मंदसौर। ब्यूरो इस बार माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षाओं
में प्रदेश में नंबर 1 का ताज बरकरार रखने की राह में नगर उदय अभियान सहित
रोड़ा बन सकता है। अभी जिले के लगभग 200 शिक्षक स्कूल में पढ़ाने के बजाय नगर
उदय अभियान में लगे हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अंग्रेजी, विज्ञान
और गणित के शिक्षकों की ड्यूटी भी अभियान में लगाई गई है।
इससे पढ़ाई खासी प्रभावित हो रही है, जबकि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009(आरटीई) के अनुसार शैक्षणिक सत्र में कम से कम 220 दिन कक्षा लगना चाहिए। इस सत्र में देखें तो गैर शैक्षणिक कार्यों और अवकाश के कारण सिर्फ 119 दिन ही कक्षाएं लगेंगी।
नियमानुसार शैक्षणिक सत्र 220 दिनों का माना जाता है। 15 जून से सत्र शुरू होने के बाद भी 15 जुलाई तक का समय प्रवेश प्रक्रिया में निकल गया। अवकाश, प्रशिक्षण, बैठक, त्योहार, आकस्मिक अवकाश, वार्षिकोत्सव के कारण अध्यापन कार्य लगभग 144 दिन ही हो पाया। 35 दिनों तक चलने वाला यह अभियान रही सही कसर भी पूरी कर रहा है। माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षाएं 2 मार्च से प्रारंभ हो रही हैं। इस तरह से सिर्फ 119 दिन ही अध्यापन कार्य होगा। इसके अलावा कभी शिक्षक अवकाश पर तो कभी बच्चे भी अवकाश पर रहे। रिवीजन तो दूर की बात कई स्कूलों में कोर्स भी पूरा नहीं हो पाया है। सबसे ज्यादा समस्या अंग्रेजी, विज्ञान और गणित विषय को लेकर आ सकती है।
सिर्फ स्वास्थ्य जरूरी, शिक्षा नहीं
पहले चरण में तीन दिन, दूसरे चरण में 12 दिन और इसके बाद तीसरे चरण में 20 तक अभियान चलेगा। ड्यूटी निरस्त करने के लिए अधिकारियों को ज्ञापन भी दिए गए। इधर लोक शिक्षण आयुक्त के निर्देश भी हैं कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाया जा सकता। हालांकि निर्देशांें का पालन नहीं हो रहा है। इधर एएनएम की ड्यूटी भी अभियान में लगाई गई थी। लेकिन मिशन संचालक एनआरएचएम ने स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित होने का हवाला देकर सभी कलेक्टर को ड्यूटी निरस्त करने संबंधी आदेश जारी कर दिए है।
कलेक्टर की भी नहीं सुन रहे
शिक्षक श्यामसुंदर देशमुख, चंद्रविनोद सेंगर, सुरेश डबकरा सहित एक अन्य ने जिला शिक्षा केंद्र में आवेदन किया था। इसमें प्रतिभा पर्व और शैक्षणिक कार्य प्रभावित होने का हवाला देकर नगर उदय अभियान में ड्यूटी निरस्त करने की मांग की गई थी। नोटशीट कलेक्टोरेट भेजी गई। जहां कलेक्टर ने ड्यूटी निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए। इसके बाद भी नपा और शहरी विकास अभिकरण द्वारा शिक्षकों को रिलीव नहीं किया गया है।
रिलीव नहीं कर रहे
चार शिक्षकों ने डीपीसी कार्यालय में ड्यूटी निरस्त करने के लिए आवेदन दिया। कलेक्टर ने आदेश भी जारी कर दिए। नपा और शहरी विकास अभिकरण शिक्षकों को रिलीव करने को तैयार नहीं हैं। परीक्षा नजदीक है। स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
-अखिलेश मेहता, जिला सचिव, मप्र शिक्षक संघ
मांग कर चुके
हमने इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी को भी ज्ञापन दिया था। 220 दिन स्कूल लगना चाहिए। गैर शैक्षणिक कार्यों के कारण अध्यापन कार्य नहीं हो रहा। परीक्षा के पहले रिवीजन कराना जरूरी है। लेकिन शिक्षक अभियान में लगे हुए हैं।
-दिलीप सांखला, प्रांतीय उपाध्यक्ष, शिक्षक संघ मप्र
वैकल्पिक व्यवस्था नहीं
नगर उदय अभियान सभी जगहों पर चल रहा है। इसमें शिक्षकों के साथ अन्य कर्मचारियों को भी लगाया गया है। शिक्षकों को लगाना जरूरी है। हमारे पास कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है।
-अर्जुनसिंह डावर, एडीएम
इस तरह बीता शैक्षणिक सत्र
शैक्षणिक सत्र की शुरुआत-15 जून
बोर्ड परीक्षा की शुरुआत- 2 मार्च
