स्कूलों में अगले सत्र से एनसीआरटी का पाठ्यक्रम लागू हो जाएगा। शिक्षक
बच्चों को गणित व विज्ञान विषय अच्छी तरह पढ़ा सकें, इसलिए सरकार ने उनके
पढ़ने की व्यवस्था की है। सरकारी प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में कक्षा 3,
5, 6 व 7 को गणित व विज्ञान पढ़ाने वाले शिक्षकों को शासन पढ़ाई के नए तरीके
सिखाएगा।
इसके लिए डाइट या जिला शिक्षा केंद्रों में शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण शासन द्वारा दक्ष प्रशिक्षकों द्वारा दिया जाएगा। जिले में 1450 प्राथमिक स्कूल एवं 660 मिडिल स्कूल हैं। यहां पढ़ाने वाले शिक्षकों में से बहुत ही कम शिक्षक गणित और विज्ञान के हैं। अब इन शिक्षकों को पढ़ाई के नए तरीके सिखाए जाएंगे। ताकि स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार हो सके। आवासीय प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षकों गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा। प्रशिक्षण डाइट में दिया जाएगा।
40 से ज्यादा शिक्षक नहीं होंगे प्रशिक्षण में : जिन जिलों में डाइट नहीं हैं, वहां पर जिला शिक्षा केन्द्र में प्रशिक्षण शिविर आयोजित होंगे। आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र दीप्ति गौड़ मुखर्जी से स्पष्ट आदेश दिए है कि एक चरण में 160 से अधिक शिक्षकों को शामिल नहीं किया जाए। प्रशिक्षण के लिए एक क्लास में 40 से अधिक शिक्षकों की संख्या न हो। शिक्षकों को चार चरणों में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
होमवर्क करना होगा, किताबें भी लाना होंगी
शिक्षकों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण में शर्त रखी गई है कि प्रशिक्षण में शामिल होने वाले शिक्षक को कक्षा 7 की गणित व विज्ञान की पुस्तक पढ़ कर प्रशिक्षण में जाना होगा। साथ ही उनके साथ इन विषयों की किताबें होना भी जरूरी हैं। ताकि उन्हें एनसीईआरटी का पूरा सिलेबस अच्छी तरह से समझ में आ सके।
समान नीति के तहत लागू होगा एनसीईआरटी कोर्स
एक समान शिक्षा नीति लागू करने की कवायद के तहत शिक्षा विभाग नए सत्र (2017-18) से सरकारी स्कूलों में विभागीय कोर्स की जगह अब एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) का कोर्स लागू किया जाएगा। एनसीईआरटी के कोर्स को दो चरणों में लागू में किया जाएगा। पहले चरण में कक्षा 1 से 7 और 9वीं से 11वीं में एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई कराई जाएगी। जबकि दूसरे चरण में अगले शिक्षण सत्र 2018-19 में 8वीं के अलावा 10वीं और 12वीं में भी एनसीईआरटी कोर्स लागू किया जाएगा।
इसके लिए डाइट या जिला शिक्षा केंद्रों में शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण शासन द्वारा दक्ष प्रशिक्षकों द्वारा दिया जाएगा। जिले में 1450 प्राथमिक स्कूल एवं 660 मिडिल स्कूल हैं। यहां पढ़ाने वाले शिक्षकों में से बहुत ही कम शिक्षक गणित और विज्ञान के हैं। अब इन शिक्षकों को पढ़ाई के नए तरीके सिखाए जाएंगे। ताकि स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार हो सके। आवासीय प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षकों गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा। प्रशिक्षण डाइट में दिया जाएगा।
40 से ज्यादा शिक्षक नहीं होंगे प्रशिक्षण में : जिन जिलों में डाइट नहीं हैं, वहां पर जिला शिक्षा केन्द्र में प्रशिक्षण शिविर आयोजित होंगे। आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र दीप्ति गौड़ मुखर्जी से स्पष्ट आदेश दिए है कि एक चरण में 160 से अधिक शिक्षकों को शामिल नहीं किया जाए। प्रशिक्षण के लिए एक क्लास में 40 से अधिक शिक्षकों की संख्या न हो। शिक्षकों को चार चरणों में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
होमवर्क करना होगा, किताबें भी लाना होंगी
शिक्षकों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण में शर्त रखी गई है कि प्रशिक्षण में शामिल होने वाले शिक्षक को कक्षा 7 की गणित व विज्ञान की पुस्तक पढ़ कर प्रशिक्षण में जाना होगा। साथ ही उनके साथ इन विषयों की किताबें होना भी जरूरी हैं। ताकि उन्हें एनसीईआरटी का पूरा सिलेबस अच्छी तरह से समझ में आ सके।
समान नीति के तहत लागू होगा एनसीईआरटी कोर्स
एक समान शिक्षा नीति लागू करने की कवायद के तहत शिक्षा विभाग नए सत्र (2017-18) से सरकारी स्कूलों में विभागीय कोर्स की जगह अब एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) का कोर्स लागू किया जाएगा। एनसीईआरटी के कोर्स को दो चरणों में लागू में किया जाएगा। पहले चरण में कक्षा 1 से 7 और 9वीं से 11वीं में एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई कराई जाएगी। जबकि दूसरे चरण में अगले शिक्षण सत्र 2018-19 में 8वीं के अलावा 10वीं और 12वीं में भी एनसीईआरटी कोर्स लागू किया जाएगा।