जबपलुर। नईदुनिया प्रतिनिधि प्रदेश के करीब 3 हजार अतिथि शिक्षकों
को हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। अतिथि शिक्षकों द्वारा लगाई गई याचिका पर
सुनवाई करते हुए कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि अतिथि शिक्षक की जगह नहीं बदली
जाएगी।
इसके अलावा पिछले साल जो सेवा में नहीं रहे उन्हें नहीं रखा जाए। राज्य शासन को पहले याचिकाकर्ताओं को अतिथि शिक्षक बनाना होगा उसके बाद जो 400 पद बचेंगे उन्हें वरिष्ठता सूची से भरा जाए।
अतिथि शिक्षकों को लेकर हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय शुक्ला ने कहा कि जो अतिथि शिक्षक वर्षों से महाविद्यालयों में पढ़ा रहे हैं उन्हें ही पहले मौका दिया जाए। इसके बाद जो पद रिक्त रहेंगे उनमें वरिष्ठता सूची के आधार पर भर्ती की जाए। विदित हो कि अतिथि शिक्षकों की भर्ती को लेकर हाईकोर्ट ने पूर्व में भी राज्य शासन को निर्देश दिए थे, लेकिन राज्य शासन ने 18 अगस्त 2017 को याचिका दायर कर आदेशों को स्पष्ट करने को लेकर याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता वृंदावन तिवारी ने न्यायाल को बताया कि महाविद्यालयों में प्रध्यापकों के पद खाली होने के कारण राज्य शासन ने अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की थी। ये अतिथि शिक्षक सालों से सेवाएं दे रहे हैं लेकिन हाल ही में शासन ने भर्ती के लिए नये दिशा निर्देश जारी कर दिए थे। राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त अधिवक्ता समदर्शी तिवारी और शासकीय अधिवक्ता अमित सेठ ने पैरवी की।
इसके अलावा पिछले साल जो सेवा में नहीं रहे उन्हें नहीं रखा जाए। राज्य शासन को पहले याचिकाकर्ताओं को अतिथि शिक्षक बनाना होगा उसके बाद जो 400 पद बचेंगे उन्हें वरिष्ठता सूची से भरा जाए।
अतिथि शिक्षकों को लेकर हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय शुक्ला ने कहा कि जो अतिथि शिक्षक वर्षों से महाविद्यालयों में पढ़ा रहे हैं उन्हें ही पहले मौका दिया जाए। इसके बाद जो पद रिक्त रहेंगे उनमें वरिष्ठता सूची के आधार पर भर्ती की जाए। विदित हो कि अतिथि शिक्षकों की भर्ती को लेकर हाईकोर्ट ने पूर्व में भी राज्य शासन को निर्देश दिए थे, लेकिन राज्य शासन ने 18 अगस्त 2017 को याचिका दायर कर आदेशों को स्पष्ट करने को लेकर याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता वृंदावन तिवारी ने न्यायाल को बताया कि महाविद्यालयों में प्रध्यापकों के पद खाली होने के कारण राज्य शासन ने अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की थी। ये अतिथि शिक्षक सालों से सेवाएं दे रहे हैं लेकिन हाल ही में शासन ने भर्ती के लिए नये दिशा निर्देश जारी कर दिए थे। राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त अधिवक्ता समदर्शी तिवारी और शासकीय अधिवक्ता अमित सेठ ने पैरवी की।