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15 कॉलेजों के 34 हजार छात्रों को पढ़ाने के लिए हैं सिर्फ 121 शिक्षक, 4 कॉलेजों में तो एक भी नहीं

जिले में स्कूलों ही नहीं कॉलेजों की पढ़ाई भी अतिथि शिक्षकों के भरोसे है। जिले के 15 सरकारी कॉलेजों में अध्ययनरत 34 हजार विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए 260 पद स्वीकृत हैं, लेकिन 121 ही कार्यरत हैं।
मकरोनिया, मालथौन, केसली और शाहगढ़ में तो एक भी नियमित टीचर नहीं है। यहां दो-दो माह के लिए डिप्लॉयमेंट के तहत रेग्युलर शिक्षकों को भेजकर विद्यार्थियों के भविष्य के साथ मजाक किया जा रहा है।

भास्कर ने सोमवार को जिले के कॉलेजों का हाल जाना तो पता लगा कि शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई चाैपट हो रही है। दरअसल, करीब 2200 पदों के लिए 1990 में नियुक्ति प्रक्रिया शुरु हुई थी, नियुक्तियां 1993-94 में हुई थीं। इसके बाद से नियुक्तियां ही नहीं हुई हैं। वर्ष 2008 में बैकलॉग के करीब 500 पद तो भरे गए, लेकिन उनसे कॉलेजों की व्यवस्था में काेई फर्क नहीं आया।

15कुल सरकारी कॉलेज

34हजार अध्ययनरत विद्यार्थी

260शिक्षकों के स्वीकृत पद

121रेग्युलर शिक्षकों की संख्या

01रेग्युलर प्राचार्य

139रेग्युलर शिक्षकों के पद खाली

100रेग्युलर शिक्षकों की और जरूरत

जिले के कॉलेज एक नजर में

 समय दोपहर 3.30 बजे ढाना कॉलेज : तीन में से सिर्फ एक क्लास लगी थी, प्रभारी प्राचार्य घर जा चुके थे

एक क्लास में डॉ. सुमित्रा वर्मा समाजशास्त्र पढ़ा रही थीं। अन्य कोई क्लास लगी ही नहीं। तर्क दिया बच्चे नहीं आए, इसीलिए क्लास नहीं लगी। प्राचार्य के बारे में बताया कि यहीं के शिक्षक वीएम औदिच्य के पास प्रभार है। तबीयत खराब थी तो वे घर चले गए थे। यहां सिर्फ बीए ब्रांच ही है।

 समय दोपहर 12.30 बजे

मकरोनिया कॉलेज : एक छात्र को पढ़ा रहे शिक्षक, एक क्लास ही नहीं लगी

इसी साल खुला यह कॉलेज एक स्कूल के 8 कमरों में किराए से लगता है। बीकॉम की क्लास में अतिथि विद्वान अमितोष सोनी एक छात्र को पढ़ा रहे थे। मिथिलेश चौबे की हिंदी की क्लास में करीब 30 विद्यार्थी थे। बीएससी की क्लास वाला रूम बंद था। प्रो. एसी जैन ने बताया कि यहां 8 अतिथि हैं।

 समय सुबह 11.15 बजे

अग्रणी कॉलेज : विद्यार्थी स्वयं पढ़ने और दिन भरने मजबूर

सुबह के 11.30 बज रहे हैं। विद्यार्थी ग्राउंड और कॉलेज में अंदर यहां-वहां घूमते दिखे। सिर्फ तीन कक्षाएं ही लगी हुई थीं, तीनों में ही अतिथि पढ़ा रहे थे। बीएससी के छात्र श्रीराम रिछारिया ने बताया यहां नियमित कक्षाएं नहीं लगतीं। यहां कुल 5900 छात्र हैं। पढ़ाने के लिए 19 रेग्युलर और 11 अतिथि विद्वान हैं।

अतिथियों से कर रहे हैं भरपाई, 80 की डिमांड भी भेजी है

Ãअग्रणी और गर्ल्स कॉलेज के लिए 40-40 और पदों की डिमांड विभाग को भेजी है। जहां एक भी शिक्षक नहीं है, वहां शासन के निर्देश पर डिप्लॉयमेंट पर शिक्षक जा रहे हैं। - डॉ. जीएस रोहित, एडी, उच्च शिक्षा सागर संभाग 

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