इंदौर. सुप्रीम कोर्ट के व्यापमं घोटाले में नकल कर मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाने वाले 634 छात्रों के दाखिले निरस्त करने के बाद महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज ने संचालक चिकित्सा शिक्षा विभाग (डीएमई) को आगे की कार्रवाई के लिए छात्रों की सूची सौंप दी है।
निलंबन के बाद भी कई छात्र कोर्ट के स्टे के आधार पर पढ़ाई कर रहे हैं, इन्हें बाहर करने का आदेश विधिक राय लेने के बाद जारी होगा।
आदेश से एमजीएम कॉलेज, अरबिंदो और इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में करीब 125 छात्र प्रभावित हुए हैं। घोटाले के खुलासे के बाद व्यापमं ने करीब 1100 छात्रों की सूची जारी की थी। बचे छात्रों के लिए भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आगे का रास्ता बंद हो गया है। व्यापमं से जुड़े मामलों में पैरवी कर चुके अभिभाषक आकाश शर्मा का कहना है कि सभी की डिग्री व प्रवेश अवैध घोषित होने के बाद वह सिर्फ12वीं पास रह जाएंगे। वेटिंग वालों को सीट देने का प्रावधान नहीं है, इसलिए अन्य को प्रवेश भी नहीं मिल पाएगा।
जिन लोगों के प्रवेश को फर्जी माना गया है, ऐसे डॉक्टरों की डिग्री निरस्त होगी। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने ऐसे डॉक्टरों को पहले ही अस्थाई डिग्री दी थी। एमसीआई आदेश जारी कर ऐसे डॉक्टरों की प्रैक्टिस पर रोक लगाएगी। इधर, एमजीएम कॉलेज के मुताबिक, डीएमई को सूची सौंप दी है। वर्ष 2008 से 2013 तक 93 छात्रों का प्रवेश निरस्त किया गया था। इनमें से 63 कोर्ट के आदेश पर पढ़ाई कर रहे हैं या डिग्री ले चुके हैं।
6 याचिकाएं अब भी लंबित
व्यापमं घोटाले से जुड़ी 6 याचिकाएं अब भी कोर्ट में लंबित हैं। एक याचिका डेंटल एंड मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट में निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों की स्टेट कोटे की सीटों को बेचने की धांधली को लेकर लगी है। आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. आनंद राय, आशीष चतुर्वेदी, संजय शुक्ला व सायबर एक्सपर्ट प्रशांत पांडेय की अर्जी पर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। एक याचिका सुधीर भदौरिया पर कार्रवाई को लेकर डॉ. राय ने लगाई है। एक याचिका प्रदेश के पूर्व राज्यपाल दिवंगत रामनरेश यादव के खिलाफ दर्ज केस रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ लगी है।
निलंबन के बाद भी कई छात्र कोर्ट के स्टे के आधार पर पढ़ाई कर रहे हैं, इन्हें बाहर करने का आदेश विधिक राय लेने के बाद जारी होगा।
आदेश से एमजीएम कॉलेज, अरबिंदो और इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में करीब 125 छात्र प्रभावित हुए हैं। घोटाले के खुलासे के बाद व्यापमं ने करीब 1100 छात्रों की सूची जारी की थी। बचे छात्रों के लिए भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आगे का रास्ता बंद हो गया है। व्यापमं से जुड़े मामलों में पैरवी कर चुके अभिभाषक आकाश शर्मा का कहना है कि सभी की डिग्री व प्रवेश अवैध घोषित होने के बाद वह सिर्फ12वीं पास रह जाएंगे। वेटिंग वालों को सीट देने का प्रावधान नहीं है, इसलिए अन्य को प्रवेश भी नहीं मिल पाएगा।
जिन लोगों के प्रवेश को फर्जी माना गया है, ऐसे डॉक्टरों की डिग्री निरस्त होगी। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने ऐसे डॉक्टरों को पहले ही अस्थाई डिग्री दी थी। एमसीआई आदेश जारी कर ऐसे डॉक्टरों की प्रैक्टिस पर रोक लगाएगी। इधर, एमजीएम कॉलेज के मुताबिक, डीएमई को सूची सौंप दी है। वर्ष 2008 से 2013 तक 93 छात्रों का प्रवेश निरस्त किया गया था। इनमें से 63 कोर्ट के आदेश पर पढ़ाई कर रहे हैं या डिग्री ले चुके हैं।
6 याचिकाएं अब भी लंबित
व्यापमं घोटाले से जुड़ी 6 याचिकाएं अब भी कोर्ट में लंबित हैं। एक याचिका डेंटल एंड मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट में निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों की स्टेट कोटे की सीटों को बेचने की धांधली को लेकर लगी है। आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. आनंद राय, आशीष चतुर्वेदी, संजय शुक्ला व सायबर एक्सपर्ट प्रशांत पांडेय की अर्जी पर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। एक याचिका सुधीर भदौरिया पर कार्रवाई को लेकर डॉ. राय ने लगाई है। एक याचिका प्रदेश के पूर्व राज्यपाल दिवंगत रामनरेश यादव के खिलाफ दर्ज केस रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ लगी है।