रायसेन| बच्चों में गणित, हिन्दी अौर अंग्रेजी विषय का ज्ञान परखने के लिए
सोमवार को जिले के 173 स्कूलों में एनसीईआरटी द्वारा सर्वे कराया गया।
सर्वे के लिए पहले चयनित स्कूलों में बच्चों के टेस्ट लिए गए। बाद में टीम के सदस्यों द्वारा स्कूल में उपलब्ध संसाधन व सुविधाओं की जानकारी जुटाई गई। सर्वे का यह काम सुबह से लेकर देर शाम तक स्कूलों में चलता रहा। कई स्कूलों में बिजली नहीं होने से शिक्षकों को अपने मोबाइल के टार्च की रोशनी में ओएमआर सीट को जांचने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इस सर्वे के लिए जिले के 173 स्कूलों को शामिल किया गया, जिसमें 61 स्कूलों में तीसरी, 61 स्कूलों में 6 वीं और 51 स्कूलों में 8 वीं के बच्चों के टेस्ट लिए गए। टेस्ट के दौरान डाइट के शिक्षकों ने बच्चों से सवालों के उत्तर पूछकर ओएमआर सीट भरी। एनसीईआरटी के इस सर्वे के लिए बनाई गई 280 लोगों की टीम सुबह से ही स्कूलों में पहुंच गई थी। शहर के कन्या प्राथमिक स्कूल में तीसरी कक्षा के बच्चों का टेस्ट लिया गया। यहां पर जन शिक्षक सूर्य प्रकाश सक्सेना मानीटरिंग के लिए पहुंचे। श्री सक्सेना ने बताया कि इस सर्वे के दौरान कई प्रकार की जानकारी जुटाई जाना है। इसके साथ ही बच्चों का ज्ञान परखने के लिए उनके टेस्ट भी लिए गए हैं। इस स्कूल की प्रधान अध्यापिका शीला गौर ने बताया कि स्कूल में बिजली के लिए किसी प्रकार का फंड नहीं मिलता है। इस कारण स्कूल में बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है।
सर्वे के लिए पहले चयनित स्कूलों में बच्चों के टेस्ट लिए गए। बाद में टीम के सदस्यों द्वारा स्कूल में उपलब्ध संसाधन व सुविधाओं की जानकारी जुटाई गई। सर्वे का यह काम सुबह से लेकर देर शाम तक स्कूलों में चलता रहा। कई स्कूलों में बिजली नहीं होने से शिक्षकों को अपने मोबाइल के टार्च की रोशनी में ओएमआर सीट को जांचने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इस सर्वे के लिए जिले के 173 स्कूलों को शामिल किया गया, जिसमें 61 स्कूलों में तीसरी, 61 स्कूलों में 6 वीं और 51 स्कूलों में 8 वीं के बच्चों के टेस्ट लिए गए। टेस्ट के दौरान डाइट के शिक्षकों ने बच्चों से सवालों के उत्तर पूछकर ओएमआर सीट भरी। एनसीईआरटी के इस सर्वे के लिए बनाई गई 280 लोगों की टीम सुबह से ही स्कूलों में पहुंच गई थी। शहर के कन्या प्राथमिक स्कूल में तीसरी कक्षा के बच्चों का टेस्ट लिया गया। यहां पर जन शिक्षक सूर्य प्रकाश सक्सेना मानीटरिंग के लिए पहुंचे। श्री सक्सेना ने बताया कि इस सर्वे के दौरान कई प्रकार की जानकारी जुटाई जाना है। इसके साथ ही बच्चों का ज्ञान परखने के लिए उनके टेस्ट भी लिए गए हैं। इस स्कूल की प्रधान अध्यापिका शीला गौर ने बताया कि स्कूल में बिजली के लिए किसी प्रकार का फंड नहीं मिलता है। इस कारण स्कूल में बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है।