Advertisement

चहेते संविदा शिक्षकों का कार्यकाल बढ़ाने की तैयारी

प्रदेश टुडे संवाददाता, ग्वालियर : जीवाजी विश्वविद्यालय की कुलपति और रेक्टर चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए अधिकारों का दुरुपयोग करने पर आमादा है। इसी के तहत 25 हजार फिक्स सैलरी और संविदा पर भर्ती किए गए उन सहायक प्राध्यापकों का कार्यकाल बढ़ावाने की फिराक में हैं,जिनकी नियुक्ति 31 मार्च 2017 तक के लिए की गई  है।
जैसे ही यह अंतिम तिथि नजदीक आ गई है,तो चहेते संविदा शिक्षकों की सेवा अवधि तीन माह बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। इसके तहत यह रास्ता निकाला गया है कि आगामी कार्यपरिषद की बैठक में ऐसा प्रस्ताव ले जाएं,जिससे कुलपति के खुद के ऊपर कोई उंगली नहीं उठा सके।

बता दें कि जेयू ने दो माह पहले विवि के सेल्फ फायनेंस विभागों में संविदा पर तीस से अधिक सहायक प्राध्यापक भर्ती किए हैं। इनके लिए यूजीसी से अलग से 50 लाख रूपए अनुदान मिलने की बात जेयू की वीसी ने कही और शासन के पास अनुमति के लिए पत्र भेजा। जिस पर नियुक्तियों  के संबंध में शासन से जो अनुमति पत्र जेयू भेजा था,उसमें दस शर्तें लगाई गर्इं। इनमें से प्रमुख शर्तें यह है कि इन संविदा शिक्षकों का वेतन विवि के खाते से नहीं दिया जाएगा। यह नियुक्तियां सिर्फ 31 मार्च 2017 तक के लिए ही मान्य होंगी। इसके बाद संबंधितों की सेवाएं नहीं ली जा सकेंगी। भर्ती में आरक्षण के नियमों का पालन करना होगा। वावजूद इसके जेयू के अफसरों ने चहेतों को भर्ती करने नियुक्ति प्रक्रिया में मनमर्जी चलाई और नियमों की अनदेखी की। कई विषयों में जो पात्र थे,उन्हें सिलेक्ट न करते हुए अपने करीबियों का सिलेक्शन कराया दिया। अब अपनी नियुक्ति को बरकरार रखने चाल चली जा रही है। यूजीसी ने भी इनकी सैलरी के लिए जो पैसा दिया है,उसकस उपयोग 31 मार्च तक ही कर सकते है। दूसरी तरफ उच्च शिक्षा विभाग  के भी स्पष्ट निर्देश हैं कि 31 मार्च 2017 तक ही संविदा शिक्षकों की सेवाएं ली जा सकेंगी। वावजूद इसके इन शर्तों का ओवरलुक करते हुए ऐसा रास्ता तलाशा जा रहा है कि संविधित संविदा शिक्षक तीन माह तक और सेवा देते रहे। यहां तक वीसी और रेक्टर तो यहां तक कर रहे हैं कि यूजीसी पैसा नहीं देगा तो विवि के खाते से ही भुगतान कर दिया जाए। इस संबंध में विवि की कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला के बात करना चाही तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। 

UPTET news

'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();

Facebook