आया। शेष ने विभिन्न प्रकार के बहाने बनाकर काउंसलिंग लेटर देेने से इंकार कर दिया। कई अध्यापकों का कहना था कि लेटर तो दिया था लेकिन खो गया है, या आग में जल गया है।
ब्लाक बार बुलाए गए संदिग्ध अध्यापकों की सूची
वर्ष 2016
ब्लाक संख्या
गोहद 15
मेहगांव 01
वर्ष 2009
गोहद 15
वर्ष2011
भिण्ड 12