प्रवेश प्रक्रिया में समय-30 दिन
रविवार- 38
प्रशिक्षण-15 दिन
बैठक-20 दिन
छमाही परीक्षा-8 दिन
त्योहार-20 दिन
वार्षिकोत्सव-4 दिन
नगर उदय अभियान-35 दिन
अध्यापन कार्य-119
24.5 और 9.5
इससे पढ़ाई खासी प्रभावित हो रही है, जबकि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009(आरटीई) के अनुसार शैक्षणिक सत्र में कम से कम 220 दिन कक्षा लगना चाहिए। इस सत्र में देखें तो गैर शैक्षणिक कार्यों और अवकाश के कारण सिर्फ 119 दिन ही कक्षाएं लगेंगी।
नियमानुसार शैक्षणिक सत्र 220 दिनों का माना जाता है। 15 जून से सत्र शुरू होने के बाद भी 15 जुलाई तक का समय प्रवेश प्रक्रिया में निकल गया। अवकाश, प्रशिक्षण, बैठक, त्योहार, आकस्मिक अवकाश, वार्षिकोत्सव के कारण अध्यापन कार्य लगभग 144 दिन ही हो पाया। 35 दिनों तक चलने वाला यह अभियान रही सही कसर भी पूरी कर रहा है। माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षाएं 2 मार्च से प्रारंभ हो रही हैं। इस तरह से सिर्फ 119 दिन ही अध्यापन कार्य होगा। इसके अलावा कभी शिक्षक अवकाश पर तो कभी बच्चे भी अवकाश पर रहे। रिवीजन तो दूर की बात कई स्कूलों में कोर्स भी पूरा नहीं हो पाया है। सबसे ज्यादा समस्या अंग्रेजी, विज्ञान और गणित विषय को लेकर आ सकती है।
सिर्फ स्वास्थ्य जरूरी, शिक्षा नहीं
पहले चरण में तीन दिन, दूसरे चरण में 12 दिन और इसके बाद तीसरे चरण में 20 तक अभियान चलेगा। ड्यूटी निरस्त करने के लिए अधिकारियों को ज्ञापन भी दिए गए। इधर लोक शिक्षण आयुक्त के निर्देश भी हैं कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाया जा सकता। हालांकि निर्देशांें का पालन नहीं हो रहा है। इधर एएनएम की ड्यूटी भी अभियान में लगाई गई थी। लेकिन मिशन संचालक एनआरएचएम ने स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित होने का हवाला देकर सभी कलेक्टर को ड्यूटी निरस्त करने संबंधी आदेश जारी कर दिए है।
कलेक्टर की भी नहीं सुन रहे
शिक्षक श्यामसुंदर देशमुख, चंद्रविनोद सेंगर, सुरेश डबकरा सहित एक अन्य ने जिला शिक्षा केंद्र में आवेदन किया था। इसमें प्रतिभा पर्व और शैक्षणिक कार्य प्रभावित होने का हवाला देकर नगर उदय अभियान में ड्यूटी निरस्त करने की मांग की गई थी। नोटशीट कलेक्टोरेट भेजी गई। जहां कलेक्टर ने ड्यूटी निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए। इसके बाद भी नपा और शहरी विकास अभिकरण द्वारा शिक्षकों को रिलीव नहीं किया गया है।
रिलीव नहीं कर रहे
चार शिक्षकों ने डीपीसी कार्यालय में ड्यूटी निरस्त करने के लिए आवेदन दिया। कलेक्टर ने आदेश भी जारी कर दिए। नपा और शहरी विकास अभिकरण शिक्षकों को रिलीव करने को तैयार नहीं हैं। परीक्षा नजदीक है। स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
-अखिलेश मेहता, जिला सचिव, मप्र शिक्षक संघ
मांग कर चुके
हमने इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी को भी ज्ञापन दिया था। 220 दिन स्कूल लगना चाहिए। गैर शैक्षणिक कार्यों के कारण अध्यापन कार्य नहीं हो रहा। परीक्षा के पहले रिवीजन कराना जरूरी है। लेकिन शिक्षक अभियान में लगे हुए हैं।
-दिलीप सांखला, प्रांतीय उपाध्यक्ष, शिक्षक संघ मप्र
वैकल्पिक व्यवस्था नहीं
नगर उदय अभियान सभी जगहों पर चल रहा है। इसमें शिक्षकों के साथ अन्य कर्मचारियों को भी लगाया गया है। शिक्षकों को लगाना जरूरी है। हमारे पास कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है।
-अर्जुनसिंह डावर, एडीएम
इस तरह बीता शैक्षणिक सत्र
शैक्षणिक सत्र की शुरुआत-15 जून
बोर्ड परीक्षा की शुरुआत- 2 मार्च
प्रवेश प्रक्रिया में समय-30 दिन
रविवार- 38
प्रशिक्षण-15 दिन
बैठक-20 दिन
छमाही परीक्षा-8 दिन
त्योहार-20 दिन
वार्षिकोत्सव-4 दिन
नगर उदय अभियान-35 दिन
अध्यापन कार्य-119
24.5 और 9.5