माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं की मूल्यांकन कार्य के लिए जिले में शिक्षक नहीं मिल रहे हैं। मूल्यांकन के लिए जरुरत एक सैकड़ा शिक्षकों की है लेकिन पहुंच महज 50 से भी कम रहे हैं।
सतना। माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं की मूल्यांकन कार्य के लिए जिले में शिक्षक नहीं मिल रहे हैं। मूल्यांकन के लिए जरुरत एक सैकड़ा शिक्षकों की है लेकिन पहुंच महज 50 से भी कम रहे हैं। शिक्षकों की लापरवाही से दूसरे चरण के मूल्यांकन कार्य भी प्रभावित होने की आशंका बनी हुई है।
दूसरे चरण के मूल्यांकन के लिए दो जिलों से दसवीं कक्षा की 85,225 और बारहवीं कक्षा की 27,605 उत्तरपुस्तिकाएं भेजी गयी हैं। इनमें कक्षा दसवीं के हिन्दी, अग्रेजी, अंगे्रजी विशिष्ट और बारहवी कक्षा के भूगोल, राजनीतिशास्त्र, रसायन, गणित, समाजशास्त्र और आईटी विषय की कॉपियां शामिल हैं।
जरुरत सौ की पहुंच रहे पचास
कक्षा दसवीं की गणित और हिन्दी विषय की सबसे ज्यादा कॉपियों का मूल्यांकन किया जाना है। इसके लिए प्रतिदिन एक सैकड़ा शिक्षकों की जरुरत है। हाई स्कूल के लिए 207 और हायर सेकेण्डरी की उत्तर पुस्तिकाओं के लिए मूल्यांकन के लिए 240 शिक्षकों की ड्यूटी लगायी गयी है। लेकिन हाई स्कूल की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने महज 50 शिक्षक पहुंच रहे हैं।
मूल्यांकन प्रभावित होने की आशंका
लापरवाही के चलते दूसरे चरण का भी मूल्यांकन प्रभावित होने की आशंका बनी हुई है। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला मूल्यांकन प्रभारी ने पत्र लिखकर स्थित की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को दी है। मूल्यांकन कार्य में लापरवाही को गंभीरता से लिया है। प्रथम चरण में अनुपस्थित रहने वाले तीन सैकड़ा से अधिक शिक्षकों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है।
वेतन काटने की तैयारी
संतुष्टिजनक जवाब नहीं मिलने पर प्राचार्यो को वेतन काटने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं दूसरे चरण के लिए प्राचार्यो को शतप्रतिशत शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने निर्देशित किया गया है। इसके बाद भी अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
सतना। माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं की मूल्यांकन कार्य के लिए जिले में शिक्षक नहीं मिल रहे हैं। मूल्यांकन के लिए जरुरत एक सैकड़ा शिक्षकों की है लेकिन पहुंच महज 50 से भी कम रहे हैं। शिक्षकों की लापरवाही से दूसरे चरण के मूल्यांकन कार्य भी प्रभावित होने की आशंका बनी हुई है।
दूसरे चरण के मूल्यांकन के लिए दो जिलों से दसवीं कक्षा की 85,225 और बारहवीं कक्षा की 27,605 उत्तरपुस्तिकाएं भेजी गयी हैं। इनमें कक्षा दसवीं के हिन्दी, अग्रेजी, अंगे्रजी विशिष्ट और बारहवी कक्षा के भूगोल, राजनीतिशास्त्र, रसायन, गणित, समाजशास्त्र और आईटी विषय की कॉपियां शामिल हैं।
जरुरत सौ की पहुंच रहे पचास
कक्षा दसवीं की गणित और हिन्दी विषय की सबसे ज्यादा कॉपियों का मूल्यांकन किया जाना है। इसके लिए प्रतिदिन एक सैकड़ा शिक्षकों की जरुरत है। हाई स्कूल के लिए 207 और हायर सेकेण्डरी की उत्तर पुस्तिकाओं के लिए मूल्यांकन के लिए 240 शिक्षकों की ड्यूटी लगायी गयी है। लेकिन हाई स्कूल की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने महज 50 शिक्षक पहुंच रहे हैं।
मूल्यांकन प्रभावित होने की आशंका
लापरवाही के चलते दूसरे चरण का भी मूल्यांकन प्रभावित होने की आशंका बनी हुई है। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला मूल्यांकन प्रभारी ने पत्र लिखकर स्थित की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को दी है। मूल्यांकन कार्य में लापरवाही को गंभीरता से लिया है। प्रथम चरण में अनुपस्थित रहने वाले तीन सैकड़ा से अधिक शिक्षकों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है।
वेतन काटने की तैयारी
संतुष्टिजनक जवाब नहीं मिलने पर प्राचार्यो को वेतन काटने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं दूसरे चरण के लिए प्राचार्यो को शतप्रतिशत शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने निर्देशित किया गया है। इसके बाद भी अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।