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तबादले के लिए दो साल और इंतजार! अगले साल चुनाव के बाद ही हो पाएंगे तबादले

* शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण में खामियां निपटाते-निपटाते शुरू हो जाएंगे स्कूल
* अगले साल चुनाव के बाद ही हो पाएंगे तबादले

इंदौर। नईदुनिया प्रतिनिधि सालों से तबादले की राह देख रहे शिक्षकों को दो साल और इंतजार करना पड़ सकता है। ये दुविधा युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया और उसकी खामियों के कारण हो सकती है। इस साल तबादले के बजाए दावे-आपत्ति निपटते रहेंगे। अगले साल चुनाव के कारण तबादले पर रोक लग जाएगी। उधर, दावे आपत्ति के आदेश अंतिम तारीख के एक दिन बाद जारी कर शिक्षकों के साथ मजाक किया गया।
कर्मचारी संघ के नेता हरिश बोयत ने बताया कि युक्तियुक्तकरण के दावे-आपत्ति की आखिरी तारीख 1 जून थी, जबकि इसका आदेश एक दिन बाद अर्थात दो जून को जारी हुआ है। एक दिन बाद जारी आदेश शिक्षकों के साथ मजाक है, क्योंकि जो शिक्षक दावे-आपत्ति पेश करने जाने वाले थे उनके लिए तो अंतिम तारीख ही निकल चुकी है। उधर 2 जून को दावे-आपत्ति निपटाने के लिए समय सारिणी भी आ गई है। इसमें स्पष्ट है कि प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों को 7 जून और माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षकों की 21 जून के बाद कहां पदस्थापना होगी। इसके बाद शिक्षकों को हर हाल में 30 जून तक नई जगह पर पदभार ग्रहण करना पड़ेगा।
मजाक पर मजाक
शिक्षा विभाग द्वारा अतिशेष शिक्षकों के साथ मजाक पर मजाक किया जाता रहा। जानकारी के अनुसार माध्यमिक शाला के अतिशेष शिक्षकों की विसंगतिपूर्ण सूची 19 मई को जारी की गई। उसके दावे आपत्ति के लिए 22 मई तक का समय दिया गया था, लेकिन पोर्टल लगातार बंद होने से इसकी तारीख बढ़ाकर 26 मई कर दी गई। शिक्षक लगातार 26 मई तक पोर्टल खोलते रहे। काफी मशक्कत के बाद कुछ अपनी आपत्ति दर्ज करा पाए तो कुछ दावे-आपत्ति लगाने के लिए इंतजार करते रहे। बाद में 1 जून तक दावे-आपत्ति की आखिरी तारीख तय की गई, जबकि इसका आदेश 2 जून को अर्थात एक दिन बाद जारी किया गया।
पूरी प्रक्रिया से खिन्ना प्रमुख सचिव दीप्ति गौड़ मुखर्जी ने 31 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यहां तक कह दिया कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को ही बंद कर दिया जाए, लेकिन अफसरों ने उनकी बात नहीं मानी और लगातार तीन बार तारीखों में बदलाव किया, इसके बाद भी स्थिति स्पष्ट नहीं हुई। अब 30 जून तक शिक्षा विभाग के अधिकारी इस समस्या को कैसे हल करेंगे, क्योंकि प्रदेश में 40 हजार से ज्यादा दावे-आपत्तियां लगी हुई हैं।
राज्य शासन ने कुछ दिन पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि तबादले 15 से 30 जून तक होंगे। अब यदि 30 जून को शिक्षकों को अतिशेष बताकर नया आदेश निकल जाएगा तो उनका तबादला किसी काम का नहीं होगा। उधर शिक्षण सत्र के दौरान भी तबादले नहीं होंगे। अगले वर्ष विधानसभा के चुनाव होना हैं, ऐसे में तबादलों पर रोक लगना ही है। कई ऐसे शिक्षक जो बीमारी या पारिवारिक समस्याओं के कारण तबादला चाहते हैं, उन्हें दो साल और इंतजार करना पड़ सकता है।

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