निजी एवं सरकारी स्कूलों में कार्यरत वैसे अप्रशिक्षित शिक्षक जिन्हें इंटर
में 50% अंक नहीं हैं, वे डीएलएड कोर्स नहीं कर पाएंगे। इस कोर्स में
दाखिले के लिए 50% अंक होना अनिवार्य है।
ऐसे शिक्षक जिन्हें 50% अंक नहीं हैं, उन्हें पहले एनआईओएस से 12वीं करना होगी। निजी स्कूलों के डाइस कोड आसानी से उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। आवेदन 15 सितंबर तक भरे जाएंगे। जिले में करीब 1 हजार शिक्षाकर्मी इस आदेश से प्रभावित होंगे। वहीं दर्जनभर ऐसे शिक्षक भी हैं जिनका बारहवीं में 50 प्रतिशत से कम अंक हैं। ऐसे में उन्हें फिर से ओपन स्कूल के माध्यम से बारहवीं की परीक्षा देना होगी। डीईओ केके डोंगरे ने बताया कि शिक्षा विभाग की सहायक संचालक देवकी जाधव को नोडल अधिकारी बनाया है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण अनिवार्य किया है। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत अप्रशिक्षित शिक्षक जो सरकारी या निजी स्कूल में कार्यरत हैं, उन्हें 31 मार्च 2019 तक डीएलएड कोर्स के अंतर्गत प्रशिक्षित होना अनिवार्य है। शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए एनआईओएस के माध्यम से एवं एमएचआरडी के स्वयं प्लेटफॉर्म द्वारा 18 महीने के ऑनलाइन कोर्स के तहत प्रशिक्षित होना होगा। जो शिक्षक या शिक्षिका इस अवधि में कोर्स नहीं कर सकेंगे वे सेवा में नहीं रह पाएंगे। जिलेभर में करीब 1 हजार से ज्यादा शिक्षक अप्रशिक्षित हैं।
3 अक्टूबर से शुरू होगी पढ़ाई
एनआईओएस द्वारा डीएलएड का पाठ्यक्रम इस तरह तैयार किया गया है कि 3 अक्टूबर 2017 से शुरू होकर 31 मार्च 2019 तक पूरा हो जाएगा। सभी शिक्षकों के लिए यह पहला और अंतिम अवसर होगा। डीएलएड पाठ्यक्रम का संचालन आॅनलाइन किया जाएगा।
ऐसे कर सकेंगे आवेदन
डीएलएड के लिए एक पोर्टल तैयार किया गया है, जिस पर प्राचार्यों को स्कूल के अप्रशिक्षित शिक्षकों की जानकारी 15 सितंबर तक ऑनलाइन दर्ज करना है। इसके बाद सत्यापन के लिए स्कूल प्राचार्य की सहमति अनिवार्य रहेगी। 20 अगस्त से पहले अप्रशिक्षित शिक्षकों का डेटा भी मांगा गया है।
ऐसे शिक्षक जिन्हें 50% अंक नहीं हैं, उन्हें पहले एनआईओएस से 12वीं करना होगी। निजी स्कूलों के डाइस कोड आसानी से उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। आवेदन 15 सितंबर तक भरे जाएंगे। जिले में करीब 1 हजार शिक्षाकर्मी इस आदेश से प्रभावित होंगे। वहीं दर्जनभर ऐसे शिक्षक भी हैं जिनका बारहवीं में 50 प्रतिशत से कम अंक हैं। ऐसे में उन्हें फिर से ओपन स्कूल के माध्यम से बारहवीं की परीक्षा देना होगी। डीईओ केके डोंगरे ने बताया कि शिक्षा विभाग की सहायक संचालक देवकी जाधव को नोडल अधिकारी बनाया है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण अनिवार्य किया है। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत अप्रशिक्षित शिक्षक जो सरकारी या निजी स्कूल में कार्यरत हैं, उन्हें 31 मार्च 2019 तक डीएलएड कोर्स के अंतर्गत प्रशिक्षित होना अनिवार्य है। शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए एनआईओएस के माध्यम से एवं एमएचआरडी के स्वयं प्लेटफॉर्म द्वारा 18 महीने के ऑनलाइन कोर्स के तहत प्रशिक्षित होना होगा। जो शिक्षक या शिक्षिका इस अवधि में कोर्स नहीं कर सकेंगे वे सेवा में नहीं रह पाएंगे। जिलेभर में करीब 1 हजार से ज्यादा शिक्षक अप्रशिक्षित हैं।
3 अक्टूबर से शुरू होगी पढ़ाई
एनआईओएस द्वारा डीएलएड का पाठ्यक्रम इस तरह तैयार किया गया है कि 3 अक्टूबर 2017 से शुरू होकर 31 मार्च 2019 तक पूरा हो जाएगा। सभी शिक्षकों के लिए यह पहला और अंतिम अवसर होगा। डीएलएड पाठ्यक्रम का संचालन आॅनलाइन किया जाएगा।
ऐसे कर सकेंगे आवेदन
डीएलएड के लिए एक पोर्टल तैयार किया गया है, जिस पर प्राचार्यों को स्कूल के अप्रशिक्षित शिक्षकों की जानकारी 15 सितंबर तक ऑनलाइन दर्ज करना है। इसके बाद सत्यापन के लिए स्कूल प्राचार्य की सहमति अनिवार्य रहेगी। 20 अगस्त से पहले अप्रशिक्षित शिक्षकों का डेटा भी मांगा गया है।